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जेल के अंदर आदमी का कैद होना एक बोझ से कम नहीं | गुनाह से पहले सोंच जरुरी है इसलिए किसी शायर ने क्या खूब लिखा है - जिंदगी बोझ न बन जाए संभालो यारों | जेल में इस कदर कैदी भरे पड़े हैं और आये दिन भर रहे हैं कि दिल से आह ! निकल जाता है |
आज की हीं बात करे तो -
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से अभिषेक नामक व्यक्ति को पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार किया | ये वो नवजवान है जो अपनी गर्लफ्रेंड के अलग होने का बदला उसकी दोस्त से निकाला और उसकी हत्या कर दी | हत्यारा बना अभिषेक पुलिस की गिरफ्त में है | पता नहीं कानून उन्हें कौन सी धारा में कैद कर उन्हें कितने साल की सजा सुनाती है |
घटना 23 जुलाई की रात करीब 11:30 बजे की है | बैंगलूर में एक पीजी में रह रही महिला की हत्या दिल को दहला दिया , इनका नाम है कृति | कृति बिहार की रहनेवाली थी | वह बैंगलूरु के वेंकटरेड्डी ले आउट स्थित भार्गवी स्टेइंग होम्स फॉर लेडिज में शिफ्ट थी और निजी कंपनी में कार्य करती थी |
अभिषेक जो भोपाल का रहनेवाला है पीजी पहुंचा फिर जिस कमरे में कृति थी उसका दरवाजा खटखटाया | दस्तक सुनकर कृति ने दरवाजा खोल दिया | जैसे हीं दरवाजा खुला अभिषेक उसका बाल पकड़कर घसीटते हुए बाहर निकाला और गैलेरी में उसपर चाकू से वार करने लगा | कृति इसकदर फर्श पर बैठी जिंदगी बचाने की गुहार लगा रही थी मगर बेदर्दी को जरा भी सुध नहीं |अपनी थैली से चाकू निकालकर मिनटों में 20 दफा वार करके उसकी हत्या कर फरार हो गया |
कृति ने जब बचाव के लिए शोर मचाया तो आवाज सुनकर पीजी में रहनेवाली कुछ लड़कियां सीढ़ी से नीचे उतरी परन्तु किसी ने उन्हें बचाया नहीं और कृति बेबस / लाचार होकर वहीं तड़प तड़पकर दम तोड़ दी |
उन लड़कियों में से हीं किसी एक ने पुलिस को इस बात की जानकारी देकर पीजी बुलाया |
आखिरकार अभिषेक ने कृति को क्यूँ जान से मारा ? उसका कृति से क्या संबंध था ? यह सवाल मन में उपज रहा होगा !
तो कृति से अभिषेक का कोई रिश्ता नहीं था | अभिषेक की गर्लफ्रेंड कृति के साथ काम करती थी | सहेली ने कृति को फोन किया और फूटफूटकर रोने लगी | रोने के दौरान कृति ने उसे सात्वना देते हुए रोने का कारण पूछा तो सहेली ने बताया - मेरा बॉयफ्रेंड अभिषेक ने मुझे धोखा दिया है | वो मुझसे बोला था कि उसकी बेंगलुरु में जॉब लगी है | वह कई दिन तक मुझसे झूठ बोलता रहा लेकिन मुझे पता चला कि उसके पास कोई जॉब नहीं है इसलिए उससे मेरी लड़ाई हो गई | मै उसके साथ नहीं रहना चाहती हूँ | मैंने ब्रेकअप कर लिया है इस बात से नाराज होकर वह मुझे परेशान कर बेंगलुरु आकर मेरे पीजी का चक्कर काट रहा है , मै क्या करूँ ?
कृति और वह लड़की एक हीं कंपनी में जॉब करती थी इसलिए कृति उसकी मदद करनी चाही | इसी ख्याल से उसे अपने पीजी में शिफ्ट करवा दिया | कृति को इस बात का अंदाजा नहीं था कि अभिषेक उस लड़की का पीछा नहीं छोड़ने वाला |
शिफ्ट होने की बात अभिषेक को पता चला और उसने कृति को फोन किया - अपनी सहेली से बात करवा दो | फोन से तंग आकर कृति पुनः अपनी सहेली को दूसरे पीजी में शिफ्ट करवा दिया | शिफ्ट होने के बाद सहेली ने कृति से कहा कि अब अगर अभिषेक का फोन आये तो फोन मत उठाना | कृति ने ऐसा हीं किया , फोन आता रहा और कृति ने कोई रिस्पोंस नहीं दिया |
कृति का इसकदर इग्नोर करना अभिषेक को रास नहीं आया और वो फोन रिसीव न होने पर बौखला गया | उसे लगा कि गर्लफ्रेंड से अलगाव का कारण कृति हीं है तो कृति को हीं सामने से हटा देना ठीक रहेगा | फिर उसने कृति को जान से मार देने का प्लान बना लिया और भोपाल से फ्लाइट लेकर बेंगलुरु पहुँच गया |
23 जुलाई की रात जब सभी लड़कियां अपने अपने कमरे में थी तब कृति अपने कमरे का दस्तक सुनकर सोंचा कोई लड़की होगी | अभिषेक के आने की खबर से कोसो दूर कृति ने दरवाजा खोल दिया | उसे क्या मालुम छोटी सी बात नासूर बन जाएगा और सलाह देने का अंजाम मौत | कृति एक निर्दोष मुजरिम बन गई |
विडियो देखकर दुख इस बात का हुआ कि कृति ने अपने बचाव में जब आवाज लगाईं तो सभी लड़कियां जो सीढ़ी पर खड़ी थी तमाशबीन क्यूँ बनी ? कृति चिल्लाती रही , तड़पती रही , तब भी बचाव के लिए कोई आगे नहीं आया | यह घटना तो किसी के साथ और कहीं भी हो सकता है , ऐसे में एक दूसरे का साथ देना मजबूती लाता है | गले पर जहाँ वार हुआ था वहां किसी कपड़े से लपेट दिया जाता तो खून बहना कम हो जाता और हो सकता है उसकी जान बच जाती परन्तु ऐसा नहीं हुआ और कृति तड़पती हुई फर्श पर हीं दम तोड़ दी |
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पुलिस वहां पहुंची तो कृति को मृत पाया | पूरा फर्श खून से सना था | अभिषेक चाक़ू भी साथ लेकर फरार हुआ था | पुलिस ने कृति के शरीर पर कई जगह चाकू से हमले के निशान देखे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया | परिवार वालो को भी इसकी सूचना दी गई |
पुलिस ने सीसीटीवी को खंगाला तो पूरी वारदात सामने दिखाई पड़ा | साक्ष्य / सबूत पुलिस के हाथ में था वहीं आँखों देखा खौफनाक वारदात पीजी की लड़कियों ने सुना दिया | अब पुलिस आरोपी अभिषेक को तलाश करना आरम्भ किया |
अभिषेक वारदात को अंजाम देने के बाद अपने घर आ चूका था | परिवार को कुछ पता नहीं - घर का नवजवान सदस्य क्या गूल खिलाकर निश्चिन्त से सो रहा है | ऐसा आराम कुछ हीं दिनों का होता है जबतक कि पुलिस वहां तक पहुँचती नहीं परन्तु आज 27 जुलाई को पुलिस ने उसके आवास पर दस्तक दे दिया और उसकी गिरफ़्तारी हो गई |
गिरफ़्तारी के बाद परिवारवालो को यह रहस्य का पता चला |
अभिषेक ने पुलिस को हत्या करने की वजह बताई - कृति की वजह से मेरा रिलेशन टूट गया |
पुलिस उसे भोपाल से बेंगलुरु लानेवाली है फिर विस्तार से पूछताछ की जायेगी |
पुलिस कृति की सहेली और अभिषेक की गर्लफ्रेंड से भी पूछताछ करेगी फिर आगे क्या होता है ? हम खबर सुनायेंगे | फिलहाल ऐसे उलझनों से बचकर रहिये | मदद कीजिये मगर इसकदर कोई सता रहा हो और पीछा नहीं छोड़ता तो पुलिस है न मदद के लिए , घरवाले है सहयोग / सहायता के लिए |
मगर अफ़सोस इनदिनों ऐसा नहीं हो पा रहा है | लोग स्वयं हीं उलझन पालते हैं और स्वयं हीं इससे दूर होने का रास्ता बनाते हैं | एक बात तो तय है - रिश्ते बनाइये , दोस्ती कीजिये मगर ज्यादा करीब आने से पहले एक दूसरे की मानसिक स्थिति पढ़ना बड़ा हीं जरुरी है | इस तरह के व्यक्ति से दोस्ती करना , रिलेशन बनाना ज्यादा लम्बा नहीं चल सकता | दो के चक्कर में एक निर्दोष की जिंदगी का समाप्त होना दुखदाई है |
अब एक बात और अभिषेक के गुस्से को क्या मिला ? जेल के कैदी बन गए | वर्षो गुजर जायेंगे सोंचते सोंचते पर अब पछतावा से क्या जब गुनाह कर बैठे | सभी बाते सोंच का विषय है !
इस वारदात के बाद पीजी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं और होस्टल प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया है | वहीं सभी पीजी होस्टलो को सुरक्षा की व्यवस्था सुदृढ़ करने की चेतावनी दी गई है | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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