Breaking News
"दुनियां चले न श्रीराम के बिना , राम न मिलेंगे हनुमान के बिना" जी हाँ यह सत्य है | जिन्हें श्रीराम का आशीर्वाद पाना हो तो उन्हें श्री हनुमान के दिल पर दस्तक देना होगा |
हिन्दू धर्म में हनुमान जयंती का बड़ा हीं महत्व है | चैत्र मास की शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को संकट मोचन हनुमान जयंती मनाई जाती है | जय बजरंगबली श्री हनुमान की जयंती इस साल 16 अप्रैल को मनाई जा रही है | 16 अप्रैल यानी शनिवार की दिन |
शनिवार और मंगलवार को इनकी पूजा का विशेष दिन है | इनकी कृपा अपरम्पार है , जीवन के हर दुःख का निपटारा , इनका ध्यान अपार धन , सुख , वैभव देती है | क्यूंकि इन्हें कलयुग का देवता माना गया है , इसलिए ये अपने भक्तो का हर संकट हर लेते है |
कलयुग में ये जागृत और साक्षात वे शक्ति है जिनके सामने कोई भी मायावी शक्ति का ठहराव संभव नहीं है | श्री हनुमान वहां विराजते है , जहा रामायण का पाठ होता है / श्रीराम की चर्चा होती है | वहीं उस दिल में भी निवास करते है , जिनकी जुबान रामायण के पन्नो में अंकित शब्दों का रसपान करते है |
बहुत कम लोग यह जानते है कि -रामायण के रचयिता श्री हनुमान है | जहाँ जहाँ रामायण वहां वहां हनुमान पहुँचते है | कोई भी ग्रन्थ पलटकर देखा जाए तो वहां इस बात की चर्चा की गई है कि - जहाँ श्रीराम की पूजा होती है वहां श्री हनुमान का आना निश्चित होता है | ऐसे इसलिए कि - जब रावण की लंका पर विजय प्राप्त कर भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे थे , तो वहां सभी को उपहार स्वरुप बहुत कुछ भेंट किया |
हनुमान उस उपहार को अपने दांतों से तोड़ते हुए श्रीराम से याचना कर बैठे और मांग लिया वरदान - पृथ्वी पर जबतक श्रीराम कथा प्रचलित रहे तब तक निःसंदेह मेरे प्राण इस शरीर में वसे रहे | तब भगवान श्रीराम ने कहा था कि - हे कपि श्रेष्ठ , ऐसा हीं होगा , इसमे कोई संदेह नहीं | इस संसार में जबतक मेरी कथा प्रचलित रहेगी , तबतक हनुमान की कृति भी मौजूद रहेगी और हनुमान के शरीर में प्राण रहेंगे |
श्री हनुमान के लिए मंगलवार व शनिवार का दिन बहुत हीं प्रिय है | आज शनिवार का दिन है और आज के दिन हनुमान जयंती मनाई जा रही है , इसलिए आज का दिन काफी विशेष है हमसब के लिए , क्यूंकि यह श्री हनुमान का प्रिय दिन है | ..... जय श्री राम | ...... ( अध्यात्म फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
रिपोर्टर