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आज 21 जून है "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" जिसे भारत हीं नहीं विश्व में मनाया गया | भारत सहित 190 देशों में योग दिवस मनाये जाने की बात निहित थी , जिसकी मोनिटिरिंग भारतीय मिशन के जिम्मे रखा गया था | कोरोना गाइड लाइन का पूरा ख्याल रखते हुए सोशल डिस्टेंस , मास्क व बार - बार हाथों को स्वच्छ रखने के नियम पूर्व से निहित थी |
भारत के प्रधानमंत्री ने इस वर्ष योग का नाम रखा था "योग फॉर वेलनेस" इसका सीधा मतलब है शारीरिक और मानसिक कल्याण वृद्धि के लिए समर्पित होना | आज योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम 6 बजकर 30 मिनट से शुरू हुआ | बीते दिनों में हीं प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर बताया था कि - 21 जून को हम सातवां योग दिवस मनायेंगे |
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को संबोधित करते हुए योग के माध्यम से बिमारियों से दूर रहने का फार्मूला , अपने - अपने दिनचर्या में शामिल करने की बात कही | प्रधानमंत्री ने कहा - कोरोना के खिलाफ लड़ाई में योग उम्मीद की किरण है | अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग फॉर वेलनेस का महत्व बताते हुए करोड़ो लोगों को उत्साह से भरपूर किया |
21 जून यादगार दिवस की तारीख , जिसे पूरी दुनियां योग दिवस के रूप में मनाती है | पिछले कुछ दसकों से योग गुरु बाबा रामदेव , हमारे देश में योग और आयुर्वेद के द्वारा लोगों को निरोग होने की बात पर जोर देते आ रहे हैं | सदैव अपने शरीर को स्वस्थ रखने का बस एक मंत्र योग और आयुर्वेद को लोग अपना लें और निरोगी काया पा लें | जिसपर बहुत कम लोगों ने ध्यान दिया | अगर जीवन में बाबा रामदेव की बातों को उतार लेते , तो इतना जीवन इस धरती से विलुप्त न हो जाता | आज भी उसी त्रस्त राह के दौर से लोग गुजर रहे हैं | थोड़ा ठहरिये और योग , आयुर्वेद के विषय में पूर्ण जानकारी लीजिये , फिर देखिये जिंदगी में उम्र का शतक पार करेंगे आप |
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने योग के बढ़ते कदम पर विश्व में अपना झंडा गाड़ दिया है | यह दिवस भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की स्वीकृति दी थी और अब दुनियां में एक मुहीम के रूप में इसे मनाए जाने लगा है |
आज सातवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े हीं उत्साह से मनाया गया | राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति , मुख्यमंत्रीयों , मंत्रियों ने योगाभ्यास करते हुए लोगों से योग को अपने दिनचर्या में शामिल करने की अपील भी की | कोरोना काल के दौरान भी देश और दुनियां में योग कार्यक्रम की तस्वीरों का जमावड़ा लग रहा है | न्यू यॉर्क में 3000 लोगों ने सूर्य नमस्कार किया | जवानों द्वारा लद्दाख में 18000 फिट की उंचाई पर किया गया प्रणायाम | आज जीवन के इस पौराणिक और अहम् प्रकृति की देन की सच्चाई से सभी लोग नहाते हुए नजर आये | जो शामिल नहीं भी हुए , वो भी टीवी पर प्रसारित योग कार्यक्रम का सुबह से हीं सीधा प्रसारण देख रहे है और अपने मन में प्रेम उत्पन्न कर रहे हैं |
मान्यता के अनुसार योग का आरम्भ हजारों - हजार साल पूर्व से होता रहा है | इसके लिए सर्वप्रथम भगवान शिव का हीं नाम लिया जाएगा | शिव से बड़ा व सुन्दर अद्दभुत योग करने वाला कोई योगी नहीं | योगी और योग की शक्ति का तुलना नहीं किया जा सकता | लेकिन समय - समय पर ऋषि मुनि के द्वारा इसे मनुष्य के मन मस्तिष्क पर बिठाया हीं जाता रहा है और आज की तारीख में भी हमारा सौभाग्य है कि , हमारे भारत में ईश्वर ने एक ऐसे योग गुरु को जन्म दिया जो हमें इसका सार समझाने के लिए बहुत पास बैठे है और यह सत्य है की जब - जब योग की बातें आएगी तो बाबा रामदेव को कोई भुला नहीं पायेगा | पहला नाम उनका हीं जुबान पर चढ़ेगा और यह सत्य भी है |
यह बहुत कम लोगों को मालुम है कि , साल के 365 दिन में , 21 जून साल का सबसे लम्बा दिन होता है | जब धरती पर सूर्य सबसे अधिक समय तक रहता है | इसलिए इसी दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाये जाने का अहम् फैसला लिया गया होगा | साथ हीं 21 जून ग्रीष्मकालीन संक्रांति का भी दिन है |
पहला योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था , जिसमे दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए गए थे | पहला रिकॉर्ड - इतनी बड़ी संख्या में एक साथ लोगों का योगासन करना और दूसरा - 84 अलग - अलग राष्ट्रीयता वाले लोगों का भी शामिल होना था | इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई दिल्ली के राजपथ पर 35 हजार 9 सौ 85 लोग एक साथ 35 मिनट तक 21 तरह के योगासन कर मन को बुलंद किया था | जिससे देश - विदेश को योगासन के फायदे के विषय में अद्दभुत जानकरी प्राप्त हुई , व अपने काया को कंचन बनाने का मंत्र मिला |
योग दिवस के विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें भी जानना जरुरी है | जैसे 11 दिसम्बर 2014 को यूएन के 177 सदस्यों द्वारा इसे मंजूरी दी गई थी और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 21 जून का दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाये जाने की स्वीकृति दी थी | यह पहला मामला था , जब किसी दिवस को मात्र 90 दिन में मंजूरी मिली , इस लिए 11 दिसम्बर भी एक यादगार दिवस है |
योग गुरु बाबा रामदेव बोलते - बोलते थक गए | अगर बाबा रामदेव की बातों को माना जाता , तो इतनी जानें नहीं जाती | आज कोरोना से जीतनी भी मृत्यु हुई है , उसमे चिकित्सकों द्वारा लगभग फेंफरे खराब हो जाने की बातें सामने आई | लोगों ने लाखों रुपये लुटा दिए अस्पताल में , फिर भी जीवन वापस नहीं मिला | आज फिर लोग कोरोना के तीसरी लहर के आगमन की बात कर रहे हैं | लोग अपने - अपने जीवन बचाव् की बातें क्यूँ नहीं करते है ? अभी भी बहुत देर नहीं हुआ |
जितने लोग इस धरती पर हैं , वे सभी लोग योगासन को अपना लीजिये | इस भाग दौर की जिंदगी से थोड़ा सा वक्त निकालकर योग और आयुर्वेद जैसे जीवन संजीवनी को अपना रक्षक मानकर इसके गुण को पीजिये | फिर आपको किसी भी दवा की जरुरत नहीं पड़ेगी | क्यूंकि योग से आपके मन का तार सीधा ईश्वर के पास दस्तक देगा | क्यूंकि आत्मा में हीं परमात्मा का निवास बताया गया है और भगवान शिव को हीं सबसे बड़ा योगी कहा गया है | तो शिव को अपनाइए और लम्बी उम्र पाइए | फिर तो हर रोज अपना जीवन इन्द्रधनुषी सुबह बनकर दिनचर्या में उतर आएगा | आइये साथ चले , योगा व आयुर्वेद की बात करें , जो हमारे लिए जीवन संजीवनी है | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- एम० नूपुर )
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