गाजीपुर में कूड़े की ढेर में लगी आग का धुँआ आज भी लोगो के बीच परेशानी का सबब बना , 500 करोड़ की अर्जी बढ़ी | Bhavyashri News
- by Admin (News)
- Mar 29, 2022
दिल्ली के गाजीपुर में कूड़े की पहाड़ में लगी आग पर काबू तो पा लिया गया है , परन्तु कूड़े की ढेर से निकलने वाले धुँआ से लोगो का जीना मुहाल हुआ | सोमवार दोपहर को आग लगी थी जिसका धुँआ अन्दर हीं अन्दर सुलगता हुआ अपनी मौजूदगी दर्शा रहा है | इस भीषण गर्मी में लोगो का साँस लेना मुश्किल हुआ |
मीडिया ने इस क्षेत्र का दौरा किया तो वहां के नागरिको ने बताया कि - इसका धुँआ अब पुरे क्षेत्र में फैल गया है | इस ढेर से गहरा काले रंग का धुँआ निकलता जा रहा है जिससे साँस लेने में दिक्कत हो रही है | कूड़े का यह ढेर गाजीपुर लैंडफिल साइड मुल्लां कॉलोनी और राजबीर कॉलोनी के सामने है जहाँ 45 से 50 हजार लोग निवास करते है |
कल दोपहर 1 बजे यहाँ पर आग लगी तब से लोगो ने अपने दरवाजे को बंद रखने पर मजबूर हुए | स्वच्छ हवा मिलना तो दूर जलनशील और जहरीली धुँआ के बढ़ते हुए दौर से लोगो की आँखों में जलन की समस्याएं बढ़ रही है जिससे कि उनके कदम अस्पताल की तरफ बढ़ते नजर आ रहे है |
यह कूड़े का पहाड़ 140 लाख टन का है जो दिल्ली के पूर्वी क्षेत्र में धीरे धीरे बढ़ता हुआ एक पहाड़ का रूप लिया जिससे की पूर्वी दिल्ली नगरनिगम प्रशासन की समस्या बढ़ रही है | इस धुएं को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस अग्निकांड की जांच के आदेश देते हुए कहा है कि - इससे पूर्व भी ऐसी घटना हो चुकी है और यह घटना भी लापरवाही के कारण घटी | उन्होंने दिल्ली प्रदुषण नियंत्रण समिति से इस मामले की विशेष रिपोर्ट मांगी है |
धारा 336 के तहत अज्ञात लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है | जानकारी के आधार पर पिछले 3 वर्षो में यहाँ 18 बार आग लग चुकी है |
पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर श्याम सुन्दर अग्रवाल ने मीडिया को बताया है कि - ढाई साल में कूड़े के इस पहाड़ को हटा दिया जाएगा | साथ हीं कहा है कि - 10 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है ,क्यूंकि अभी यहाँ 140 लाख टन कूड़ा है | 50 लाख टन कूड़ा को समाप्त करने में ढाई साल का समय लगेगा जिसके लिए टेंडर जारी किया गया है |
उनके अनुसार ये लगभग 500 करोड़ की योजना है जिसमे उन्होंने केंद्र सरकार से मदद लेने की बात कही है | उन्होंने कहा है कि - आग पर तो हमने काबू पा लिया है , बहुत जल्द धुँआ भी समाप्त हो जाएगा |
कूड़े में लगी आग से सभी लोग चिंतित है , मगर परेशानी का सामना सिर्फ वहां के 45 से 50 हजार नागरिक कर रहे है | अब देश का 500 करोड़ रूपया कचड़ा हटाने में लगने वाला है जिसका टेंडर किसके हाथ लगेगा अभी तय नहीं किया गया | इसे हम बेरोजगारी का नाम दे या रोजगार का ! भारत में अधिक पैसे का होना या फिर धन की तंगी , उलझन में उलझता जा रहा है आज आम नागरिक | अफ़सोस की बात है कि - आज प्रतिदिन भारत में हजारो लोग भूख से मर रहे है , वहीं दूसरी तरफ फिजूल खर्चे का कोई दौर समाप्त नहीं होता |
पहले कचड़ा का घर बनाया जाता है , फिर कचड़ा साफ़ करने के लिए 500 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया जाता है | अब इसे क्या कहा जाए ? पहले कान को खराब करो फिर कान को सुनाई पड़नेवाली मशीन भी बाजार में उपलब्ध मिलता है जिसका विज्ञापन आये दिन देखने - पढ़ने को मिलता है | मगर विज्ञापन को देखकर समझते है कितने लोग !
अब आम आदमी को सोंचना होगा अपनी जिंदगी का मोल और सही रास्ते का चुनाव जिससे भविष्य की उंचाई पर बढ़ता हुआ कूड़े की ढेर पर नियंत्रण पाया जा सके | नहीं तो आने वाले दिनों में अपने आजाद भारत में कूड़े की ढेर को समाप्त करना लोगो के लिए बड़ा कठिन होगा | इसलिए देश के हर नागरिक को कूड़ा के नियंत्रण पर सोंचना जरुरी है , तभी इस निदान को सुलझाया जा सकता है | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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