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बायोग्राफी जो आपके व्यक्तित्व का परिचय देता है | आपके विषय में बताता है जिससे लोग आपको पहचानते है / जान जाते हैं | इंसान स्वयं में एक बायोग्राफी है मगर हम स्वयं को न पढ़कर उन हस्तियों को पढ़ते है और उनके विषय में हीं हम जानना चाहते है कि उनके उंचाई का राज क्या है ?
आरंभिक दौर से जब बच्चे स्कूल में जाते है तो उनके हाथ में जो पुस्तकें दी जाती है , वहीं से बायोग्राफी का आरम्भ हो जाता है | राइटर और राइटर द्वारा लिखी गई हर वो बाते जो हमें देश दुनिया के विषय में जानकारी दे जाता है , बच्चे उन्हें याद करते हैं और याद करते हुए वो बड़े होते चले जाते हैं | शब्द और याद के इसी समुन्द्र में गोता लगाते हुए कोई जीत जाता है तो कोई हार जाता है | जो जीत जाता है उसकी जीत एक बायोग्राफी बनकर दुनिया को रौशनी दे देता है जो हार जाता है वहीं पर ठहर जाता है |
चलिए आज हम बायोग्राफी के दौर से उन सभी को जोड़ने का क्रम आरम्भ करेगे , जिन्होंने ऊंचाई को छुआ / प्रयासरत है और हार कर बैठ गए | कहीं न कहीं कोई कारण होता है जब इंसान हार जाता है और मेरे हिसाब से हार की बायोग्राफी में शायद दोगुनी चमक है जहाँ हारा हुआ इंसान दूसरे को नए मार्ग देकर जीतने को प्रेरित करता है |
बायोग्राफी का आरम्भ हम उन्हीं से करने जा रहे हैं जिनकी पूजा हिंन्दु धर्म में सबसे पहले की जाती है क्यूंकि किसी भी कार्य को करने से पहले लोग श्रीगणेश करने की राय देते है और यही सच है | इसलिए हम इन्हीं बातो को सरआँखों पर रखते हुए भगवान श्रीगेश की कुछ बाते यहाँ प्रस्तुत करने जा रहे हैं |
ईश्वर का कोई बायोग्राफी नहीं जिनके विषय में हम कुछ लिख सके क्यूंकि इनका आरम्भ पता नहीं और अंत होगा नहीं , ऐसे में हीं श्रृष्टि चल रही है | किसी भी देवी - देवताओं के जन्म के विषय में आदमी को शायद हीं ज्ञान हो परन्तु आरंभिक दौर से लिखी जा रही बातो को हीं हम सदैव निखारते आ रहे हैं क्यूंकि आस्था में हीं ईश्वर का निवास स्थान है जहाँ सत्य कभी पराजित नहीं होता और शायद इसलिए कहा गया है - "सत्यम , शिवम् , सुन्दरम" ये तीनो शब्द , रूप भगवान भोले शिव शंकर से आरम्भ होकर इन्हीं पर ठहर जाता है |
सनातन धर्म में नई शुरुआत / आरम्भ , समृद्धि , बुद्धि और विघ्न बाधाओं को दूर कर सफलता की उंचाई पर पहुँचने के लिए भगवान श्री गणेश की पूजा कर उनके आगमन हेतु प्रार्थना की जाती हैं |
जानकारी के आधार पर इनका दिवस बुधवार है परन्तु मेरे हिसाब से आस्था / पूजा या ईश्वर को याद करने के लिए कोई दिन या समय निर्धारित नहीं होता |
माँ पार्वती इनकी माता है और देवो के देव भगवान शिव इनके पिता | रिद्धि , सिद्धि और बुद्धि इनकी तीन पत्नियाँ है | कुछ लोगो को इतना पता है कि भगवान गणेश के एक हीं भाई कार्तिकेय है परन्तु जानकारी के आधार पर हम आपको बता दे कि भगवान अय्यपा , देवी अशोक सुंदरी , देवी ज्योति और देवी मनसा ये सभी भाई - बहन है |
शुभता का प्रतिक "शुभ और लाभ" इनके दो बेटे और संतुष्टि की देवी माँ संतोषी इनकी पुत्री है | माँ संतोषी का दिवस शुक्रवार है जिनकी महिमा पर फिल्म भी बनी और लोगो ने अपनी भरपूर आस्था को उनके चरणों में समर्पित किया |
भगवान श्रीगणेश के अनगिनत नाम है जिसमे हम 12 नाम जो लोगो को बड़े हीं निर्मल और सरलता से फल देनेवाला है जिक्र करेंगे | पुराणों में उनके 64 अवतार का उल्लेख है |
सत्ययुग में "देवांतक" और "नरांतक" का वध करने के लिए कश्यप और अदिति के यहाँ जन्म लिया और "महोत्कट" नाम से विख्यात हुए |
त्रेतायुग में उमा के गर्भ से जन्म लिया और नाम "गुनेश" रखा गया | लोग उन्हें गणेश नाम दिया और गुनेश सिन्धु नामक दैत्य का विनाश कर मयूरेश्वर नाम से विख्यात हुए |
द्वापर में माता पार्वती के यहाँ जन्म लिया |
सभी जानते हैं - ऋषि परासर ने इनका पालन किया | महाभारत के रचईता भी श्रीगणेश हीं है जिहोने वेद व्यास के कहने पर महाभारत ग्रन्थ के लिखने की शुरुआत की और उनका कलम रुका नहीं और वे लिखते चले गए |
केसरिया चन्दन इन्हें बहुत पसंद है | दुर्वा चढ़ाने से इन्हें बहुत आनंद आता है और इंसान अपनी मनोकामना पूर्ण कर लेता है | मूषक की सवारी करने वाले भगवान गणेश सत्ययुग में वाहन के रूप में सिंह पर सवारी करते थे और भुजाएं 10 थी | 10 भुजाओं के कारण इन्हें लोग विनायक नाम से जानते रहे |
त्रेतायुग में इनका वाहन मयूर था | इस तरह आज हम कलयुग में प्रवेश कर चुके है और कलयुग में इनका वाहन घोड़ा है और धूम्रकेतु |
भगवान गणेश बुद्धि के भण्डार है , ये अपने भक्तो में विघ्न बाधा / भय मिटाकर कार्य पूरा करने की गुण और शक्ति से उन्हें भर देते हैं | प्रकृति की शक्ति का विराट रूप श्रीगणेश , इन्हीं के नाम से "मंगल" का आरम्भ होता है | ब्रह्मा , विष्णु , महेश सभी इन्ही में मौजूद है | माँ सरस्वती , लक्ष्मी और दुर्गा में भी यहीं रूप है |
कण कण में मौजूद श्रीगणेश जो सारे संकट दूर कर शक्ति प्रदान करते हैं , विजयमार्ग की बाधाओं को दूर करके अपनी शक्ति को पहचानने की दृष्टि प्रदान करते हैं ताकि आदमी निडर होकर आत्मविश्वास से आगे बढ़ सके |
भगवान श्रीगणेश के विषय में हम आपको बहुत सारी जानकारी देनेवाले है जिसमे लोगो की आस्था भी जुड़ी रहेगी | हम इस आस्था को प्रकाश में भरकर आपतक पहुंचाएंगे | साथ हीं मंदिरों के पुजारी और महंथगण की पहुँच जो भगवान की आस्था से जुड़ी है से हम आपको रूबरू कराएँगे |
हम आपके पास भी यह सन्देश छोड़ते है , अगर आपको भी रूचि है इस दौर में और आप जानकारी से भरपूर है तो आप इस गति में शामिल होकर अपने कलम को बहुत दूर तक ले जा सकते है | फिलहाल इतना हीं ............... ( बायोग्राफी अपडेट :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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