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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को ED ने समन जारी कर पूछताछ के लिए 2 नवमबर को पेश होने का सन्देश जारी किया है |
दिल्ली सरकार की पुरानी एक्साइज पॉलिसी से सम्बंधित "मनी लौन्डरिंग" केस में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की कई दफा जमानत याचिका ख़ारिज हुई | मालूम हो कि अभी आम आदमी पार्टी के 3 मंत्री - मनीष सिसोदिया , सत्येन्द्र जैन और संजय सिंह ये तीनो मंत्री की दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में गिरफ़्तारी हुई और ये तीनो अभी तक जेल में है |
पार्टी के नेता व मंत्री आतिशी ने संभावना जताया है कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है | वहीं पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भी कहा कि केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी को समाप्त कर देना चाहती है |
मालुम हो कि तीनो मंत्री जमानत के लिए वाट जोह रहे हैं और तारीख बढ़ती हीं जा रही है ऐसे में ED मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पुरानी एक्साइज पॉलिसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लेने के लिए समन जारी किया है | यह सुन पार्टी व उनके चाहने वालो को यह डर सता रहा है कि कहीं उनकी भी गिरफ्तारी न हो जाए |
पार्टी का मानना है कि भारी मतों से दिल्ली में जीत हासिल की इससे जाहिर होता है कि पार्टी ने दिल्लीवालो का दिल जीता | सरल रूप से समाज को बुलंदी पर पहुँचाने के कार्य में लगी यह पार्टी देश को शिक्षित करने के लिए कदम बढ़ाया है | शिक्षा को प्राथमिकता देनेवाले और एक ऐसा रास्ता जिससे हर व्यक्ति अपना अधिकार / कर्तव्य और कानून की जानकारी प्राप्त कर सही और गलत की पहचान कर सके , कुछ अलग कुछ नया और अच्छा करने की चाहत रखनेवाली पार्टी आनेवाले कल के लिए एक खुबसूरत भोर देना चाह रही थी जो कुछ पार्टी को रास नहीं आया और शिक्षा के पूजारी को हीं जेल में डाल दिया गया | मंदिर में बिना पूजारी भला कैसे आरती हो !
पार्टी का मानना है कि आम आदमी पार्टी एक ऐसी पार्टी है है जो बीजेपी को कड़ी चुनौती दी है और दे सकती है इसलिए पार्टी के सदस्यों को परेशान किया जा रहा है | आम आदमी पार्टी पर जो आरोप लगाये गए हैं उसमे कितना दम है ? आखिर क्या कारण है कि पार्टी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया !
जानकारी के आधार पर आदालत पूछ रही है कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मामले में मनी ट्रेल का सबूत कहाँ है ? CBI व ED अभी तक सबूत क्यूँ नहीं पेश कर पाई ? पुख्ता सबूत पेश नहीं करने का कारण क्या है ? जांच को इतना लम्बा क्यूँ खिंचा जा रहा है ? वहीं जमानत में बार - बार अड़ंगे क्यूँ डाले जा रहे हैं ?
अब सवाल है कि 2 नवम्बर को पूछताछ के लिए अरविन्द केजरीवाल को हिरासत में लिया जा सकता है तो यह पार्टी के लिए खतरा पैदा होने की संभावना होगी क्यूंकि इस मामले में 338 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल के सबूत ED के पास मौजूद है | बड़े नेता पहले से जेल में है अगर अरविन्द केजरीवाल भी अन्दर गए तो इस कुर्सी को कौन संभालेगा ? पार्टी का पिलर कमजोर होने का यह बहुत बड़ा दस्तक है अब पार्टी आख़िरकार दिल्ली में मुख्यमंत्री पद पर किसे बिठाएगी ? तो एक नाम सभी के दिमाग में आ रहा है तो वह है अरविन्द केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और उसके बाद सौरभ भारद्वाज या आतिशी , ये दोनों की संभावना दिख रही है | खैर ....... यह तो आने वाले 2 नवम्बर को पता चलेगा कि ED इनसे क्या पूछताछ करेगी और ED के पास कौन सा पुख्ता सबूत है जिसके बदौलत वह अपने पंजो को मजबूत बनाये रखी है |
खैर ....... बाते जो हो हमारे देश की जनता का भविष्य राजनीति पार्टी पर हीं तो टिका है क्यूंकि नीति बनाने का आधार तो इनके पास हीं है | ऐसे में अच्छी पार्टी या सामाजिक विकास के तरफ बढ़ते हर वो कदम राजनीतिक / सामाजिक या आम जनता का कदम उधर क्यूँ बढ़ जाता हाथो में पत्थर लेकर जिससे रास्ते की गति अवरुद्ध हो और सामनेवाले के मन / दिल और कार्य पर चोट पहुंचे | ये कहने की बात नहीं सोंचने की बात है - थोड़ा ठहरिये जिनके घर शीशे के हो या थोड़ा भी शीशा जड़ा हो तो वो हाथ पत्थर न उठाये , पत्थर हर किसी के पास है | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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