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आज उड़ीसा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास पर गोली चली , रक्षक ही भक्षक बने | ड्यूटी पर तैनात एक ASI पुलिस अधिकारी ने बहुत पास से गोली दागी जिसके बाद वहां अफरा - तफरी मच गया | खून से लतपथ मंत्री जी अपनी गाड़ी के पास हीं गिर गए |
यह घटना झाड़सुगड़ा के ब्रजराजनगर की है जहाँ वे एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे | कार की पिछले सीट पर बैठे मंत्री नब किशोर दास जी जैसे हीं नीचे उतरे ASI ने उनके सीने में गोली मार दी |
उन्हें उनके समर्थक व कार्यकर्तागण पकड़ लिए और एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल पहुंचाया गया जहाँ उनकी हालत गंभीर बताई जा रही थी परन्तु अफ़सोस कि अब उन्होंने इस दुनिया क अलविदा कह दिया |
क्राइम ब्रांच ने ASI गोपाल दास को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ जारी है |
राज्य सरकार ने तहकीकात के लिए इस केस को क्राइम ब्रांच को सौंपी जिसमे 7 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम बनाई जिसमे साइबर बैलिस्टिक और क्राइम ब्रांच के अधिकारीगण शामिल है | इस केस का नेतृत्व DSP रमेश सिंह डोरा कर रहे हैं |
जानकारी के आधार पर - आँखों देखा हाल एडवोकेट राम मोहन राव जो वहां कार्यक्रम में उपस्थित थे ने बताया कि मंत्री जी इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट थे | उनके स्थल पर पहुँचने के क्रम में भीड़ इकठ्ठी हुई | उनके स्वागत के लिए सारी तैयारी की गई थी तभी एक वर्दी वाले उनपर गोली चलाई | मैंने उसे आँखों से देखा पास से गोली चलाकर भागते हुए |
अब इस घटना के बाद ASI की पत्नी जयंती दास ने कहा कि - गोपाल दास मानसिक रूप से बीमार है और 7 / 8 वर्षो से उनका इलाज भी चल रहा है | पत्नी ने कहा कि दवा लेने के बाद वे सामान्य व्यवहार करते हैं | इस घटना की जानकारी मुझे भी समाचार से हीं मिली | 5 महीने पहले हीं इनके पति घर वापस आये थे | आज सुबह अपनी बेटी से विडियो कॉल पर उनकी बाते भी हुई है |
उड़ीसा के मुख्यमंत्री नविन पटनायक , स्वास्थ्य मंत्री पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि - इस हमले से मै स्तब्ध हूँ | उनके जल्द स्वस्थ होने की मै कामना करता हूँ परन्तु अब तो उनकी कामना धरी रह गई और मंत्री जी इस दौर से जीत नहीं पाए |
नब किशोर दास 2004 में पहली बार कांग्रेस से टिकट लेकर चुनाव लड़े थे , हार गए | 2009 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिलकर विजयी बने | 2019 में बीजू जनता दल से चुनाव लड़कर तीसरी बार इसी सीट पर विधायक बने | इन्हें क्षेत्र का प्रतिभाशाली नेता माना जाता है | इसी दौर के बाद उन्हें उड़ीसा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया |
उड़ीसा के सभी मंत्रियों में ये सबसे अमीर मंत्री माने जाते हैं और ये मुख्यमंत्री नविन पटनायक के बेहद करीबी है | इनकी शान व शौकत की बातें भी कम शब्दों में लिखना बेईमानी होगी | आप इस बात से पता लगा सकते है - कुछ पहले इन्होने 1 करोड़ से ज्यादा का सोना दान देकर सुर्खियों में आये | महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर जो कि देश के प्रसिद्ध शनि मंदिरों में से एक है वहां 1.7 किलोग्राम सोना और 5 किलोग्राम चांदी से बने कलश दान किये थे |
बड़े हीं दुःख की बात है कि अब स्वास्थ्य मंत्री इस दुनिया में नहीं | इस तरह अगर घटनाएं होती रही तो शायद आनेवाले कल में कोई भी मंत्री किसी कार्यक्रम में मौजूद ही नहीं होंगे | ऐसे में विडियो कॉन्फ्रेंस से हीं सारे कार्यक्रम आयोजित कर लिए जायेंगे | रक्षक ही भक्षक बने तो औरो का क्या कहना ?
इनकी मृत्यु की खबर सुनकर मुझे याद आ गया पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का वह दृश्य जब उन्हें माला पहनाने के क्रम में पहुंची एक महिला ने स्वयं को तो खतरे में डाला हीं , हमारे देश के प्रधानमंत्री के भी चीथरे उड़ाकर लील गई जो दुःख आज भी भुलाये नहीं भुलाया जा सकता | गोली मार देना इंसानियत को शर्मसार करता है मगर जो मानसिक रूप से बीमार हो उस आरोपी को आखिर कौन सी सजा दी जाए ? ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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