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तमिलनाडु की एक ऐसी घटना सामने आई है जो लड़को में हाथ उठाने वाली आदत को सतर्क करता है |
जी हाँ अपनी होने वाली दुल्हन पर हाथ उठाकर कुछ पल के लिए तो इंजीनियर साहब हीरो बन गए | परन्तु लड़की ने खामोश रहकर उन्हें ऐसा तमाचा मारा है , जिसे वह तमाम उम्र भूल नहीं पायेंगे |
मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के आधार पर हम आपको बता दे कि - चेन्नई के एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर इंजीनियर के रूप में काम करने वाले लड़के की सगाई 6 नवम्बर को हुई थी | एक रश्म के दौरान 19 जनवरी को दोनों मंगेतर साथ में डांस कर रहे थे | दूसरे दिन हीं दोनों की शादी होने वाली थी | डांस करते दूल्हा - दुल्हन के बीच लड़की के कजन आ गए और दोनों के कंधे पर हाथ रखकर डांस करना शुरू किया |
दुल्हे को यह बात पसंद नहीं आई और कुछ हीं देर बाद उन्होंने अपनी होने वाली दुल्हन को तमाचा मार दिया | गुस्से में लड़के का हाथ तो उठ गया | अब सोंचा जा सकता है कि - शादी से पहले इतना गुस्सा तो फिर शादी के बाद का आलम क्या होगा ?
तमाचा तो उठा दिया लड़का ने , क्यूंकि उन्हें स्वयं के इंजीनियर होने का गुमान होगा | मगर सोंचा नहीं था की यह तमाचा उन्हें कितना भारी पड़ेगा |
दुल्हन और उनके परिजनों को यह बात बहुत बुरी लगी | लड़की पर हाथ उठाना परिवार के किसी भी व्यक्ति को रास नहीं आया और वह गुस्से में आकर अपने रिश्तेदार के किसी दूसरे लड़के के साथ 20 जनवरी को हीं अपनी लड़की का विवाह करा दिया |
जब यह बात पूर्व मंगेतर इंजीनियर को मालूम हुआ , तो वे तिलमिला गए | क्यूंकि उनका हाथ खाली रह गया था | अब तो उनके सॉरी माँगने का भी रास्ता बंद हो चूका था | अपने अहम् को समेटते हुए वे पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई | जिसमे 7 लाख रुपये का मुआवजा माँगा है | लड़के का कहना है कि - शादी की व्यवस्था करने में उन्होंने 7 लाख रुपये खर्च किये थे |
सारी बाते सुनने के बाद पुलिस अधिकारी ने लड़के से कहा कि - आपकी शिकायत दर्ज कर ली गई है | परन्तु आप पर भी दुल्हन को तमाचा मारने का आरोप है | पुलिस अधिकारी ने उन्हें कानून का पाठ पढ़ा दिया | अब मामले की जाँच की जा रही है |
यह घटना तमिलनाडु के कुड्डालोर की है | विवाह रद्द होने पर हुआ लड़के का बुरा हाल |
ऐसे लड़के अपनी आदत को सुधारे ले , अन्यथा आप खाली हाथ रह जायेंगे और दुल्हन चली जायेगी किसी और घर और वहीं रिश्ते टूटकर बिखर जायेंगे | फिर पश्चताकर क्या करेंगे जब चिड़िया चुन जायेगी खेत |इसलिए अब सोलहवी शताब्दी में जीना छोड़ दे , जब महिला चहारदीवारी में कैद होकर आपकी प्रताड़ना सहते हुए सिसकियाँ भरकर जिंदगी जी लिया करती थी | अब वह जमाना रहा नहीं | अब है कलयुग ,जहाँ आप आम का पेड़ लगायेंगे तो आम हीं खायेंगे और बबूल लगायेंगे तो बबूल हीं खाना पड़ेगा | अब सोंचना आपको है ! क्यूंकि अब महिला चुप नहीं बैठेगी और नुकसान आपको उठाना पड़ेगा | इसलिए सतर्क हो जाए | ......( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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