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"दोस्ती का नाम दुश्मनी , दुश्मनी का नाम दोस्ती" और यह लाइन दोस्ती को बदनाम कर गया | जहाँ एक मुस्लिम दोस्त ने अपने हिन्दू दोस्त का गला काटकर दोस्ती के नाम को सिर्फ बदनाम हीं नहीं किया बल्कि दोस्ती शब्द को भी कलंकित और शर्मसार कर दिया |
आपसी विवाद में मुस्लिम दोस्त दलित हिन्दू दोस्त का गला काटा ...... बागपत की ग्राम पंचायत फैजपुर निनाना की घटना ....... विडियो विभस्त है .... घायल को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है | यह सन्देश अपने ट्विटर अकाउंट से देने वाले है न्यूज़ 18 के पत्रकार यतेन्द्र शर्मा | इन्होने इस दुःख भरे संदेश को भेजकर दुनियां को सच्चाई से अवगत कराया है |
वहीं बागपत पुलिस की तरफ से भी ट्विटर पर एक सन्देश लोगो की राहत के लिए पोस्ट किया गया है - संदीप के पिता थाने पर जानकारी दी कि - संदीप को गाँव के रहने वाले फिरोज ने उसे चाक़ू मार दिया है | संदीप को अस्पताल पहुंचाया गया है , जहाँ उनका उपचार चल रहा है और डॉक्टर ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है |
अब इस घटना के विषय में हम आपको विस्तार से बता दे -
उत्तरप्रदेश के बागपत जिले के फैजपुर निनाना ग्राम में फिरोज नाम के एक व्यक्ति ने संदीप दुधिया का गला काटकर जान से मारने का प्रयास किया | संदीप बुरी तरह जख्मी होकर सड़क पर छटपटाने लगा | फिरोज ने काफी धारदार चाकू से वार किया था | सूत्रों ने बताया है कि - ये दोनों दोस्त है और दोनों के बीच आपसी विवाद हुआ जिसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया |
विडियो देखने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करे :-
सोशल मीडिया पर यह विडियो तेजी से वायरल हो रहा है | फिलहाल लोगो का मंतव्य तो हम आपको आगे बताएँगे | लेकिन पहले हम इसकाऔर विस्तार कर दे कि - यह घटना 29 जनवरी की है | संदीप के पिता का नाम ओमबीर दुधिया है | संदीप घास लाने के लिए दोपहर में खेत पर गया था , लेकिन कुछ देर बाद वह खून से लहूलुहान होकर भागते हुए गाँव की तरफ आया | इस विडियो में देखा जा सकता है कि संदीप पूरी तरह से लहुलुहान है और लोगो ने उसके खून को रोकने के लिए गले पर कपड़े का पट्टा बाँध दिया | फिलहाल संदीप को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसका उपचार चल रहा है | डॉक्टर ने उसे खतरे से बाहर बताया है |
मौके से फिरोज फरार है | वहीं इस घटना की जानकारी हिन्दू जागरण मंच को मिली | जागरण मंच मौके पर पहुंचकर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए सीओ से मामले में कड़ी करवाई करने का आग्रह किया है |
सीओ अनुज मिश्रा ने कहा है कि - दोनों के बीच लेनदेन का मामला बताया जा रहा है | जल्द हीं हमलावर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा |
इस पर लोगो की ढेरो प्रतिक्रिया आ रही है | फिलहाल हम आपको कुछएक सन्देश से वाकिफ कर रहे है , जिसमे डॉक्टर सैयद ने लिखा - जब मामला आपसी विवाद का है तो इसे हिन्दू - मुस्लिम क्यूँ बनाया जा रहा है ?
वहीं इंजीनियर सुरेश शर्मा ने लिखा - मुस्लमानो के लिए हिन्दू सिर्फ काफिर होता है , दोस्त या सहपाठी नहीं और काफिरों का सर कलम करना तो शवाब का काम है | वहीं एक पोस्ट जो बड़ा हीं सुलझा हुआ है जिसे आदित्या ने दुःख जताते हुए लिखा - अति दुखद . निंदनीय ! पर एक बात कहूँगा - हर चीज को धर्म जाति से जोड़ना उचित नहीं श्रीमान | यहाँ यह बोला जा सकता था कि - आपसी विवाद में एक युवक ने दूसरे युवक का गला काट डाला या जो भी है ........ |
वैसे यह घटना तो बहुत हीं दुखद है | मगर इसे हिन्दू - मुस्लिम करार देते हुए इस घटना पर पेट्रोल ना हीं डाली जाए तो अच्छा है | ऐसे हीं आये दिन कहीं न कहीं घटना को अंजाम दिया जा रहा है | इसे हिन्दू और मुस्लिम से जोड़ देना सरासर गलत होगा | कई ऐसे हिन्दू लड़के या लड़कियां है या फिर मुस्लिम लड़के लड़कियां या कोई व्यक्ति , अपने मजहब के साथ भी क्रूरता कर बैठते है | लेकिन उदहारण के तौर पर हमने कई ऐसे हिन्दू मुस्लिम दोस्तों को देखा है जो दोस्ती का एक मिशाल खड़ा किया जिसका अनुकरण करना चाहिए और उदाहरण को हीं सदैव अपनाना चाहिए |
एक बात और संदीप का गला कोई हिन्दू दोस्त काट देता तो क्या दर्द कम जाता या फिर दर्द और ज्यादा बढ़ जाता ? इसका जवाब है किसी के पास ? हम बस इतना कहना चाहेंगे - इस घटना को मजहब से कदापि न जोड़िये | हमारे भारत का छत चार मजहबो पर टिका है - हिन्दू , मुस्लिम , सिख , इसाई और ये चारो हीं हमारे भारत के लिए महत्वपूर्ण अंग है | किसी का भी जख्मी होना हमें दर्द देता है | इसलिए जहाँ तक हो सके इस आग को बुझाने का काम करे न की सुलगाने का | हाँ ये सत्य है कि अपराधी को सजा तो मिलनी हीं चाहिए | कानून है तो फिर क्या सोंचना ? ...... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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