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जियारत एक्सप्रेस में BJP नेता राणा प्रताप बिना टिकट अपने एक सहयोगी के साथ यात्रा कर रहे थे | यह घटना 11 अक्टूबर की है - नेताजी जियारत एक्सप्रेस कोच नंबर 12395 में प्रथम श्रेणी में बैठे थे | जैसे हीं बिहटा क्रोस किया तो टीटी पंकज कुमार चेकिंग के लिए पहुंचे और उनसे भी टिकट माँगा |
नेताजी के पास टिकट था नहीं | दोनों में बहस का सिलसिला आरम्भ हुआ | टीटी अपनी सर्विस की ईमानदारी पर अडिग थे और नेताजी अपने समाजसेवी होने का तर्क दे रहे थे परन्तु अफ़सोस कि टीटी महोदय के मांगे जाने के बाद भी उनके पास बीजेपी नेता होने का कोई कार्ड या पत्र उपलब्ध नहीं था |
टीटी पंकज कुमार ने इनका विडियो भी बनाया | नेताजी ने टीटी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए गलत शब्द इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है | वहीं पंकज कुमार ने कहा जो विडियो में सुनाई भी पड़ा कि नेताजी और उनके सहयोगी सदस्य द्वारा टिकट माँगने पर धक्कामुक्की की गई | बाते केस करने तक पहुँच गया और दोनों अपने स्थान पर तर्क करते हीं रहे |
जानकारी के आधार पर इस मामले में बक्सर आरपीएफ की बाते सामने आई जिसमे आरपीएफ प्रभारी दीपक जी ने बताया कि टीटी द्वारा सूचना देने के बाद दोनों को बक्सर आरपीएफ लाया गया और उनके नाम पर 4750 रुपये का चालान काटा गया |
राणा प्रताप ने बताया कि 11 अक्टूबर को वे जियारत एक्सप्रेस में बैठे थे | वे उपचार कराकर लौट रहे थे , उस वक्त यात्रा करते समय भी वे बुखार से पीड़ित थे | उन्होंने तर्क दिया - पटना , बक्सर के बीच इस ट्रेन में कोई टिकट नहीं बनाता है इसलिए बिना टिकट सफ़र करने पर मजबूर हुआ | विवाद ट्रेन स्टाफ ने बढ़ाया इसलिए मैंने क़ानूनी सलाह लेने की बाते की |
वहीं टीटी पंकज कुमार ने कहा - बीजेपी नेता और उनके सहयोगी मुझसे उलझ गए और धमकी दिया | मै विवाद टालने का प्रयास कर रहा था खैर ..... ! आज यह विडियो देश के सामने मौजूद है |
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इस विडियो में टीटी पंकज कुमार की आवाज विवाद टालने जैसा नहीं लग रहा है , अगर होता तो बात इतनी दूर तलक नहीं पहुंचती | साथ हीं नेताजी भी अपनी तर्क को थोड़ा विराम देते हुए पंकज कुमार से हीं चालान कटवा लेते तो अच्छा होता |
टीटी अपने कार्य के लिए समर्पित होते हैं तो उन्हें अपनी ड्यूटी निभानी पड़ती है | अगर बिना टिकट यात्री को छोड़ दिया और मजिस्ट्रेट चेकिंग हुई तो फिर टीटी की नौकरी पर भारी पड़ सकता है |
नेताजी भी जिन्हें सभी जानते हैं , उनकी प्रतिष्ठा से भी खिलवाड़ नहीं होना चाहिए था | अगर पटना - बक्सर के बीच इस ट्रेन में टिकट लेने का प्रावधान उपलब्ध नहीं है तो एक - दूसरे की मदद सर्वोपरी है इसलिए हर यात्री का फर्ज है कि टिकट लेकर यात्रा करे या फिर स्वयं से पहल कर ट्रेन में टीटी के सहयोग से टिकट बनवा ले यात्रा सुखमय होगा |
बिना कारण दोनों उलझ गए , हाथ कुछ भी नहीं लगा | नेताजी के जेब से निकल गए 4750 रुपये और अगर उनका रुख मुड़ गया और केस हुआ तो बुरे फंसेंगे पंकज कुमार | नियम तो सभी के लिए बराबर है मगर व्यवहार भी मधुर होने चाहिए , वह ख़ास हो या फिर आम व्यक्ति | टीटी पर अगर केस हुआ तो अन्य टीटी एक अधिकार से टिकट मांगना हीं छोड़ देंगे फिर नुकसान में रेल डिपार्टमेंट ठहर जाएगा | जहाँ तक हो विवाद कम कीजिये , बढ़ाइए नहीं | ट्रेन की बातें दूर तलक चली गई जिसमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भी चर्चा का विषय बन गए |
नेता चाहे किसी भी पार्टी के हो , इसमे प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की बाते बीच में नहीं आनी चाहिए इससे पार्टी की छवि धूमिल पड़ती है | स्वयं सतर्क रहे और अच्छी सोंच के साथ सफ़र करे , यह सफ़र सुखद होगा | ............ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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