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बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता व कांग्रेस नेता राज बब्बर को MP MLA कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सजा , साथ हीं 8500 रुपये का जुर्माना भी सुनाया | राज बब्बर को मिली यह सजा की घटना 26 साल पुरानी है |
2 मई 1996 को लखनऊ के वजीरगंज में उन्होंने एक चुनाव अधिकारी के साथ मारपीट की थी | उस समय राज बब्बर सपा के प्रत्याशी थे | मतदान केंद्र संख्या 192 / 103 के बूथ संख्या 192 पर जब मतदाताओं का आना बंद हो गया था , तब अधिकारी मतदान केंद्र से बाहर निकलकर खाना खाने जा रहे थे |
तभी राज बाबर अपने साथियों को लेकर केंद्र पर पहुंचे और चुनाव अधिकारी पर फर्जी मतदान का झूठा आरोप लगाना आरम्भ किया | जानकारी के आधार पर उन्होंने उनके साथ मारपीट भी की |
बूथ संख्या 191 में नियुक्त किये गए अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव , पुलिस व अन्य लोगो के बीच बचाव करने के बाद इस गति को रोका गया था |
राज बब्बर के साथ अरविंद यादव पर भी केस दर्ज हुआ था , परन्तु उनकी मृत्यु तब हुई जब यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था | राज बब्बर , अरविंद यादव व अन्य 2 लोगो के खिलाफ चुनाव अधिकारी श्री कृष्ण सिंह राणा ने मामला दर्ज कराया था |
राज बब्बर पर धारा - 143 , 323 , 332 , 353 , 504 और 188 के तहत आरोप दाखिल किये गए थे |
इस मामले में मनोज कुमार श्रीवास्तव , श्री कृष्ण सिंह राणा व शिवकुमार सिंह सहित 2 अन्य गवाहों ने भी इस घटना को लेकर अपनी गवाही दी है |
26 साल पुरानी घटना ने करवट बदली और फंस गए राज बब्बर , जिन्हें मालूम भी न था कि - उस दौर का घटना आज की तारीख में जिंदगी पर दस्तक देगा |
परन्तु अभी कोर्ट ने राहत देते हुए उन्हें जमानत दे दी है |
फिलहाल अभी उन्हें कोर्ट से तो राहत मिल गई , परन्तु पता नहीं ये राहत कब उछाल ले लेगा जिससे उनकी शांत जिंदगी में हलचल मचते हुए जीना हर पल दुश्वार होगा |
इंसान को पता नहीं चल पाता जब नए जोश , नए उमंग , नई उम्र के दौर में वह खड़ा होता है | मन ये नहीं सोंचता कि राह में ठोकरे भी मिलेगी , परन्तु आक्रोश है कि मन में हलचल उठा देता है और इंसान यहीं पर चुक कर जाता है | आक्रोश को हर संभव प्रयास कीजिये रोकने का | गुस्सा को कभी अपने ऊपर हावी मत होने दीजिये , नहीं तो यह जिंदगी उस दोराहे पर लाकर खड़ा कर देगी जहाँ से एक रास्ता अँधेरी नगरी की तरफ बढ़ता है |
26 साल पुराना मामला आज उछाल ले लिया और राज बब्बर बिचलित हो गए होंगे | काश कि वे अपने गुस्से पर काबू पाए होते तो यह दिन जिंदगी में दस्तक न देती | ............. ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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