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चेन्नई में कोरोना का आठ माह से ज्यादा ईलाज कराने के बाद आखिरकार रीवा के किसान ने दुनिया को कहा अलविदा |
8 माह के इलाज में 8 करोड़ रुपये खर्च हुए थे | इनका नाम धर्मजय सिंह था , ये मध्यप्रदेश रीवा के रहने वाले थे | इनके ईलाज में परिवार वालो ने 50 एकड़ जमीन तक बेच डाली , बावजूद परिवार को निराशा हाथ लगा |
बीते मंगलवार की रात इनकी मृत्यु ने सबको रुलाया हीं नहीं बल्कि पैरो से धरती हीं फिसल गई | दिल , दिमाग और विश्वास की मौत भी हुई | इनके भाई प्रदीप सिंह ने कहा कि - सप्ताह भर पूर्व भाई का ब्लडप्रेशर कम हो गया था , जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें ICU में भर्ती कर दिया , जहाँ उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया , फिर उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया |
18 मई के बाद से वे चेन्नई के अस्पताल में हीं भर्ती थे और चेन्नई में हीं उनकी मृत्यु हो गई | इससे पूर्व वे रीवा के संजय गाँधी अस्पताल में भर्ती थे | हालात में सुधार नहीं होने पर उन्हें 18 मई को एयर लिफ्ट करके चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था , जहाँ लन्दन के डॉक्टर मोनिटरिंग कर रहे थे |
सूचना के आधार पर हम आपको बता दे कि - ये अप्रैल 2021 में कोरोना से ग्रसित हुए थे , परन्तु चार दिन में ही स्वस्थ हुए थे | कहा जा रहा था कि - फेफड़ा में 100% संक्रमण फ़ैल चूका है , इसलिए उन्हें एक्मो मशीन के माध्यम से नई जिंदगी देने की कोशिश की जा रही थी |
बहुत कम लोगो ने एक्मो मशीन का नाम सुना होगा और ईश्वर न करे इस मशीन से किसी का पाला पड़े | मगर विज्ञान ने इसे बना लिया तो इंसान को बीमार पड़ना ही होगा |
खैर एक्मा मशीन से मरीज का खून बाहर निकालकर ओक्सीजेशन किया जाता है , फिर वह खून दोबारा शरीर के अन्दर भेजा जाता है | इसे कृत्रिम प्रक्रिया कहेंगे न की प्राकृतिक उपचार | यह ईलाज बहुत ही महंगा पड़ता है | ईलाज आरम्भ करते वक्त तो पर्याप्त खर्च होता है और इसे जारी रखने के लिए प्रतिदिन दो लाख रुपये खर्च भी करने पड़ते है |
धर्मजय का शव प्लेन के माध्यम से मध्यप्रदेश की धरती पर लाया गया , जहाँ रीवा के लोगो के आँखों में आंसुओं की धार रुके नहीं रुक रही थी | वहां के लोगो को यह विश्वास था कि - धर्मजय बिलकुल स्वस्थ होकर अपने घर वापस आयेंगे | इसलिए बहुत दुःख के साथ हम बता दे कि - मंगलवार को सिर्फ धर्मजय की मृत्यु नहीं हुई बल्कि एक विश्वास और सहारा का भी मृत्यु हो गया |
मंगलवार को एक ऐसा चिराग बुझा जिसने स्ट्रोबेरी व गुलाब की खेती को बिन्ध्य में विशेष पहचान दिलाई थी |
26 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने PTS में आयोजित मुख्य समारोह में धर्मजय सिंह को भी सम्मानित किया था |
धर्मजय के परिवार वालो का दावा है कि - उन्होंने धर्मजय की ईलाज पर 8 करोड़ खर्च किये हैं और इसके लिए उन्होंने मध्प्रदेश सरकार से गुहार लगाईं थी | फिलहाल सरकार ने उन्हें 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी है |
याद रखिये जिंदगी न मिलेगी दूबारा | अगर अपनी जिंदगी बचानी है और परिवार को सुखी / स्वस्थ रखना है तो तनिक सोंचियेगा | प्रकृति ने हमें क्या कुछ नहीं दिया जिसे खाकर हम तमाम उम्र स्वस्थ रह सकते है | सुरक्षा व सावधानी न बरती तो अब कोरोना जैसे संक्रमण को तो - "आ बैल मुझे मार" ही कहेंगे | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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