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जब भारत से अलग देशों में स्कूल - कॉलेज के बच्चें , भारतीय गीत को गाने लगे तो इससे बड़ा तोहफा भारत के लिए और भला क्या होगा ? जहाँ हमारी हिंदी उनकी मन - मस्तिष्क पर अपना खुबसूरत स्थान बना लिया हो और सावन बनकर इन्द्रधनुषी रंगों की शबनम बरसा रहा हो |
हिंदी भाषा की फ़िल्में बनाने वाले बॉलीवुड का नाम दुनियां के पटल पर छाया है | इसलिए कि भारतीय मूल के लोग दुनियां में भरे परे है और अपनी अच्छाई व स्वतंत्र छाप छोड़ते रहे है | वैसे भी हिंदी गाना जो देशभक्ति पर आधारित हो , सुनने से आँखों में आंसू व शरीर पर सिहरन महसूस होता है | क्यूंकि हम अभी तक भूल हीं कहाँ पाए है आजादी का मर्म | जिस धरती को हमारे पूर्वजों ने , शहीद होकर बलिदान देकर पाया है | इसलिए हमारे देशभक्ति गीत में एक आनंद छुपा है , प्रकाश छुपा है , जीत का , प्रीत का , मनमीत का , दिल को छलनी कर देने व रुला देने वाली संगीत का , जो हर पल याद दिलाती है हमें - "अपनी आजादी को हम हरर्गिज भुला सकते नहीं , सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं" सुन हमें बेकल और बेताब कर देता है और भारत के हर लाल इस मर्म को दर्द / क्लेश व पीड़ा को महसूस कर कलम उठाते है , तो ऐसी हीं रचना उभरकर सामने छाती है , जिसे हम गीत का नाम देते है और यह सदाबहार गीत बनकर लेखक का नजराना या तोहफा देश के लिए समर्पित कहा जा सकता है |
करोड़ों दिलों पर राज करने वाले बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर एक विडियो शेयर करते हुए कहा है कि - फिल्म "शहीद" का यह गाना , मेरा अब तक सबसे पसंदीदा देशभक्ति गीत है | रुसी सेना स्कूल कैटेरो द्वारा सुबह की स्कूल एसेंबली प्रार्थना के रूप में गाये जा रहे है | जिस गीत को सुनकर रोमांचित और गर्व महसूस हुआ - जय हो , जय हो हिन्द !
विडियो देखने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करे :-
इन्टरनेट पर यह विडियो जमकर वायरल हो रहा है | अनुपम खेर द्वारा शेयर किया गया इस विडियो को सुनने के बाद , हर किसी को ऐसा हीं महसूस होगा और गर्व से सर और भी ज्यादा ऊँचा हो जाएगा | इस विडियो को अभी तक 5 लाख से ज्यादा लोगों ने पसंद किया है | यूजर्स भी , रुसी नागरिकों द्वारा गाये जा रहे इस गीत को सुनकर रोमांचित हुए जा रहे है |
फिल्म "शहीद" जो भारतीय जवानों में जोश भरता हुआ नजर आया और मोहमम्द रफ़ी साहब की गायी हुई यह गीत आज भी हर भारतवासी के दिलों पर छाया है और रूस की "सेना स्कूल" कैटेरो द्वारा सुबह की प्रार्थना में गाये जा रहे है - "जलते भी गए कहते भी गए आजादी के परवाने , जीना तो उसी का जीना है जो मरना वतन पर जानें , ए वतन - ए वतन हमको तेरी कसम , तेरी राहों में जां तक लूटा जायेंगे , फूल क्या चीज है तेरे कदमों पर हम भेंट अपनी सरो की चढ़ा जायेंगे , ए वतन - ए वतन ........ | ........( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर )
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