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पश्चिम बंगाल मे ममता बनर्जी की पार्टी एक बार फिर भारी मतों से विजयी होकर खुशियों के इन्द्रधनुषी रंगों का बौछार करते दिख रहे हैं |
ममता बनर्जी ने कहा - हमारी पार्टी TMC को 221 से ज्यादा सीटें मिली है |
मालूम हो की यह तीसरी बार उनकी जीत का सूर्योदय हुआ है | पश्चिम बंगाल में चुनावी लड़ाई TMC और BJP के बीच था | इस चुनावी दौड़ में कोरोना गाइड लाइन की भी धज्जियाँ उड़ाई गई | दोनों पार्टी ने जनता को लुभाने का भरपूर प्रयास किया | यहाँ तक की छठे चरण के बाद , दो चरण से पूर्व उन्हें फ्री वैक्सीनेशन दिए जाने का वादा व घोषणा की गई | पश्चिम बंगाल की जनता ने अपना विचार 2 मई को सम्पूर्ण देश के समीप रख दिया और ममता बनर्जी को भारी मतों से अपना नेत्री चुन लिया |
इस दौरान चुनावी रुख को बीजेपी की तरफ तराजू झुकता देख दर्जन से ज्यादा नेतागण TMC पार्टी को छोड़कर बीजेपी पार्टी में सदस्यता ली थी और चुनाव लड़ा | मगर उनके हाथों से जीत का लड्डू फिसल गया | अब वगैर पतवार नैया किनारे लगी है | इसे कहते है , न माया मिली न राम , लेकिन राजनीति में सबकुछ जायज है |
नंदीग्राम से ममता बनर्जी , विधानसभा चुनाव हार चुकी है | उस सीट से भाजपा प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी ने अपना बढ़त बनाया | पूर्व में सुवेंदु अधिकारी TMC पार्टी ममता बनर्जी के साथ थे और उस क्षेत्र का हर दाम - भाव उन्हें पता था | सुवेंदु अधिकारी ने 1957 से बढ़त बनाकर जीत हासिल किया |
अब सवाल ये है की , अगर ममता बनर्जी अपनी सीट को नहीं बचा पायीं है तो , फिर TMC से मुख्यमंत्री के कुर्सी पर कौन विराजेगा ? तो ! मुख्यमंत्री बनाने के लिए विधानसभा या विधान परिषद् का सदस्य होना जरुरी है | अगर सदस्य नहीं है तो शपथ लेने के 6 माह के भीतर सदस्य बनना जरुरी है | ऐसे में हमारा नियम कहता है कि - बिना सदस्य रहे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जा सकती है | इसके लिए 6 महीने का वक्त मिलेगा , इस समय सीमा के अन्दर उनका विधानसभा या विधान परिषद का सदस्यता पत्र हर हाल में जमा करना जरुरी है , नहीं तो पद को त्यागना पड़ेगा |
महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद देखा गया है कि , बीजेपी की सरकार सुबह - सवेरे हीं बना दी गई | जब अधिकांशतः लोग सो रहे थे | लेकिन उर्द्धव ठाकरे के जागने के बाद उन्होंने कोर्ट में दस्तक दी और नतीजा यह मिला की आज महाराष्ट्र में माहा अघाड़ी की सरकार बनी जिसमे उर्द्धव ठाकरे जी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव किया गया | उनके पास भी विधानसभा या विधान परिषद् का सदस्यता नहीं था , फिर भी उन्होंने मुख्यमंत्री का शपथ लिया और 6 महीने के अन्दर अपनी विधानसभा सदस्यता ले ली | आज वो मुख्यमंत्री पद पर बरकरार है | इसे कहते है घर से निकल गए तो मंजिल ढूंढ हीं लेंगे |
ऐसे हीं कुछ राज्य के मुख्यमंत्रियों ने शपथ लिया है , जैसे :- उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ , बिहार में लालूप्रसाद यादव , राबड़ी देवी , नितीश कुमार , मध्यप्रदेश में कमलनाथ , उतराखंड में तीरथ रावत सिंह , महाराष्ट्र में उर्द्धव ठाकरे |
ममता बनर्जी ने अपनी हार स्वीकार की है , लेकिन उनका आरोप है कि - पहले उन्हें जीता हुआ घोषित किया गया बाद में फैसला पलट दिया गया | क्यूंकि मुझे जानकारी है कि परिणामों की घोषणा के बाद हेरा - फेरी की गई है | तो मै न्यायलय जाउंगी |
ममता बनर्जी ने कहा कि - मै , नंदीग्राम के लोगों द्वारा दिए गए जनादेश को स्वीकार करती हूँ और कहा - TMC 221 से अधिक सीटों पर जीती और बीजेपी चुनाव हार गयी | मै नंदीग्राम के लिए नयायालय जाउंगी और उसका खुलासा करुँगी | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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