CDS जनरल बिपिन रावत के साथ 13 पार्थिव शरीर तिरंगे में ससम्मान दिल्ली एयरपोर्ट पर लाये गए , माहौल गमगीन बना | Bhavyashri News
- by Admin (News)
- Dec 10, 2021
हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 13 जवानों के पार्थिव शरीर को गुरुवार की देर शाम तमिलनाडु के रेजिमेंडल सेंटर से पुरे सम्मान के साथ दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लाया गया |
पहले से हीं एयरपोर्ट पर खड़े उनके परिजन व अन्य लोग उन्हें देख भावविहल हो गए | उन्हें इस सच्चाई का सामना कर अपने मन को सतवाना देते हुए डगमगाते पाँव को जमीन पर टिकाना पड़ा |
एयरपोर्ट पर श्रधांजलि देने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे | काफी गमगीन माहौल को देखते हुए उनकी आँखे भी भर आई | समझने वाली बात है कि - इन्हीं जवानों के हाथ में तो देश की रक्षा का कवच होता है और हमने इतने सारे भाइयो को एक साथ खो दिया | ये जागते है तो देश सोता है , आज देश को एक अपूर्णीय क्षति का सामना करना पड़ा |
जनरल रावत को दो बेटी - बड़ी कार्तिक जो मुंबई में रहती है और छोटी तारिणी दिल्ली हाई कोर्ट में अधिवक्ता है , दोनों एयरपोर्ट पर अपने माता - पिता के शरीर को तिरंगा में लिपटा देख स्वयं पर काबू नहीं रख सकी , रो रोकर जार हुई | सर से सिर्फ साया हीं नहीं उठा , मुस्कराहट की लकीरे भी समाप्त हो गई | जब किसी के लौटने का इंतज़ार हो और लौटना इस कदर हो ताबूत में , तो दिल बेचैन / पागल सा बन जाता है | बेटी ने कभी सोंचा भी नहीं होगा कि - समय इस कदर अपना रंग दिखला जाएगा !
प्रधानमंत्री सभी ताबूत पर श्रधांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों से मिले | उनके दर्द को बाटने की कोशिश की और स्वयं भी उस दर्द को महसूस करते हुए गमगीन हुए |
पालम एयरपोर्ट का माहौल ऐसा बना जैसे मातम छाया हो और यह सत्य हीं था | तीनो विंग के सेनाधिकारी ताबूतो में रखे पार्थिव शरीर को विमान से उतारकर एयरपोर्ट बिल्डिंग में लाये |
मालुम हो कि - बुधवार को कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ , जिसमे 12 जवानों के साथ उनकी पत्नी ने देश को अलविदा कहा | दुर्घटना की सूचना से तो परिजन अवाक रह गए | परन्तु अब इनका पर्थिव शरीर एयरपोर्ट पर पहुंचा तो उसे देख परिजन जानहीन हो गए |
ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर की लड़की आशना जो बारहवीं में पढ़ती है , तिरंगे से ढका अपने पिता के ताबूत को कुछ पल निहारती हुई झुककर चूम लिया | फिर उनके पाँव की तरफ गई और अपने पिता से कुछ बाते की | यह देख सभी का दिल भर आया , मगर ऐसा महसूस हुआ कि - पिता ने अपनी बेटी की बातो को जरुर सुना होगा ! ब्रिगेडियर लिद्दर की पत्नी ने भी अपने पति की ताबूत पर अपना सर रखकर उन्हें श्रधांजलि दी | वहां का माहौल मुलाक़ात की आखिरी घड़ी थी जिसे कभी न समाप्त होने वाली आंसूओं की लड़ी कही जा सकती है |
आशना साहित्य प्रेमी है , शायद ! अपने कलम के सहारे शब्दों को जरिया बनाकर अपने दिल के उफनते हुए दर्द पर मलहम लगा सके , मगर यह जख्म कभी भर नहीं पायेगा |
डिफेन्स मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एनएसए अजीत डोभाल भी उनका दर्शन करने पहुंचे और जवानों को श्रधांजलि दी |
शुक्रवार को आम जनता दर्शन कर पाएगी फिर इनका अंतिम संस्कार किया जायेगा |
यह सत्य है जाने वाले कभी लौटकर नहीं आते , कारण चाहे जो हो | मगर ऐसे जवान कभी मरते नहीं , सदैव जिन्दा रहते है इतिहास बनकर | इसी लिए कहा जाता है - ऐसी करनी कर चलो हम हँसे जग रोये | आज इनकी जुदाई के मर्म में सारा वातावरण और देश गमगीन है |
आप सभी को हमारी तरफ से श्रद्धा सुमन व श्रधांजलि अर्पित | आप सदैव हमारे मन व दिल में बने रहेंगे , क्यूंकि आप हमारे रक्षक थे और है | .... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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