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प्रथा व लालच के बीच दो दिल मिल न सके | शादी के सात फेरो के बाद अधूरा रहा वह सपना जहाँ एक लड़की यह सोंचती है कि - मेरा होने वाला पति बारात लेकर आएगा और मुझे अपने संग ले जाएगा | मगर उसको कहाँ मालूम था कि सात फेरो के पवित्र बंधन को तोड़कर रिश्तो पर लालच भारी पर जाएगा |
एक मनपसंद मोटरसाईकिल न मिलने से लड़का हुआ नाराज , दूसरी मोटरसाईकिल लेने से किया इंकार |
बात मेरठ के मवाना रोड इंचौली थाना के पबला गाँव की है जहाँ 26 फ़रवरी की शाम को मुरादनगर क्षेत्र के जलालाबाद गाँव से बारात लेकर "विक्रांत" पुत्र ओमवीर लेकर आये थे | विदाई के समय लड़के को मिली स्प्लेंडर , लड़के को मन था हौंडा शाइन बाइक मिले | दामाद को नाराज देख लोग समझाने लगे मगर जमाई माना नहीं और शब्द , व्यवहार सहित रिश्तों को दरकिनार कर दिया जिससे दुल्हन पक्ष के लोग नाराज हो गए |
एक दामाद जिसने कुछ घंटे पूर्व बेटी से रिश्ता जोड़ा है , उसका नजरिया और व्यवहार ससुराल के प्रति ऐसा जिसे किसी भी ससुराल वालो का झेल पाना मुश्किल है | अपने ससुर व ससुराल वालो के लिए ऐसी बातों का इस्तेमाल करते सुनकर लोगों ने दूल्हा , उसकी बहन - बहनोई सहित 7 लोगो को बंधक बना लिया और लड़के की पिटाई कर दी | उसके बाद लड़के को थाने ले गए , पुलिस के हवाले कर केस दर्ज कर दिया |
पुलिस मौके पर पहुंची और सुलह करवाने की कोशिश की परन्तु लड़का अड़ा रहा | सुबह 10 बजे तक हंगामा बरपता रहा | इसी बीच बातो की उत्पीड़न से कुंठित लड़की ससुराल जाने से हीं इंकार कर दिया |
जानकारी के आधार पर पुलिस वालो ने लड़के पक्ष को कहा है कि वे लड़की पक्ष वालो को ढाई लाख रुपया लाकर दे दें | बात निकली तो बहुत दूर तक चली गई | लड़का की बहन - बहनोई , माँ - पिता , भाई सहित दोस्त कोई भी उसे मना न सका | गए थे बारात लेकर लालची मन खाली लौटने पर मजबूर हुआ | घर बसने से पहले हीं उजड़ गया और बंद हो गया दिल का दरवाजा , दो दिल मिल न सके |
इस साल 2023 की यह पहली घटना नहीं है | हम अभी साल के दूसरे माह में चल रहे हैं और ऐसे लड़को का विवाह इस साल हुआ तो हम इसे आखिरी भी नहीं कह सकते | स्थिति जो सामने है लालची मन का , सभी को दिख रहा है |
सोलह श्रृंगार से जड़ित दुल्हन , दुल्हे की खुशियों से वंचित रही | लालची दूल्हा काँटों का गलीचा बिछा दिया | दुल्हन बनी बेटी "आँचल" का आँचल कोड़ा हीं रह गया |
बेटी वाले हो जाइए तैयार , अगर ऐसा हीं होता रहा तो आपके ख़्वाब पर पानी फिरते देर नहीं लगेगी | बेटी दे रहे हैं , यह कम तो नहीं , दहेज़ देना बंद कीजिये | लड़की का हिस्सा लड़की के नाम पर बैंक में डालिए जिससे वह अपना परवरिश स्वयं कर सके और समय आने पर वह अपने लिए एक खुबसूरत हमसफ़र ढूँढ सके |
कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहना तो कहने दीजिये और इससे ऊपर उठकर अपनी बेटी के भविष्य में सितारें जड़ दीजिये | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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