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असम के नवगांव जिले की राहा कस्बे की एक अद्भुत आकर्षक प्रेम कहानी का विडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है | इस प्रेम को हम क्या नाम दे ? समझ से परे है | मगर इतना जरुर हम कहना चाहेंगे कि - प्यार इसी का नाम है |
दो दिल भले ही मिल न सके मगर मन एक होकर उनकी यादो में डूबा रहेगा | हम बात कर रहे हैं - बिटूपन तामुली के प्रेम का जो इन्द्रधनुषी बनकर लोगो के दिलो में प्रेम का रंग भरता हुआ नजर आ रहा है | बिटूपन तामुली और प्रर्थाना एक दूसरे से दिलो जान से प्यार करते थे यह बात जग जाहिर था | पिछले कई वर्षो से ये दोनों संग - संग जीने और मरने की कसमे खाई थी मगर अफ़सोस कि संग जीने की बाते अधूरी रह गई और प्रार्थना की बीमारी के कारण मौत हो गई |
बीते 18 नवम्बर को प्रार्थना के परिवार वाले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था | परन्तु लाईलाज बीमारी से जूझ रही प्रार्थना को जिंदगी वापस नहीं मिली और उनके प्राण पखेरू शरीर छोड़कर किसी और दुनिया में सफ़र कर गयाऔर बिटूपन तामुली अकेले रह गए |
इसकी जानकारी जैसे हीं बिटूपन तामुली को मिली वे बेकल / बेहाल हो गए | जल बिन मछली आखिर जीये तो कैसे जीये ? इस तड़प से सभी परिचित है | इस प्यार को साधारण नाम नहीं दिया जा सकता , यह प्यार दीप प्रज्वल्लित करता हुआ अपनी ईमानदारी का सबूत पेश करता है |
बिटूपन तामुली अपनी प्रेमिका प्रार्थना के मृत शरीर से विवाह कर लिया | उन्हें माला पहनाई और उनके हाथ से एक माला लेकर स्वयं भी पहन लियें और मांग में सिन्दूर भरकर उसे सुहागन बना दिया और गले लगाते हुए अपनी वेदना प्रगट की | प्रार्थना की आत्मा भी यह सब देख रहा होगा और इस वफ़ादारी / ईमानदारी से मालामाल होते हुए कितनी दुआएं दी होगी , ये तो ऊपर वाले जाने |
इसे कहते है प्यार की जीत और रियल हीरो | बिटूपन तामुली ने वहां मौजूद लोगो से कहा कि - वह अब शादी ही नहीं करेगा क्यूंकि प्रार्थना अब इस दुनिया में नहीं |
यह सच है - प्यार तो एक अनमोल रत्न है जो किसी एक के लिए हीं ख़ास होता है | ऐसे दिलवाले दिलदार प्रेमी अपनी प्रेमिका को या तो दुल्हनियां बनाकर संग ले जाते है या फिर अपना दिल / मन उन्हें समर्पित कर देते है | इन्ही में से एक है बिटूपन तामुली जिन्होंने अपनी प्रेमिका के संग उनके जीवित रहने पर विवाह करने का वादा निभा न सके | प्रार्थना के स्वस्थ होने का इंतज़ार दोनों परिवार करते रहे और यह वादा अधुरा रह गया मगर मरणोपरांत उनके शव के साथ विवाह रचाकर बिटूपन तामुली ने अपनी प्रेम को एक बड़ा ही अनमोल नाम दे दिया |
कौन कहता है - आज के कलयुग में प्यार करने वालो की कमी है ? आज भी अनगिनत लोग ऐसे है जिनके मन में अपने प्रेमी / प्रेमिका की तस्वीरें लगी है | उनके साथ न रहने के बाद भी उनका मन किसी और के लिए जगह नहीं बना पाता |
वायरल
हो रही भावुक विडियो को देखकर लोग इस प्यार को न जाने कितने नाम दे दिए और
दुआएं भी उतनी ही मिलती चली गई | अफ़सोस बस इतना है कि बिटूपन
तामुली के टूटे हुए दिल का ईलाज कौन करे ? जिन्होंने अपना अनमोल धन अपनी
प्रेमिका को खो दिया | यही तो मोल है निश्छल दिलो में जिसका कोई तौल नहीं |
यह एक इतिहास है जो लिखा जा रहा है , पढ़ा जा रहा है , सुना जा रहा है और
देखा गया रूबरू अपनी आँखों से | यह कोई 3 घंटे की फिल्म नहीं , यह कहानी
जिंदगी के अनमोल तौल में इन्द्रधनुषी प्यार के रंगों का एक ऐसा निशा है जो
कभी मिटेगा नहीं | पूर्णिमा की चाँद की तरह सदैव चमकता रहेगा | ...........
( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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