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बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर जिनके तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की जाती रही है | आज उनका भी दिल कहीं न कहीं टूटता हुआ नजर आ रहा है |
अनुपम खेर एक कलाकार है | हर पात्र बनकर वे आम जिंदगी से खास जिंदगी तक का सफ़र किया है | पात्र निभाकर ,. तो वहीं डायलॉग बोलकर कितनों को रुलाया तो कितनों को हंसाया भी है | कहा जाता है कि - कलाकार के दिलों में ईश्वर का निवास होता है | तभी तो सुर - सम्राट तानसेन की आवाज से प्रकृति भी रोकर या खुश होकर बारिश करवाने पर मजबूर हो जाया करती थी | आज भी वैसे तानसेन है , हर क्षेत्र में | मगर कहीं न कहीं वे भटक गए है | आत्मा है मगर कहीं न कहीं गिरवी पड़ी या बेचारगी भरी जिंदगी जी रही है और आज का यहीं सुर और ताल का आलम है |
जहाँ आत्मा से प्रकृति का सीधा मिलन हो वहां हर कुछ संभव है |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे प्रधानमंत्री बने जिसपर सारा देश गर्वान्वित हुआ | हरेक विषय , मुद्दा को वे सुलझाने का कार्य करते चले गए | नोटबंदी से लेकर 370 और 3 तलाक | वहीं पुलवामा हमले के बाद जीत का जश्न एक बार फिर उन्हें भारी बहुमत से जिताने का काम किया | अगर किसी ने अपने देश के प्रधानमंत्री की छवी देखी तो सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवी सामने थी |
मगर क्यूँ डगमगा गए कदम , कोरोना काल 2020 के आरंभ में प्रधानमंत्री का अचानक डिसीजन लेना और लॉकडाउन लोगों को तकलीफ के कगार पर पहुंचाया | सड़कों पर पैदल भीड़ में 2000 किलोमीटर से ज्यादा तक का सफ़र लोगों ने तय किया | यह नजारा एक इतिहास बनकर आज भी अंकित है | वे स्वयं में अनाथ हो गए |
अगर सोनू सूद और अमिताभ बच्चन उन सबों को आधार नहीं देते , जाने की व्यवस्था नहीं करवाते तो उनमे से कितनों की जान चली जाती | आज अगर वे जीवित है तो इन दो अभिनेता के कारण जो मसीहा बनकर इनके दुःख को अपना समझा | तभी लोगों ने अपने दिल में हीं नहीं मंदिर के स्थान पर भी सोनू सूद की तस्वीर लगा कर रखा है , जहाँ प्रधानमंत्री की तस्वीर भी होनी चाहिए थी |
आज अनुपम खेर ने कहा - लगता है की Covid-19 संकट में सरकार फिसल गई और इसे जिम्मेदार ठहराना महत्वपूर्ण है | गंगा और अन्य नदियों में मिलने वाले अज्ञात शवों के विषय में कलपते सुरों में कहा - यह सुनने के बाद मेरे रूह काँप उठे थे |
फोटो :- BBC के सौजन्य से
यह नजारा पुरा देश देखा और विदेशों तक भी अपने घर का दर्शन पहुंचा होगा की बिहार के बक्सर जिले में गंगा के किनारे तैरते हुए लगभग 71 लाशें निकाले गए और यह खबर समुन्द्र के हिलोरे की तरह उछाल लेना आरंभ हुआ | इस दर्द का सुलगता चिंगारी भरक रहा है , भारत के दिलों में |
प्रशासन हरकत में आयी और लाशों को दफनाने का कार्य किया | वहां के अधिकारीयों का कहना है कि - ये सभी लाशें उत्तरप्रदेश से बहकर बिहार पहुंची है | क्यूंकि इससे पहले उत्तरप्रदेश के हमिबपुर जिले में गंगा नदी में लाशों की बहती दौर को देखा गया था |
बॉलीवुड के बहुत सारे कलाकार इस बात की कड़ी निंदा की है | जिसमे पूजा भट्ट , फरहान अख्तर , परिणिति चोपड़ा आदि ने अपने सोशल मीडिया पर सरकार की छवि भविष्य का दर्शन स्पष्ट किया | ................ ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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