Breaking News
मीराबाई चानू के भारत लौटने के बाद दिल्ली एअरपोर्ट पर उन्हें "गॉड ऑफ़ ओनर" दिया गया | साथ हीं लोगों ने जमकर "भारत माता की जय" के नारें लगाये | देश को टोक्यो ओलंपिक में पहला मेडल दिलवाने वाली भारत की इस बेटी ने एक इतिहास जड़ दिया |
मीराबाई द्वारा जीता गया "सिल्वर मेडल" भारत के लिए इकलौता मेडल है | इस सुखद अवसर पर दिल्ली एअरपोर्ट पर उनके साथ उनके कोच विजय शर्मा भी थे | एअरपोर्ट स्टाफ ने "भारत माता की जय" के नारे लगाने के साथ हीं उनका फूलों से स्वागत किया | गॉड ऑफ़ ओनर का सम्मान मिलना स्वयं के लिए / देश के लिए बहुत हीं अहमियत रखता है और गौरवान्वित करता है ,जो उन्होंने पा लिया |
मीराबाई ने एअरपोर्ट पर आत्मविश्वास भरकर कहा कि - इवेंट वाले दिन मै बहुत नर्वस हो गई थी | इसलिए की देश के लोगों को मुझसे काफी उम्मीदें थी | अपने आत्मविश्वास में कमी न आने देने की हमारी कोशीश थी और अपने मजबूत मन से मैने सोंच रखा था कि - मुझे अपना बेस्ट देना है | मै 5 वर्ष की अपनी मेहनत से कामयाब हो सकी हूँ | चीन इस स्पोर्ट्स में काफी मजबूत है लेकिन मैंने अपने अपोजिट खिलाड़ी को कड़ी टक्कर देते हुए यह पदक जितने में कामयाबी हासिल की है | खासकर मुझे US जाने से मेडल जितने में मदद मिली है |
एक समय ऐसा था - जब कोरोना के कारण अमेरिका की सारी फ्लाइटें बंद हो गई थी , बावजूद स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेरी मदद की और उनके सहयोग से मै अमेरिका पहुँच पायी | US में मुझे हर तरह की सुविधाएं मिली | टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम से काफी सहायता मिलती है |
टोकियो एअरपोर्ट से लौटते समय मीराबाई ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा किया था और लिखा था - घर के लिए रवाना हो रही हूँ | मेरी जिंदगी के खास लम्हों के लिए "थैंक यू टोकियो" | इस ट्विट को 10 घंटे के अन्दर लाखों की संख्या में लाइक्स मिले और हजारों की संख्या में री - ट्विट भी |
वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने बीते शनिवार को महिलाओं की 49 किलोग्राम की वेट कैटोगरी में कूल 202 किलोग्राम वजन उठाकर सिल्वर मेडल जीता | वेटलिफ्टिंग में मीराबाई मेडल जितने वाली भारत की दूसरी एथलीट बनी |
इससे पूर्व कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 में सिडनी ओलंपिक में ब्रूच मेडल जीता था |
अब हम आपको वेटलिफ्टिंग गेम के विषय में बता दे - तो इसे हिंदी में "भारोत्तोलन" कहा जाता है | यह एक तकनीक परीक्षा से सम्बंधित खेल है | जिसमे अपने बाजू / पाँव / कमर व सीने को काफी मजबूत बनाना होता है , या यूं कहा जाए तो - शरीर के पुरे हीं अंग को | साथ हीं मन को भी मजबूत बनाना निहायत जरुरी है |
चोटी के भारत्तोलक अपनी शरीर के वजन से तीन गुणा ज्यादा भार भी उठा लेते हैं | यह खेल दो तरह का होता है - एक में स्नेच , जिसमे भार को अपनी सर से ऊपर ले जाना होता है और दूसरा क्लीन एंड जर्क - इसमे भार को दो चरणों में उठाना होता है | इसमे प्रतिभागी का हाथ सीर से ऊपर तक जाना और साथ हीं शरीर का सीधा रहना भी जरुरी है |
मणिपुर सरकार ने इस जीत के लिए चानू को एक करोड़ रुपये इनाम देने की घोषणा की है | साथ हीं एक और भी इनाम दिया गया है - एडिशनल SP के पद पर न्युक्ति | मणिपुर के मुख्यमंत्री एन० बीरेन सिंह ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि - मीराबाई को एडिशनल SP के पद पर तैनात करने का निर्णय लिया गया है |
ख़ुशी का माहौल हो और खाने की बात न की जाए , तो उत्साह थोड़ा कम पड़ जाता है | वैसे भी जिसे "गॉड ऑफ़ ओनर" का सम्मान दिया गया हो , उनका मनपसंद खाना भी देश के लिए एक अहमियत रखता है , क्यूंकि ये एक बड़ी सेलेब्रिटी बन चुकी है | बातों के क्रम में इन्होने पिज्जा का नाम ले लिया कि - मुझे पिज्जा खाए हुए काफी दिन बीत गए |
इनका यह बात मुंह से निकालना था कि रेस्टोरेंट चेन डोमिनोज ने मीराबाई को जीवनभर के लिए फ्री में पिज्जा खिलाने की पेशकश की | डोमिनोज ने यह बात सोशल मीडिया पर भी पोस्ट करते हुए यह बातें ख़ास अंदाज में लिखा - आपने कहा और हमने सुन लिया | हम नहीं चाहते कि मीराबाई चानू फिर से पिज्जा खाने के लिए इंतज़ार करे | इसलिए उन्हें हम जीवनभर मुफ्त पिज्जा देंगे | साथ हीं बधाई देते हुए डोमिनोज ने लिखा - देश के लिए मेडल जीतने पर मीरा को बधाई | आपने सभी भारतीयों के सपने को साकार किया है | हमारे लिए इससे ज्यादा ख़ुशी की बात नहीं होगी कि - हम आपको जीवनभर डोमिनोज का पिज्जा फ्री में दे |
डोमिनोज ने जैसे हीं सुना कि मीराबाई चानू ने मेडल जीता है , वैसे हीं उनके परिजनों के घर पिज्जा भेज दिया था |
चानू ने इस जीत के पीछे अपनी व अपनी माँ के त्याग करने की बातें कही हैं | हर जीत में परिवार के किसी न किसी व्यक्ति की सहायता / त्याग का होना माना जाता है | इसी तरह मीराबाई के लिए उनकी माँ का त्याग इस जीत का तौहफा है |
27 वर्षीय मीराबाई चानू जिनका जन्म 08 अगस्त 1994 को मणिपुर में हुआ | इनका पूरा नाम साइखोम मीराबाई चानू है | कम उम्र से हीं इन्हें अपनी ताकतों को अजमाने का शौक रहा | उनके बड़े भाई के लिए जिस वजन को उठाना मुश्किल था , उस वजन को मीराबाई बड़े हीं आसानी से उठा लिया करती थी | 2014 से नियमित तौर पर 48 किलोग्राम के अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं | इन्होने विश्वचैम्पियनशिप एवं राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता है | इन्हें खेल के क्षेत्र में इस योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा है |
इस जीत के लिए मीराबाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई दी है | साथ हीं कई नेतागण और देश व खेल के प्रति चाहत रखने वाले लोग इन्हें बधाई पर बधाई देते नजर आ रहे हैं , जो अपने आप में व देश के लिए सुखद अनुभूति है | ......... ( न्यूज़ / खेल फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
नोट :- अगर आप अपनी किसी भी रचना ( न्यूज़ / कहानी / कविता / फीचर / आदि ) को इस वेबसाइट पर प्रकाशित करना चाहते है , तो इस ईमेल पर संपर्क करें :- rupesh0199@gmail.com
अन्य न्यूज़ भी पढ़ने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करे :-
दैनिक भास्कर के कई दफ्तर में सुबह से आयकर विभाग द्वारा छापामारी जारी |
अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली पहली महिला द्रोपदी थी , जिसे पांचाली और कन्हैया भी कहते है |
फिल्म निर्देशक "राजकुमार हिरानी" का बेटा बन ठगी करने वाले "कबीर हिरानी" की तलाश जारी |
रिपोर्टर