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गूगल द्वारा ट्रांसलेट वाक्यों के साथ हुई छेड़छाड़ से हरकंप मचा |
गुरुवार को 10:45 की सुबह पश्तो भाषा में एक न्यूज़ पब्लिश हुआ , जिसे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया | हेडिंग भाषा में लिखा था - टोलो के रिपोर्टर के साथ तालिबानियों ने काबुल में मार - पीट की |
इस भाषा को अलग भाषा में लिखने के लिए लोगों ने गूगल बाबा का सहयोग लिया | Google बाबा ने वाक्यों में छेड़छाड़ कर दी | अब इस शब्दों का रूप जो बदलकर आया , वह दर्दनाक था | वाक्य बना - तालिबान ने टोलो न्यूज़ रिपोर्टर की हत्या कर दी और इस पोस्ट के बाद पत्रकार जियार खान की हत्या की खबर वायरल होना शुरू हो गया |
तालिबानियों की पिटाई से एक पत्रकार की मौत की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ | अफगानिस्तान का यह सबसे बड़ा मीडिया हाउस , जिसका नाम टोलो है , जियार खान इसी के रिपोर्टर है |
गुरुवार को सोशल मीडिया पर इनकी मौत की खबर जैसे हीं वायरल हुई कि कई मीडिया हाउस ने भी इस न्यूज़ को कवर करना चालु किया | न्यूज़ पढ़कर लोग संवेदना में आ गए और मौत पर दुख जताना शुरू कर दिया | करीबन 30 या 40 मिनट बाद , जियार खान की मौत का यह दावा गलत होने का सबूत पेश करने लग गया | कहा गया - पत्रकार अभी जिन्दा है |
इसके लिए रिपोर्टर को स्वयं आगे आना पड़ा और उन्हें सोशल मीडिया अकाउंट से अपने शब्दों को लिखते हुए जीवित रहने की बात से दुनियां को आश्वस्त किया | उनके शब्द है - वह घायल जरुर है ,लेकिन उनकी मौत नहीं हुई है |
रिपोर्टर का काम है - वह सच्चाई को पूरी दुनियां के सामने उजागर करे | जियार खान यहीं कर रहे थे | वे भी अफगानिस्तान की हालातों को काफी पैनी दृष्टि से कवर कर रहे थे | यह घटना बुधवार की है , जब वे न्यूज़ कवर कर रहे थे |
जियार खान दुनियां को अपने कैमरे की नजर से काबुल में गरीबी और लोगों की हालात कवर कर हीं रहे थे कि अचानक तालिबानियों का गाज उनपर गिर पड़ा | एक लैंड क्रूजर पर सवार होकर तालिबानी वहां पहुंचे और इनके और इनके साथियों से मार - पीट करना शुरू कर दिया | इनका कैमरा तोड़ दिया गया , मोबाइल छीन ली और इन्हें बुरी तरह पीटा ,जिससे की वो बुरी तरह घायल हो गए |
खैर ..... शुक्र है कि यह दिल दहला देने वाली सूचना झूठी साबित हुई | अन्यथा एक कलम के रुक जाने से पूरी दुनियां को तकलीफ होती | चंद घड़ी हीं सही यह घटना बड़ा हीं दुखदाई था | परन्तु यह मातम खुशियों में बदल गया | मगर अभी तो पूरी दुनियां इस बात से चिंतित है कि तालिबानियों का यह दौर कब समाप्त होगा ? और कब अफगानी लोग अमन - चैन की जिंदगी जी पायेंगे | ...... ( न्यूज़ :- भव्याश्री डेस्क )
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