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गुजरात में बेरोजगारों के मसीहा बन आन्दोलन करने और पेपर लीक के मसले को उठाने वाले युवराज सिंह जडेजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है | इन पर पुलिस के साथ हाथापाई करने और धक्का देने और पुलिस पर गाड़ी चढ़ाने का संगीन आरोप लगा है |
उनकी गिरफ्तारी के बाद गाँधीनगर के SP मयूर चावड़ा ने कहा है कि - हम इस मामले में मीडिया के सामने सबूत पेश करेंगे कि - युवराज सिंह द्वारा पुलिस को परेशान किया गया है , युवराज सिंह ने पुलिस पर गाड़ी चढ़ाई है | जैसे जैसे सबूत मिलते जायेंगे , धाराएं बढ़ाई जायेगी |
55 लोगो के खिलाफ धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है जिसमे विद्या सहायक परीक्षार्थी का बीते 3 / 4 दिनों से धरना प्रदर्शन जारी है | विधानसभा के गेट पर प्रदर्शन करने से उन्हें रोकते हुए कहा गया था कि - वे उचित स्थानों पर अपनी बातो को कहे / रखे | परन्तु प्रदर्शनकारी उनकी बातो को नजरअंदाज करते हुए डटे रहे |
जानकारी के आधार पर जडेजा पर IPC की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास के लिए मामला दर्ज किया गया है | उनके कृत्य से कांस्टेबल की मौत हो सकती थी | क्यूंकि कांस्टेबल को कार के बोनट पर घसीटने के बाद उनपर पाबन्दी लगाया गया |
जानकारी के आधार पर मंगलवार 5 अप्रैल को जब युवराज सिंह जडेजा और साथ में आन्दोलन कर रहे लोगो को पुलिस वहां से हटाने की कोशिश कर रही थी , इस क्रम में विवाद गहराया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया |
यह प्रदर्शन गांधीनगर में हो रहा था जिसमे युवराज सिंह हिस्सा लेने पहुंचे थे |
गिरफ्तारी के बाद SP मयूर चावड़ा ने कहा है कि - युवराज अब तक 10 से ज्यादा पेपर लीक होने के मामले को उजागर किये हैं जिसके बाद सरकार को इस परीक्षा के पेपर को रद्द करना पड़ा |
युवराज काफी लम्बे समय से बेरोजगारी हेतु आन्दोलन चला रहे हैं |ये गुजरात के सौराष्ट्र के रहने वाले है | बीते कुछ वर्षो से गांधीनगर में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में छात्रों को कोचिंग देने लगे | छात्रगण के बीच उनका एक ख़ास स्थान है | सोशल मीडिया पर इनके लाखो प्रशंसक है , प्रशंसक का ग्रुप जिनके पास हो तो उन्हें स्टार बनते या किसी मुद्दे को देश तक पहुंचाने या सरकार से अपनी बातो को मनवाने में देर नहीं लगता |
2019 के गुजरात सचिवालय क्लर्क के एग्जाम में पेपर लीक हुआ जिसके बाद युवराज ने कदम बढ़ाया | उनका सोशल मीडिया पर सिर्फ इतना मैसेज था कि - सभी लोग गांधीनगर में इकठ्ठा हो और सड़को पर आन्दोलन ने रूप ले लिया | इस आन्दोलन में युवराज की मांग थी - सचिवालय परीक्षा को तत्काल रद्द किया जाए |
आन्दोलन का बड़ा रूप होता देख तत्कालीन मुख्यमंत्री रूपाणी सरकार को झुकना पड़ा जिसके बाद क्लर्क परीक्षा रद्द हुआ |
क्यूंकि यह आन्दोलन राजनीतिक नहीं बल्कि युवाओं के हक़ के लिए लड़ी गई लड़ाई थी , जिसमे युवराज के सर जीत का सेहरा बंधा | लोग युवराज पर भरोषा करने लगे और एक बार फिर सरकार को झुकना पड़ा जब क्लर्क भर्ती परीक्षा का नतीजा सामने आ गया जिसमे सरकार चुने गए लोगो को कॉल / लैटर नहीं दे रही थी | इस मुद्दे पर एक बार युवराज ने सरकार के सामने आन्दोलन का बिगूल फूंक दिया और सरकार को झुकना पड़ा |
युवराज के आन्दोलन से गौण सेवा आयोग जिसके द्वारा सरकारी भर्ती परीक्षा लिए जाते है के अध्यक्ष और राज्य की सत्ता में बैठे आसीत बोरा को इस्तीफा देना पड़ा |
अब छात्र एक बार फिर सड़को पर उतर आये हैं , क्यूंकि हेड क्लर्क की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया | परन्तु युवराज सिंह की टीम ने सबूत इकठ्ठा कर सरकार के सामने रख दिया जिसके बाद सरकार करवाई हेतु मजबूर हुई |
अब
देखना है कि - युवराज की गिरफ्तारी के बाद छात्रो का आन्दोलन किस तरह उछाल
लेता है या फिर गति धीमी होती है | इस गिरफ्तारी से छात्रो के बीच हडकंप सा
मच गया ,क्यूंकि इनके मसीहा युवराज सिंह जडेजा अभी पुलिस की गिरफ्त में है
| ....... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्य , एम० नूपुर की कलम से )
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