एक और ताजमहल मध्यप्रदेश की धरती बुरहानपुर में , जो मोहब्बत का प्रतिक बना | Bhavyashri News
- by Admin (News)
- Nov 21, 2021
उत्तरप्रदेश का आगरा शहर जहाँ मुहब्बत का एक नजराना अवस्थित है "ताजमहल" जिसे शाहजहाँ ने मुमताज की याद में बनवाया था और यह प्रेम एक इतिहास रच गया | आज दुनियां के बहुत सारे लोग इसका दीदार व स्पर्श करने भारत की धरती पर आते है | मगर बहुत कम लोग यह जानते है कि - शाहजहाँ ने इस ताजमहल को मध्यप्रदेश का एतिहासिक शहर बुरहानपुर से गुजरने वाली ताप्ती नदी के किनारे बनाने का फैसला किया था , परन्तु किसी कारण वश या फिर समय का तकाजा कहे कि - इसे मध्यप्रदेश की धरती पर न बनाकर उत्तरप्रदेश की धरती पर उतारा गया |
मुहब्बत का यह फंसना एक यादगार रूप लेता हुआ विश्व में एक इतिहास रचा है | कहा जाता है - जिस धरती पर जिस चीज को उतारने की सोंच किसी ने बना लिया , तो वह सोंच दसक बाद या शतक बाद या फिर इससे भी ज्यादा लेकिन किसी के भी द्वारा इस सोंच को धरती पर उतारा जरुर जाता है |
तस्वीर :- न्यूज़ 18 के सौजन्य से
बुराहनपुर की धरती जहाँ पर शाहजहाँ ने ताजमहल बनवाने की सोंच रखी थी , उस सोंच को बरकरार किया है आनंद प्रकाश चौकसे ने , यह एक शिक्षा शास्त्री है | इन्होने हुबहु आगरा में बने ताजमहल की तरह हीं एक चार बेडरूम का घर बनाया है , जो सुख सुविधा से भरपूर है | इसे बनवाने में पूर्व में कई रूकावटे खड़ी हुई , जो अक्सर अच्छे कार्य करने के समय होता रहा है | मगर सच्चे मन से अगर कुछ ठान लिए जाए , तो उसे ऊपर वाले की शक्ति मिल जाती है और वह पूरा भी हो जाता है | कहा गया है - हौंसला बुलंद हो तो आँधियों में चिराग जलते है और तब तूफ़ान को हारना पड़ जाता है एक दीप के हौसले के सामने |
आनंद चौकसे ने अपनी अटूट विश्वास को लेकर कदम बढ़ाया और कामयाबी हासिल की |
इस घर की डिजाईन व मकान तैयार किया है इंजीनियर प्रवीन चौकसे ने | यह बहुत हीं कठिन कार्य था , मगर पद की गरिमा को बरकरार रखते हुए इन्हें यह चुनौती भरा कार्य पूरा करना था और कर गए | प्रवीण चौकसे ने मीडिया को बताया कि - ताजमहल जैसे घर का क्षेत्रफल मीनार सहित 90x90 का है , बेसिक स्ट्रक्चर 60X60 है और गुम्बद 29 फीट ऊँचा है |
इसे बनाने से पूर्व आनंद चौकसे अपने पत्नी मंजूषा चौकसे के साथ पहले आगरा पहुंचे , वहां ताजमहल देखा , उनकी खूबियाँ और बारीकियों का घोर अध्यन किया और फिर इंजीनियर प्रवीण चौकसे को आगरा के ताजमहल की तरह देखने वाले घर की फरमाइश कर दी | इसलिए प्रवीण चौकसे को भी आगरा जाकर ताजमहल देखना पड़ा और फिर उन्होंने मन बना लिया और हाथ लगा दिया निर्माण कार्य में |
एक बड़ा हॉल , दो बेडरूम नीचे और दो बेडरूम ऊपर , किचेन , लाइब्रेरी और एक मेरिटेशन रूम बनाया गया | इस घर में जो नकासी की गई है , इसे सोने पर सुहागा नाम दिया जा सकता है | बंगाल व इंदौर की कलाकार की मदद ली गई , साथ हीं आगरा के उत्कृष्ट कारीगरों को भी बुलाया गया | घर के फर्नीचर का काम मुंबई व सूरत के कारीगरों के हाथ सौंपा गया |
आज यह घर बनकर तैयार है और इस घर को इंडियन कंस्ट्रक्टिंग अल्ट्राटेक आउट स्टैंडिंग स्ट्रक्चर ऑफ़ एम पी का अवार्ड मिल चूका है |
आपको बता दे कि - आनंद चौकसे को सदैव यह कसक रही थी कि - बुरहानपुर में ताजमहल क्यूँ नहीं बनाया गया और अपनी इसी तड़प को उन्होंने एक बार फिर मुहब्बत का नाम देते हुए अपनी पत्नी के लिए यादगार गिफ्ट तैयार करवाया , जिसे बनने में लगभग 3 वर्ष लग गए | इसे मुहब्बत का एक नजराना व ताज कहा जाए तो शायद ! कोई अतिश्योक्ति न होगा |
प्यार तो सदियों सदी से उगता हुआ एक सूर्योदय की तरह है , जो सैदव पूर्णिमा की रात की तरह नूर बिखेरता हुआ प्रतीत होता है हर दिल में , मन में | सिर्फ जगाने भर की बात है | जिस कसी ने भी इस स्टोरी को पढ़ा / सुना व देखा है सब के सब गदगद हो गए और वाहवाही के पुकार से एक दूसरे को प्रेरित कर रहे है , क्यूंकि इनके प्रेम का नूर अब विस्तृत रूप लेता नजर आ रहा है | भारत से विश्व तक का भ्रमण अब ज्यादा दूर नहीं |
वाह ! काबिले तारीफ़ है यह मुहब्बत का सफ़र व सोंच | लोग ताजमहल का प्रतिक खरीदकर अपनी महबूबा व पत्नी को गिफ्ट करते है | आनंद प्रकाश चौकसे जी ने तो ताजमहल जैसा घर हीं बनवाकर अपनी पत्नी को गिफ्ट देकर एक इतिहास रच दिया | हर जन्म आपका साथ और आपकी मुहब्बत अमर रहे , यहीं कामना है सब की | आज आनंद प्रकाश चौकसे अपनी पत्नी मंजूषा चौकसे के साथ ताजमहल में ऐशो आराम व सकूँ वाली जिंदगी जी रहे है , जिसे देखकर लोग पुलकित नहीं समां रहे है | हमारी भी दुआएं आपके साथ है , आप जियो हजारो साल ये मेरी है आरजू | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )

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