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भारत की बेटी सुनीता विलियम्स अन्तरिक्ष में कैसे फंसी ? जबकि मिशन था 1 सप्ताह का | अब वहां इन्हें कब तक रहना पड़ेगा ?
5 जून को 10 :52 बजे अमेरिका की धरती से अपने साथी बुच विल्मोर के साथ बोईंग स्टारलाइनर पर सवार होकर 8 दिन की निर्धारित यात्रा के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में पहुँचने के लिए उड़ान भरा था मगर अफ़सोस की हीलियम गैस के लीक और थ्रसर्टर में खराबी आने से स्टारलाइनर की वापसी नहीं हो सकी और दोनों अन्तरिक्ष में फंस गए |
हालाकि बोईंग ने "नासा" को भरोसा दिलाया कि स्टारलाइनर सुरक्षित है और यात्रियों को वापस लाने के लिए तैयार है मगर नासा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता | उसने स्पष्ट कहा कि हीलियम गैस लीक होने से धोखा हुआ और थ्रसर्टर में खराबी आई ऐसे में हम अन्तरिक्ष यात्रियों की जान के साथ इतना बड़ा खतरा मोल नहीं ले सकते |ध्यान में रखते हुए नासा ने अपना अलग रुख तय किया और बोईंग के स्टारलाइनर की जगह स्पेस x के ड्रैगन कैप्शुल पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोनों को लाने का मिशन सौंप दिया |
स्पेस एक्स "एल्शन मस्क" की एक उन्नत रॉकेट है जो आम आदमी को अन्तरिक्ष की सैर कराता है | इस यात्रा के दौरान यात्री स्पेस स्टेशन पर नहीं उतर सकते बल्कि रॉकेट के अन्दर से हीं स्पेस स्टेशन का नजारा देख सकते हैं या उसके आसपास भ्रमण कर सकते हैं | इस सैर के लिए यात्री को 3 करोड़ 75 लाख रुपये पे करना होता है |
सुनीता विलियम्स अपने साथी के साथ जिस रॉकेट से अन्तरिक्ष में पहुंची थी वह 45 दिनों तक काम कर सकता है , उसके बाद गति ढीली पड़ जायेगी |
दुनिया की दृष्टि इसपर टिकी है कि वे लोग क्या खाते होंगे , कैसे रहते होंगे ?
तो आपको बता दे इस इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को 5 देशो ने मिलकर बनाया है जिसमे 6 बेडरूम , जीम और कई खिड़कियाँ है जिससे बाहर का दृश्य देखा जा सकता है | यह स्टेशन 24 घंटे में धरती का 16 बार चक्कर काटता है | स्टेशन की लम्बाई 109 मीटर है , इसके दोनों तरफ सोलर पैनल लगा है जो पंखे की तरह कार्य करता है | जिस तरह प्लेन में पंख लगे रहते है मगर यह पंख बहुत बड़ा है जिसकी रफ़्तार 28 , 165 किलोमीटर प्रति घंटा है | अब आप समझ सकते है कि स्पेस स्टेशन में यात्रियों के लिए पूरी सुविधा मौजूद है इस गति से वो पूरी दुनिया का कैसे चक्कर काटता है इसलिए वहां खाने पीने सोने की कोई चिंता नहीं |
ये दोनों वहां सुरक्षित है और रिसर्च कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं |
अब सवाल है - ये दोनों धरती पर वापस कब आयेंगे ?
तो निक हेग और रुसी अन्तरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोर सितम्बर में स्पेस एक्स के रॉकेट से उड़ान भरने की तैयारी में है | वे अपने मिशन को पूरा करने के बाद फ़रवरी 2025 में सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के साथ वापस धरती पर आ जायेंगे | वैसे भी ये दोनों वहां अकेले नहीं , अन्य वैज्ञानिक भी वहां पहले से मौजूद थे जिन्होंने इन दोनों को रिसीव किया |
स्पेस में रिसीव का यह नजारा बड़ा हीं लुभावना लगा | इन सभी ने एक दूसरे से गले मिलकर ख़ुशी का इजहार शेयर किया |
आगामी शुक्रवार तक बोईंग जिससे ये दोनों अन्तरिक्ष में पहुंचे थे वो वापस आ जायेगा | नासा ने कहा है कि इसे न्यू मेक्सिको के रेगिस्तानी इलाके में उतारा जायेगा जहाँ दुर्घटना की स्थिति में जनहानि की आशंका न हो |
अब हम आपको बता दे - अन्तरिक्ष में पहुँचने के लिए मात्र 408 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है जिसके लिए 4 घंटे का समय लगता है |
अगले फीचर में हम उन पांच देश का नाम और खर्च के साथ इसका निर्माण कब किया गया विस्तार पूर्वक बताएँगे | विश्वास है हमारा यह फीचर जिसमे सुनीता विलियम्स के विषय में जानकारी दी , पसंद आया होगा और आपकी चिंता दूर हुई होगी | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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