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उल्टी , वूमेटिंग या कै आदि नाम सुनते हीं मन खराब हो जाता है और जी मचलने लग जाता है मगर वहीं वूमेटिंग का कीमती होना बताया जाए तो यह सुनकर आश्चर्य लगेगा |
हम बात कर ले व्हेल मछली की तो इनकी उल्टी बहुत हीं महँगी बिकती है | अक्सर इनके वूमेटिंग से बना गोला करोड़ो में बिकता है और इसकी स्मगलिंग या अवैध तरीके से बेचने वालो को करोड़ो का मुनाफा हो जाता है मगर यह गैर क़ानूनी है |
व्हेल मछली के वूमेटिंग की कीमत सोने और हीरे से भी अधिक है | वैज्ञानिक ने इनकी उल्टी को एम्बरग्रीस नाम देकर खुबसूरत बना दिया है | परफ्यूम को सुगन्धित बनाने और लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है | इसके अतिरिकित दिल की दवा , महँगी शराब व सिगरेट बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है |
दुनिया का सबसे विशाल जीव "ब्लू व्हेल" मछली को माना जाता है | यह विशाल जीव पृथ्वी का सबसे स्कंधारी जीव है | इसकी लम्बाई 30 से 100 फीट , वजन 150 - 200 टन तक होता है | 90 और भी प्रजातियाँ पाई जाती है , इसी में से एक है स्प्रम व्हेल | इसकी लम्बाई 49 से 59 फीट तक होती है , वजन 35 - 45 टन |
आखिर इस उल्टी का क्या काम ? तो काम का राज हमने खोल दिया इसके अतिरिक्त और भी बहुत कुछ |
अभी असम की बात करे तो :-
गोवाहाटी सीमा शुल्क डिविजन के डिविजनल प्रवेंटिंग फ़ोर्स ने 11 kg व्हेल की उल्टी को जब्त किया | इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत करीब 26 करोड़ 91 लाख रुपया बताई जा रही है | इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक किलो उल्टी की कीमत 2 करोड़ से भी ज्यादा यानि की सोना और हीरा से भी ज्यादा |
मछली जब उल्टी करती है तो वह बहुत हीं बदबूदार होता है | देखा जाए तो इंसान की उल्टी में भी काफी बदबू रहता है परन्तु समुन्द्र की नमकीन पानी और सूर्य की तेज रौशनी बदबू को उड़ा ले जाता है | काले रंग का यह चिपचिपा सा गोला ग्रे होकर सफेदी रंग ले लेता है और वह गोल्डन चमकीला दिखाई पड़ जाता है | यह अपनी खुशबू के सहारे हेलते - हेलते किनारे तक भी आ जाती है |
कहते हैं कि - सोने का परख जोहरी को होता है वैसे हीं इसकी खुशबू की परख और कीमत स्मगलिंग करने वाले को मिल जाती है और रातो रात वह अमीर बन जाते हैं |
एम्बरग्रीस अंडाकार या गोल होता है | ऐसा माना जाता है कि - यह मछली के टॉयलेट के सहारे , मुंह के सहारे या आंत के फट जाने के बाद बाहर निकलता है | हजार साल से भी ज्यादा साल से परफ्यूम में एम्बरग्रीस का इस्तेमाल होता आया है | लोग इस्तेमाल करते रहें मगर आज राज से पर्दा हटा और आज भी यह बहुत कम लोगो को मालूम कि - इस उल्टी की कीमत करोड़ो में है |
इनदिनों सिंथेटिक परफ्यूम तो बाजार में धरेले से बिकते हैं वहीं ओरिजनल परफ्यूम एम्बरग्रीस से बनाया जाता है | इसका डिमांड बहुत हीं ज्यादा है | उल्टी का वजन 15 ग्राम से 50 KG तक होता है | कई देश सहित अमेरिका और भारत में भी यह प्रतिबंधित है | वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत इनके शिकार पर प्रतिबन्ध लगा है | हर साल देखा जाता है - मुंबई . गुजरात , उड़ीसा या समुंद्री तट के किनारे तस्कर इन्हें ढूंढते पाए जाते हैं | उनकी निगाहें चौकन्नी रहती है इसलिए इस उल्टी को समुन्द्र में तैरता हुआ सोना कहा जाता है |
सोंचने कि बात है - गोबर जैसा काले रंग क चिपचिपा पदार्थ जिससे बदबू निकलती है , धीरे - धीरे पत्थर की तरह ठोस बन जाता है और लोग इसे बेचकर मालामाल हो जाते हैं | जानकारी के आधार पर - इसका टुकड़ा साथ ले जाने से प्लेग से बचाव होता है | भोजन का स्वाद बढ़ाने , सरदर्द , मिर्गी व सेक्स पॉवर बढ़ाने में भी इसका धरले से इस्तेमाल होता है और भी बहुत कुछ इस उल्टी से बनाए जाते हैं जो इंसान के रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल होकर कार्य करती है और लोग जान भी नहीं पाते कि इसके पीछे उल्टी का एक मुख्य अंश काम कर हा है खैर .........
चलते - चलते हम आपको यह भी बता दे कि - बहुत सारे जीव - जंतु व जानवर के चर्बी और यूरिन से दवा भी बनाए जाते हैं जिससे विज्ञान इंसान की जिंदगी के बचाव हेतु शोध कर प्रचलित करती है जिसके बाद इंसानी जिंदगी में इसकी खपत होती है | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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