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साउथ के सुपर स्टार रहे पुनीत राजकुमार की मृत्यु के बाद सरकार ने उन्हें कर्नाटक रत्न से सम्मानित किये जाने की घोषणा की | यह सम्मान राज्य के सर्वोच्च नागरिक होने का सम्मान है | अभी तक यह सम्मान केवल 9 लोगो को हीं मिला है | पुनीत राजकुमार दसवें सख्स होंगे जिन्हें इस सम्मान से नवाजा जाएगा | 12 साल बाद एक बार फिर यह सम्मान इनके नाम के साथ जुड़ने वाला है |
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसकी घोषणा बैगलुरु में कर्नाटक फिल्म चेंबर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा आयोजित श्रधांजलि समारोह "पुनीत नमन" में इस सम्मान को देने की घोषणा की | इस समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुनीत राजकुमार के व्यक्तित्व विशेष की व्याख्या करते हुए उन्हें दुर्लभ व्यक्ति बताया और कहा कि - उन्होंने अपनी खूबियों से लोगों का दिल सदैव जीता है | साथ हीं लोगों को आश्वस्त किया कि वे केंद्र सरकार से भी पुनीत राजकुमार को पद्मश्री दिए जाने की सिफारिश करने के लिए वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से गुजारिश करेंगे कि - वे केंद्र सरकार से पत्र लिखकर सम्मान दिए जाने के लिए आग्रह करे |
साथ हीं तेलगु के अभिनेता मंचू मनोज ने सभी राज्य के फ़िल्मी हस्तियों से गुजारिश की है कि - केंद्र सरकार से पुनीत राज को पद्मश्री देने की सिफारिश करे |
पुनीत राजकुमार 46 वर्ष के उम्र में हीं इस दुनियां को अलविदा कहा | 29 अक्टूबर 2021 को कार्डियक अरेस्ट से उनका नधन हो गया था | कन्नड़ सिनेमा पर राज करने वाले और लोगों के दिलों पर अपना बसेरा बना लेने की हुनर से परिपूर्ण वो सदैव अपनी हुनर से लोगों का दिल जीतने का फैलाव बनाते रहे |इनकी मृत्यु के बाद से इन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने की मांग होती रही है |
इनके पिता कन्नड़ फिल्म के सुपर स्टार रहे हैं , डॉक्टर राजकुमार के नाम से सभी पूर्व परिचित है | पुनीत डॉक्टर राजकुमार की सबसे छोटे बेटे है | साथ हीं KFI के एक प्रमुख्य स्टार शिवराज कुमार इनके बड़े भाई थे | ये बाल कलाकार के रूप में 12 फिल्मों में भी दिखाई दिए है | 1986 में बनी फिल्म जिसमे उन्होंने सर्वश्रेष्ट बाल कलाकार की भूमिका निभाई , इस फिल्म में इन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था | इस फिल्म का नाम था "बेट्टद हूवु" |
इनका जन्म चेन्नई में हुआ और इनकी जीवनसंगनी का नाम अश्विनी रिवनाथ है | पुनीत 1980 से हीं बाल कलाकार के रूप में फिल्मों में दिखाई दिए है , परन्तु अग्रिणी भूमिका निभाने के क्रम में अगर फिल्मों का नाम अंकित किया जाए , तो इन्होने फिल्म "अप्पू" के साथ अपनी फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत की , जो बहुत बड़ी हिट फिल्म रही और यह चार भाषाओं में बनी | उसके बाद फिल्म अरसू जो 2007 में बनी इससे पूर्व उन्होंने आकाश में काम किया यह फिल्म 2005 में बनी थी | उसके बाद इन्होने मिलन और बंशी जैसी फिल्मों में भी ऐसी भूमिका निभाई , जिससे इनका खुद व खुद पहचान बनता चला गया और ये लोगों के दिलों में अपना घर बना लिए |
"आरसू" के लिए इन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार मिला , साथ हीं 2008 में प्रदर्शित हुई फिल्म "मिलन" के लिए उन्हें कर्नाटक राज्य का सर्वश्रेष्ट अभिनेता का पुरस्कार भी मिला | पुनीत की चौदह फिल्में लगातार 100 दिनों से ज्यादा तक सिनेमाघरों में अपनी क्षमता दिखाती रही , जो एक मिशाल बना | कन्नड़ फिल्म उद्योग में सबसे अधिक पारिश्रमिक पाने वाले अभिनेता में एक पुनीत राजकुमार है |
पुनीत राजकुमार के नाम को अमर करने का भी सुझाव आया है , जिसमे प्रस्ताव डाला गया है कि - इनके माता पिता - डॉक्टर राजकुमार और माता पर्वतम्मा राजकुमार , जिन्होंने आखिरी बार जिस स्थान पर विश्राम किया था , उस स्थान को डेवलप किये जाने की भी बाते सामने आ रही है | मालूम हो की इनके पिता डॉक्टर राजकुमार की पुण्यभूमि में पुरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया था , यह स्थान था कांतिरावा स्टूडियो और 31 अक्टूबर का दिन कभी भुलाया नहीं जा सकता , यह दिन सदैव उनकी यादों को जिन्दा रखेगी |
पुनीत राजकुमार के निधन की खबर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलती चली गई | साउथ इंडस्ट्री हीं नहीं बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी एक शोक का लहर छाया था |
पुनीत राजकुमार को कर्नाटक रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने की बात सामने आते हीं उनके फैन्स के बीच ख़ुशी व उल्लास की लहर छा गई और एक बार फिर वे लोगों के दिलों में फिर से हलचल मचाने लग गए | क्यूंकि ऐसे लोग कभी मरते नहीं , वे सदैव जिन्दा रहते है अपनी हुनर व अभिनय की क्षमता पर लोगों की मन और दिलों पर जो एक इतिहास लिख जाते है , इतिहास बनकर | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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