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भारतीय जनता पार्टी के नेता और कर्णाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की बड़ी बेटी की पुत्री डॉ० सौंदर्या की संदिग्ध मौत ने सभी को हैरान कर के रख दिया |
बैंगलूरु में शुक्रवार की सुबह करीब 8 बजे डॉ० सौंदर्या के पति डॉ० नीरज पूर्व की तरह अस्पताल अपनी ड्यूटी के लिए निकले | उस वक्त घर पर डॉ० सौंदर्या और उनका 4 माह का बच्चा मौजूद था | इनका फ़्लैट बैंगलुरू के बसंत नगर में है |
2 घंटे बाद करीब 10 बजे इनके घर काम करने वाली बाई ने डॉ० नीरज को फोन कर सूचना दी कि - काफी देर से घंटी बजा रही हूँ , मैडम दरवाजा नहीं खोल रही है | नीरज परेशान हो गए और पत्नी को फोन लगाया | मगर डॉ० सौंदर्या ने फोन नहीं उठाया , तो परेशान होकर डॉ० नीरज अपने फ़्लैट में वापस आये और दरवाजा तोड़कर अन्दर प्रवेश किया |
फ़्लैट के अन्दर पहुँचते हीं यह देखकर आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा - उनकी पत्नी पंखे में फांसी के फंदे से झूल रही थी |
डॉ० नीरज इस दृश्य को देखकर बेहाल हुए और घटना की सूचना पुलिस को दी | सूचना पाते हीं उनके फ़्लैट पर पुलिस ने दस्तक दिया और डॉ० सौंदर्या की लाश को नीचे उतारा | इसके बाद पुलिस ने पंचनामे की प्रक्रिया पूरी करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए बैंगलुरू के बोरिंग एंड लेडी कर्जन अस्पताल में भेज दिया |
पुलिस ने घर की अच्छी तरह तलाशी लेते हुए छानबीन की , मगर कोई भी सुराक और संदेह की गुंजाइश न पाकर वहां से चली गई |
इस मामले में अनुमान लगाया जा रहा है कि - इस घटना को अंजाम देने से पूर्व डॉ० सौंदर्या ने अपने बच्चे को दूसरे कमरे में छोड़ा फिर अपने कमरे में आकर फांसी लगाईं |
डॉ० सौंदर्या के माता - पिता को जब अपनी बेटी के ख़ुदकुशी की दर्दनाक खबर मिली तो वे बिचलित हो गए , उस वक्त वे हुगली में थे | डॉ० सौंदर्या की उम्र 30 वर्ष थी और वे बैंगलुरू के एम एम रमैय्या अस्पताल में डॉक्टर थी , जहाँ डॉक्टर नीरज भी कार्यरत है | इन दोनों की शादी 2018 में हुई थी |
सूचना के आधार पर कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने जो जानकारी दी है , उनके अनुसार डॉ० सौंदर्या गर्भावस्था के बाद से हीं डिप्रेशन की शिकार थी | गृहमंत्री ने कहा है कि - कुछ भी संदिग्ध नहीं है | सभी लोग उनके डिप्रेशन के विषय में जानते थे |
घटना की जानकारी मिलते हीं मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई , कुछ मंत्रीगण और बीजेपी के वरिष्ठ सदस्यगण , पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के घर उन्हें सात्वना देने पहुंचे |
डॉ० सौंदर्या का अंतिम संस्कार बैंगलुरू के बाहरी इलाके में मौजूद डॉ नीरज के फॉर्म हाउस में किये जाने की संभावना है |
इस मामले में अप्राकृतिक मौत का FIR हाई ग्राउंड थाने में दर्ज कराई गई है |
आखिरकार यह असुलझा सा मामला डॉ० सौंदर्या के साथ हीं अलविदा हो गया | इसे चाहे डिप्रेशन का नाम दिया जाए या किसी त्रासदी का | मगर लोगो के नजर में यह घटना उछाल ले रहा है कि - आखिरकार क्या कारण था कि डॉ० सौंदर्या को ख़ुदकुशी करने पर मजबूर होना पड़ा ? अगर वे डिप्रेशन की शिकार थी , तो पहले वे एक डॉक्टर भी थी , साथ हीं इनके पति भी डॉक्टर है |ऐसे में डिप्रेशन की स्थिति का भलीभांति इनके पास पहचान और लक्षण का ज्ञात है जिससे डिप्रेशन को जिंदगी से कोसो दूर भगाया जा सकता था | साथ हीं अगर ऐसा था तो इस तरह की पेशेंट को चार महीने के बच्चे के साथ अकेला नहीं छोड़ा जाता | एक डॉक्टर से ज्यादा भला और कौन समझ पायेगा इस मर्ज की स्थिति ! ऐसे में एक पति को छुट्टी लेकर घर में अपनी पत्नी की देखभाल करना ज्यादा जरुरी था | आखिरकार अपने बच्चे / जिगर के टुकड़े को एक डॉक्टर अपनी पत्नी जो डिप्रेशन की पेशेंट थी के पास कैसे छोड़ सकते है ?
डॉ० सौंदर्या हो सकता है डिप्रेशन की शिकार न होते हुए अकेलेपन की शिकार हुई हो ! बहुत कम लोग महिलाओं की स्थिति की करोब से जान पाते है | रेशमी साड़ी के अंदर छुपा हुआ दर्द का टीस दिखाई नहीं पड़ता | ऐसे में जो करीब है वह सबकुछ महसूस करते है और पति से ज्यादा करीब भला और कौन हो सकता है एक महिला के लिए !
खैर .......... अब इसपर अपनी प्रतिक्रिया
देना उचित नहीं |मगर हम पाठको से जरुर कहना चाहेंगे कि - आपके घर में या
पहचान में अगर कोई डिप्रेशन के मरीज हो या अकेलेपन का मरीज तो उनका साथ और
सहयोग जरुर दीजिये | उन्हें अकेला कभी मत छोड़िये | अकेलापन एक ऐसा घुटन है
जो दिखाई नहीं पड़ता और इंसान को ख़ुदकुशी करने पर मजबूर कर देता है |
........ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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