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बेरहम दिल , आँखे तमाशबीन बनकर देखता रहा , कुत्ते की समूह 4 वर्ष के मासूम को नोचता रहा | नन्हीं ताकत कम पड़ गई लड़ते - लड़ते | बुजदिल बेरहम आँखे इस दृश्य को अपने कैमरे में उतारती रही ताकि उनके व्यूज से कुछ रकम उन्हें मिल सके शायद ऐसा हीं होगा !
अगर मेरी आँखों ने इस विडियो को देखने में या फिर लिखने में चुक कर गई हो तो इसके लिए हम सबसे पहले माफ़ी चाहेंगे |
सबसे पहले हम आपको इस घटना की विस्तृत जानकारी दे दें -
यह घटना हैदराबाद के निजामाबाद की है जहाँ गंगाधर इस बिल्डिंग में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करते हैं और उनका परिवार भी इसी बिल्डिंग में रहता है |
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6 कुत्ते से ज्यादा इस विडियो में आप देख सकते है | बच्चो पर हमला करता हुआ यह दृश्य CCTV कैमरे में कैद हुआ | इस विडियो में देखा जा सकता है कि - बच्चा कहीं जा रहा है तभी एक - एक कर कुत्ते उनपर झपट पड़ते हैं और बच्चा का छोटा पाँव आगे दौड़ नहीं पाता और बच्चा जमीन पर गिर पड़ता है | कुत्ते बच्चे को दबोचता , नोचता दिखाई पड़ रहा है |
उसके रोने की आवाज सुनकर उनके पिता पास पहुँचते हैं | कुत्ते से छुड़ाकर उसे जख्मी हालत में अस्पताल पहुंचाते हैं मगर अफ़सोस कि अब उस बच्चे की मौत हो चुकी है |
स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी यह मामला दर्ज कर लिया गया है |
जानकारी के आधार पर आँखों देखा हाल वहां मौजूद एक व्यक्ति ने बताया - वह पास के कॉलेज में सिक्योरिटी पर तैनात थे | यह बात रविवार की है | उन्होंने एक वाचमैन को मदद के लिए चिल्लाते हुए सुना जिसके बाद वे वहां पहुंचे तो देखा कि - वाचमैन के हाथ में खून से लतपथ उनका बेटा उनकी गोद में था | इस व्यक्ति ने बच्चो को अस्पताल पहुंचाने में मदद की | यह तो रही एक इंसानियत की बातें |
अब मेरी आँखों ने इस विडियो पर नजर डाली तो यह कहना लाजमी होगा कि वह नन्हीं सी जान में इतनी ताकत नहीं थी की कुत्तो से वह अपना पीछा छुड़ा पाता | सभी कुत्ते मिलकर बच्चे के बदन को नोचता रहा | हमारा अनुभव भले हीं गलत साबित हो मगर यह सच है कि यह दृश्य सिर्फ CCTV कैमरे ने कैद नहीं किया बल्कि एक बेरहम दिल भी कैमरे में उस दृश्य को तबतक कैद करता रहा जबतक कुत्ते ने पूरी तरह बच्चो को नोंच नहीं डाला |
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एक बार फिर इस विडियो को आप गौर से देखिये तो शायद आप भी हमारे अनुभव पर कलम नहीं लगायेंगे | बच्चे की मौत तो हो गई परन्तु उस आदमी की आत्मा क्या उसे जिन्दा रहने देगी ? जबतक उनकी सांसे चलती रहेगी , उस बच्चे की जिंदगी उनके मन के मंदिर में दर्द का उछाल लेगी और मासूम मन की चीखें उन्हें चैन से कभी सोने नहीं देगी |
इस मासूम जिंदगी की मौत का कोई भरपाई नहीं और न कोई विकल्प है | एक असहाय बच्चा कुत्ते की कैद से अपना बचाव कर न सका और बड़े लोग विडियो बनाते रहे |
यहाँ दो बाते हम कहना चाहेंगे -
एक यह कि उस परिवार के लोगो ने नन्हें से जान को क्यूँ तनहा छोड़ दिया ?
दूसरा यह कि वह बच्चा किसी का भी हो , उसका बचाव हर आदमी का फर्ज था जो वहां उस वक्त मौजूद था | एक बड़े व मजबूत इंसान के पास एक बच्चे की मौत कुत्ते के झपट लेने से होती है , आदमी विडियो शूट करता इस विडियो में दिखाई पड़ता है | यह दृश्य इंसानी प्रवृति को शर्मसार करने जैसा है | मातृत्व का भाव इंसान में होना बड़ा जरुरी है | मेरे ख्याल से वह बच्चा देश का एक वीर सपूत कहलाता मगर अफ़सोस अभी तो उसने दुनिया को देखा भी नहीं और तड़प - तड़पकर उसकी मौत का नजारा वहां खड़े लोग अपनी कैमरे में कैद करते रहें |
जिंदगी नहीं मिलती दूबारा | दुनियां के तमाशबीन लोग और विडियो शूट करने वाले स्वयं को थोड़ा बदलने की कोशिश कीजिये , मन को बहुत शांति मिलेगी | क्यूँ न हम दुनियां के बच्चे के लिए एक माँ बने , एक पिता बने , भाई - बहन बनें ! उनके लिए उनकी ख़ुशी का हर पल बने | शायद ! जिंदगी इसी का नाम है |
यह बच्चा तो आज इस दुनियां में नहीं मगर हर बच्चे पर हमारा हक़ है , उसे अपना हीं औलाद हमें मानना होगा क्यूंकि ये बच्चे हीं हमारे देश और दुनियां का एक भविष्य है | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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