Breaking News
पाकिस्तान की बागडोर अब शहबाज शरीफ के हाथ में | प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद सबसे पहला फैसला लिया - सरकारी कर्मचारियों की 2 दिन के अवकाश में 1 दिन की छुट्टी की कटौती | पहले पाकिस्तान में साप्ताहिक अवकाश में 2 दिन छुट्टी मिला करती थी , अब कर्मचारी 1 दिन हीं छुट्टी पा सकेंगे | साथ हीं ऑफिस 10 बजे की जगह अब 8 बजे शुरू किये जायेंगे |
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का पाकिस्तान के लिए यह अहम् फैसला आर्थिक संकट से उबारने के लिए एक कोशिश है | इसलिए उनका पहला कदम सुबह 8 बजे PM ऑफिस पहुँचने की तरफ बढ़ा , जबकि वहां के कर्मचारी 10 बजे पहुंचे | प्रधानमंत्री को ऑफिस में पाकर वहां मौजूद लोगो में हड़कंप मच गया | उन्होंने सभी कर्मचारियों के लिए घोषणा की है कि - सुबह 8 बजे ऑफिस पहुँचने हेतु , सभी का समय निर्धारित किया गया है |
जानकारी के आधार पर बता दे कि - पाकिस्तान रेडियो के जरिये यह खबर सुनाई गई है कि - हम यहाँ जनता की सेवा के लिए आये हैं , इसलिए 1 मिनट भी अपना समय बर्बाद नहीं कर सकते | उन्होंने कर्मचारियों को कुछ राहत भी दी है , उनके न्यूनतम वेतन 25000 रुपये की घोषणा करते हुए पेंशन में भी वृद्धि कर दी है |
शहबाज शरीफ पंजाब में 3 बार मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहे , इसलिए उन्हें सफल मुख्यमंत्री या राज्य संभालने की कला से पारंगत कहा जा सकता है |
वहीं उनके बड़े भाई नवाज शरीफ 3 बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके है |
पाकिस्तान में इसबार कुछ अलग होने की संभावना दिखाई पड़ रही है | PM बनने के पहले हीं दिन सुबह 8 बजे दफ्तर पहुँच जाना , देश को आगे बढ़ाने की पहल है या मुरझा रही फूलो की बगिया में खाद डालने का पहला कदम माना जा सकता है | इसलिए कि कुर्सी संभालने के बाद वहां की गतिविधि में उनका आर्थिक जानकारी लेना जिसके लिए माटिंग बुलाई गई , साथ हीं इसे सुलझाने को लेकर सुझाव भी माँगा गया |
अब कैबिनेट को लेकर चर्चा जोरों पर है | विदेश मंत्री बनाये जाने हेतु बिलावल भुट्टो की चर्चा चल रही है | वहीं सूचना व प्रसारण मंत्री के तौर पर मरियम नवाज व गृहमंत्री के तौर पर राणा सनुल्लाह | अब देखना है - इसमें फेर बदल होता है या फिर ये पद पर विराजमान होते है |
प्रधानमंत्री कितना सफल हो पायेंगे इस कार्य में अभी कहना मुश्किल है | क्यूंकि पाकिस्तान में कोई भी प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हो , वहां हर गतिविधि सेना के हाथ में हीं मौजूद रही है | क्यूंकि वर्षो से यह उतार चढ़ाव देखा जा रहा है - सरकार चाहे नवाज शरीफ की हो , इमरान खान की हो सिर्फ चेहरे बदलते रहे हैं स्थिति फेर बदल में होती रही है | अब शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद देखना है कि वह अपनी सेना से किस तरह तालमेल बना पाते है | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
रिपोर्टर