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हरियाणा सिरसा के नाथूसरी कलां गाँव में बीते दिनों एक विवाह संपन्न हुआ , जिसकी चर्चा बहुत दूर तलक फैली और फैलता हीं जा रहा है | यह विवाह लोगो के लिए एक सबक और सिख भी है | लोग इस शादी के तरीके को अगर अपने जीवन में उतार ले तो वाकई विवाह जैसा पवित्र संबंधों में अद्दभुत निखार व निर्मलता उत्पन्न हो जायेगा |
पवन सिहाग ने अपने पुत्र मनीष सिहाग के विवाह में अपनी रजामंदी से दहेज़ जैसी कुरूतियों को जड़ से मिटाने के लिए व नशामुक्त बनाने का संकल्प लेते हुए सात्विक शादी कराकर रिकॉर्ड बना लिया | ऐसे व्यक्ति हीं सैलूट के हकदार होते है |
विवाह समारोह के दौरान सुमठनी रस्म अदाएगी के समय पवन सिहाग ने दहेज़ के रूप में दी जाने वाली नगद राशि लेने से हाथ जोड़ते हुए इंकार कर दिया | नेग के रूप में लिए 1 रुपया | साथ में नारियल लेने की बात कहकर एक उदाहरण बन गए | इस दृश्य को देखकर पूर्व सरपंच रंजित सिंह ने वर पक्ष की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि - समाज में ऐसी अनेक सामाजिक कुरूतियों को जड़ से समाप्त करने की आवश्यकता है |
लड़के के पिता के द्वारा इस तरह का निर्णय लेने पर गाँव के सभी लोगो में हर्ष पैदा हो रहा है | सरपंच व लोगो का कहना है कि - इस सार्थक पहल का अनुकरण करना चाहिए | दुल्हे के पिता एक अच्छे समाज बनाने की तरफ कदम बढ़ाया है और दहेज़ की कुरूतियों को पाटते हुए अपने रिश्तेदारों के बीच भी वह यहीं सन्देश पहुंचाकर उन्हें प्रेरित करेंगे | उन्होंने नशामुक्ति अभियान चलाकर युवाओं को नशे से भी दूर रहने की अपील की है | इस शादी में नशा जैसे पेय पदार्थ पीने पर अंकुश लगाया गया |
बरात लाई गई थी नाथूसरी कलां गाँव में , जहाँ पूर्व सरपंच जुगल लाल कासनिया की पौत्री मनीषा संग शादी संपन्न हुई | दोनों परिवार मिलकर अपने बच्चो की शादी में दहेज़ समाप्त करने के उद्देश्य से कदम आगे बढ़ाते हुए समधी मिलन किया | गाँव ने तालियों से स्वागत कर इनकी पहल को काफी सराहा |
लोगों पर इनकी बातो का असर हुआ तो दहेज़ जैसी कुरूतियों का नाश करने में यह मील का पत्थर साबित होगा और एक दिन ऐसा आएगा कि लोग दहेज़ को कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक मानकर दहेज़ जैसी पोजेटिव असर को अपने दरवाजे से दूर हीं रखना पसंद करेंगे | इन्होने सिर्फ दो बच्चो का विवाह नही कराया बल्कि एक बड़ा परिवार बनकर एक सुख - दुःख के साथी बने और एक खुबसूरत सन्देश समाज को दिया | बस मन में उतारने भर की देर है |
इससे पूर्व सिरसा के ऐलनाबाद में ओमप्रकाश गोदारा के बेटे सत्यवान गोदारा जो नोएडा के एक कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत है , उन्होंने दहेज़ के लाखो रुपये को ठुकराकर स्वयं की बिक्री पर रोक लगाते हुए सगुन में 1 रुपया और नारियल लेते हुए विवाह कर एक मिशाल कायम किया | लड़कों में जागरूकता आ जाए तो कुछ भी असंभव नहीं |
मुबारक आप दोनों परिवार को यह सुखद शादी और सन्देश के लिए | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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