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सोमवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि - जनसंख्या में संतुलन बनाए रखने की निहायत आवश्यकता है और यह बात सभी धर्म , समुदाय के लोगो के लिए जरुरी है | कहीं ऐसा न हो की किसी विशेष वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड ज्यादा हो और जो मूल निवासी हो उनकी आबादी का स्पीड कम हो |
जनसंख्या बढ़ने से धार्मिक स्वतंत्रता पर असर पड़ते हुए एक दौर में वहां अराजकता का जन्म होता है और धीरे धीरे वह अपना पाँव फैला लेता है जो किसी भी देश के लिए ठीक नहीं |
जनसंख्या नियंत्रण पर सभी समुदाय के लोगो को एक साथ हाथ मिलाना होगा जिसमे सभी मजहब , सभी वर्ग एक सामान , एक रूप में आगे बढ़ सके , न कोई कम न कोई ज्यादा | जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को सफलता पूर्वक आगे बढ़ाने की जरुरत है |
दो बच्चे के अंतराल में समय की कमी है तो इसका सीधा असर जच्चा पर पड़ता है और इससे मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है जो किसी भी राज्य और देश के लिए ठीक नहीं | इस दौर में हमें सामूहिक कोशिश से हीं सफलता हासिल होगा , इसके लिए बुद्धिमान व धर्मगुरुओं का साथ होना भी जरुरी है |
उत्तरप्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण से जुड़ा प्रक्रिया , यह लोगो के लिए लागु किये जाने वाले एक नियम कानून है जो 16 अगस्त 2012 को हीं मुख्यमंत्री के समक्ष इस ड्राफ्ट को राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्य मित्तल ने सौंपा था |
कार्ड का रंग कैसा हो ? इसपर आधारित होगा आपके पास बच्चे कितने है ?
एक बच्चे वाले को गोल्ड , दो बच्चे वाले को ग्रीन कार्ड दिया जाएगा | दिव्यांग या ट्रांसजेंडर बच्चे के जन्म लेने के बाद परिवार में तीसरे बच्चे पर छूट का भी नियम सम्मलित है |
जिस दंपत्ति को 2 बच्चे हैं वे सरकारी सर्विस में 2 इन्क्रीमेंट और आवासीय योजना में छूट व सरकार द्वारा अन्य सुविधाएँ पा सकेंगे |
सरकारी नीति का पालन नहीं करने वाले पर पंचायत व स्थानीय निकाय चुनाव से लड़ने पर अंकुश तो लगाया हीं जाएगा , साथ हीं उन्हें किसी भी सब्सिडी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा |
इस बात ने सभी का ध्यान केन्द्रित किया कि - 100 करोड़ जनसंख्या होने में लाखो साल लग गए | वहीं 100 से 500 करोड़ होने में सिर्फ 183 से 185 साल | बहुत जल्द विश्व की आबादी 800 करोड़ होने की संभावना दिखाई पड़ रही है |
सिर्फ भारत की बात करे तो - 135 से 140 करोड़ की आबादी में उत्तरप्रदेश राज्य की आबादी 24 करोड़ है | बहुत जल्द यह संख्या 25 करोड़ होने वाली है |
इस अवसर पर उन्होंने नवदंपत्ति को परिवार नियोजन की "सगुन किट" देते हुए देश की गति से अवगत कराया और बड़े हीं सरलता से जनसंख्या की सोंच को दर्शाया | इस कीट में जागरूकता के सभी सामग्री मौजूद है |
अब जब संख्या की बात चली है तो हम विश्व जनसंख्या दिवस मना रहे है | तो एक महत्वपूर्ण बात जो इससे जुड़ी हुई है , हम अंकित कर दे :- 2002 में ICDS योजना में काम कर रही "तन्वी सोदाय" को आंगनबाड़ी सेविका के पद पर बिठाया गया था , परन्तु वहीं 3 बच्चे होने की बात सामने आई तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया | अपने पद से रिक्त हुई सेविका बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची थी और अपनी दर्दभरी दास्ता सुनाया |
जानकारी के आधार पर नियम के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार में विभिन्न विभागों में पदस्थ कर्मचारियों में 2 से ज्यादा बच्चे होने पर नियम बनाया गया | जबकि महिला ने अपनी दलील पेश की थी कि - यह प्रस्ताव 2014 में आया था और तन्वी सोदाय उस वक्त 8 माह की गर्भवती थी | तन्वी सोदाय के अनुसार उन्हें निकाला जाना गैर क़ानूनी बताया गया , खैर ....... |
इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि छोटा परिवार सुखी परिवार का मतलब हीं है - "हम दो और हमारे दो" | यह तो बहुत पहले से हीं सबको पता है फिर तीसरे को बीच में लाकर भविष्य बर्बाद करने की क्या जरुरत और 2 बच्चो में फांसला भी जरुरी है ताकि जच्चा और बच्चा दोनों आजीवन स्वस्थ रहे |
मगर यहाँ तो आम आदमी से लेकर ख़ास व्यक्ति तक 2 से बहुत ज्यादा बच्चे देखने को मिलते है | इस बातो पर ध्यान देना और समझना निहायत जरुरी है | देश के सभी धर्म और समुदाय को एक साथ ध्यान देना पड़ेगा और मिलकर अपने भारत को खुशहाल बनाना पड़ेगा |
यहाँ तो तंगी ऐसी है कि - लोग जीने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में दौड़ लगाते है | ढूंढते है कहीं जीने का आधार मिल जाए , मगर उन्हें वह चौराहा नहीं मिल पाता | क्या इसे हम जीना कहेंगे ? शायद नहीं | हम दो हमारे दो की नीति अपनाइए , वह बेटा हो या बेटी दो बच्चे सबको लगेंगे अच्छे | बच्चे को पूर्ण रूप से स्वस्थ और शिक्षित बनाइये तभी हमारे देश के बच्चे तंगी व बेरोजगारी से ऊपर उठ पायेंगे और हम कह सकेंगे - सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ता हमारा | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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