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एक ऐसा वायरल तस्वीर जो इन्सान को कहीं दर्द देता है तो कहीं दर्द से उबरने की ताकत व राहत भी |
पिछले साल जनवरी में एक पिता जिनका नाम मुंजिर अल नजील है की एक तस्वीर ने सबको चौंकाकर रख दिया था और दर्द दे गया इतना , जिसे देख लोग तड़पने लगे और उस तड़प से उमड़ नहीं पाए | मगर अब वह दर्द हर किसी को राहत दे रहा है |
वह तस्वीर क्या थी सबसे पहले जानना जरुरी है -
सभी तस्वीर :- दैनिक भास्कर के सौजन्य से
एक पिता जो वैशाखी के सहारे अपने बच्चे को हवा में उछाल रहे है | चौंक गए न आप ! बात सिर्फ इतना नहीं है | दर्द तो यहाँ उमड़ गया , जब वायरल तस्वीर में यह नजर आया कि - उनके बच्चे का हाथ और पांव दोनों हीं शरीर में नहीं है , फिर भी एक पिता का प्यार उछाल ले रहा है | इस तस्वीर को तुर्की के एक फोटोग्राफर ने इस दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर लिया | उस बच्चे का नाम है - मुस्तफा |
इस फोटोग्राफ को सिएना इंटरनेशनल अवार्ड्स में बेस्ट फोटो में चुनाव किया गया है |
आखिरकार ये जानना अहम् होगा कि - ईश्वर अगर किसी चीज को देना भुल जाते है या फिर इंसानी चुक के कारण इंसान किसी अंग से विक्षिप्त हो जाता है | ऐसे में इंसान को कभी घबराना नहीं चाहिए | क्यूंकि एक द्वार अगर बंद है तो ईश्वर दूसरा रास्ता स्वयं मनुष्य के जीवन में खोल देते है | बात पेसेंस की होनी चाहिए |
यह तस्वीर हमें जीने के लिए प्रेरित करता है और जीना इसी का नाम है | क्यूंकि दुःख में हीं सुख है छुपा |
इस फोटोग्राफर से सिएना के एक ओर्गनाइज़र ने संपर्क किया और मुंजिर अल नजील के विषय में जानकारी ली | फिर मुंजिल को उन्होंने सीरिया से इटली आने का प्रस्ताव दिया , ताकि पिता - पुत्र का इलाज हो सके |
शनिवार को पिता - पुत्र परिवार के साथ इटली पहुंचे , तो लोगो ने उनका खूब स्वागत किया जिससे इनका दिल भर आया | मुस्तफा देखने में बहुत हीं प्यारा बच्चा है | चहरे पर अद्दभुत चमक , इनकी उम्र 6 साल है | ये सभी परिवार तुर्की के रास्ते इटली पहुंचे थे | इनकी पत्नी के साथ 2 बेटी भी मौजूद है | मुंजिर जब रोम पहुंचे तो उनकी जुबां से निकला "आई लव यू इटली" |
इंसान को चाहिए कि वो समय का इन्तजार करे | कभी न कभी समय मेहरबान होता है और जिंदगी सरल बनती हुई हीरे सी चमक जैसा निखार ला देता है |
सिएना अवार्ड्स के ओर्गनाइज़र ने पिछले साल से हीं डिप्लोमेट्स और एजेंसियों से संपर्क कर ठान लिया था कि- इन्हें परिवार सहित इटली की धरती पर बुलाना है | अब ओर्गनाइज़र के दिलेरपन और जिम्मेदार मन ने पिता - पुत्र दोनों को कृत्रिम हाथ - पैर लगवा देने की तैयारी आरम्भ कर दी है | इटली सरकार ने इस परिवार के लिए मानवता को आधार मानते हुए वीजा देने की इजाजत भी दे दी |
मुंजिर का पैर एक बम ब्लास्ट में घायल हुआ | इनकी जिंदगी बचाने के लिए डॉक्टर को इनका पाँव कट देना पड़ा | बेटा मुस्तफा भी जब पैदा हुआ , तो उसके हाथ - पाँव शरीर में नहीं थे | उनकी माँ "सिविला वार" के कारण जहरीली गैस के संपर्क में आई और उसका अंजाम होनेवाले बच्चे को भुगतना पड़ा |
अब बहुत देर नहीं जब मुस्तफा और मुंजिर अल नजील के चेहरे पर एक अद्दभुत ख़ुशी छाएगी और परिवार फुले नहीं समायेंगे | दुनियां को भी उनके हक़ की ख़ुशी मिलने का इंतज़ार है | जिन्होंने इस तस्वीर को देखा , समाचार को पढ़ा और जो इन्हें जानते है , ऊपर वाले का शुक्रियाअदा कर रहे हैं | उस फोटोग्राफर और ओर्गनाइज़र को लाख दुआएं कि उन्होंने इनकी मददकर लोगो के लिए एक प्रेरणा बन नई राह भी दी है | इन्होने दुनियां को दिखला दिया - जीवन उतना मुश्किल नहीं जितना लोग समझते है |
नैया तो साहिल ढूंढ हीं लेगा सिर्फ हौसले
की जरुरत है | जो लोग दुखी है उनसे हम सिर्फ इतना हीं कहना चाहेंगे -
इंतज़ार कीजिये , सुख का वह दौर आपके जीवन में भी आएगा | दुःख से विचलित
होकर कोई गलत कदम न उठा ले | इससे बड़ा प्रेरणा दुनियां में भला और क्या हो
सकता है | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से
)
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