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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला को श्रधांजलि अर्पित करने मुंबई के शिवाजी पार्क पहुंचे | इसके लिए उन्होंने गोवा में अपनी वर्चुअल रैली को बाधित किया |
लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित करते हुए श्रधांजलि दी , फिर तीनो सेना ने अंतिम विदाई दी और परिवार के रीति रिवाज के आधार पर धार्मिक कर्मकांड पुरे किये गए | शाम 7 बजकर 16 मिनट पर स्वर कोकिला पंचतत्व मी विलीन होकर छोड़ गई इतिहास लोगो को लिखने के लिए , अपनी सुर के माध्यम से हंसाने के लिए , रुलाने के लिए और कभी न खत्म होने वाली द्रोपदी के चीर की तरह एक याद बनकर रह गई |
आशा भोसले , उषा मंगेशकर और मीना मंगेशकर की मौजूदगी में भाई हृदयनाथ मंगेशकर और भतीजा आदित्य मंगेशकर ने मुखाग्नि दी और राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा पूरी हुई |
29 दिनों तक वे अस्पताल में मृत्यु से लड़ती रही और 6 फ़रवरी की सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर दूसरी दुनियां के लिए सफ़र कर गई |
बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़ खान ने दुआओं में शामिल की श्रधांजलि | उनकी चरण छूकर पढ़ी दुआ और लोगो ने रोते हुए गीत गुनगुनाये |
मुंबई के शिवाजी पार्क में लोग उनके दर्शन के लिए 2 घंटा पहले से हीं मौजूद थे |
महानायक अमिताभ बच्चन , मशहूर गीतकार जावेद अख्तर , गजल गायक पंकज उदास अपने परिवार के साथ , अनुपम खेर सहित कई गणमान्य हस्ती उनके आवास प्रभु कुंज में भी पहुंचे और शिवाजी पार्क में फिल्म इंडस्ट्री के बहुत सारे कलाकार मौजूद थे - रणवीर कपूर , शंकर महादेवन , अमीर खान , संजयलीला भंसाली , श्रद्धा कपूर आदि |
तिरंगे में लिपटा स्वर कोकिला के पार्थिव शरीर को जल , थल , वायु और महाराष्ट्र सरकार की सेना ने उनकी अर्थी को कंधा दिया और फूलों से सजाये गए ट्रक में रखकर शिवाजी पार्क के लिए यात्रा शुरू की , जहाँ अंतिम संस्कार होना था | भारत की बेटी भारतीय आंचल में लिपटकर लोगो के दिलो पर गहरा छाप हीं नहीं छोड़ा बल्कि जब तक धरती , अम्बर का साथ लोगो को मिलेगा स्वर कोकिला का स्वर इस धरती पर मौजूद रहकर अम्बर तक गूंजता रहेगा |
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उर्द्धव ठाकरे अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे , व पुत्र - मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ मौजूद थे | साथ हीं NCP के वरिष्ठ नेता शरद पवार , पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस सहित कई राजनेता शिवाजी पार्क पहुंचे |
मुंबई के लोगो को जैसे हीं पता चला कि ट्रक इस रास्ते से गुजरने वाला है , वहां हजारो की संख्या में उनके दर्शन व श्रधांजलि के लिए भीड़ उमड़ पड़ी |
28 सितम्बर 1929 को मध्यप्रदेश की धरती इंदौर में जन्म लेकर पूरी दुनिया तक अपनी सुर को फैलाते हुए सुप्रभात करने वाली दीदी अपनी आवाज छोड़ सशरीर विदा हो गई और पंचतत्व से बना शरीर अग्नि के हवाले कर दिया गया |
इनके निधन पर दो दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा और इनके सम्मान में राष्ट्र का झंडा आधा झुका रहेगा |
पश्चिम बंगाल सरकार ने इनके सम्मान में सोमवार को आधी दिन की छुट्टी की घोषणा की है | वहीं महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को सार्वजनिक अवकाश के साथ राजकीय शोक घोषित कर दिया |
प्रभु
कुंज की हर सुबह ऐसी कि जहाँ स्वर कोकिला की आवाज से सुप्रभात होता रहा |
आज सुना पड़ गया हर दीवारें जहाँ ढूंढेगी हरेक नज़रे जो आज भी जिन्दा है जहान
में | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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