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बिहार के हाजीपुर जिले में एक महिला ने अपने पति को जेल भेजवाया | यह सूचना पाकर सभी चकित है , वहीं कुछ लोग महिला के इस साहसी कार्य की तारीफ़ भी कर रहे है |
मामला शराब को लेकर उठा और अंजाम जेल की सलाखों तक पहुंचा |
सबसे पहले हम आपको यह बता दे कि - बिहार में सरकार ने शराब पर बैन लगाया है | बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने बिहार को शराब मुक्त राज्य बनाने का फैसला कर घरो का सुख -चैन बरकरार रखने व इंसान को जानवर बनने से रोकने के लिए यह अहम् फैसला लिया | यह जानते हुए कि - बिहार राज्य के खजाने को शराब की बंदी के बाद भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा | बावजूद उन्होंने जनता के पक्ष में सिर्फ फैसला हीं नहीं लिया बल्कि स्वच्छ बिहार / स्वस्थ बिहार बनाने का निर्णय लेते हुए बिहार में शराब बंदी पर मुहर लगा दिया |
यह मामला हाजीपुर सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चंदालय गाँव का है | जहाँ एक व्यक्ति नशे की हालत में अपने घर पहुंचे , यह देख पत्नी को नागवार गुजरा | पत्नी ने पति की शिकायत थाने में दर्ज कर दिया | पुलिस उनके घर पहुंची और उस व्यक्ति को नशे की हालत में पाकर गिरफ्तार कर लिया | व्यक्ति की जाँच करने के बाद यह पाया गया कि उसने शराब का सेवन किया है , जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया |
बिहार की महिला जागरूक है , वह शहर हो या गाँव , वह चाहती है बिहार शराबमुक्त राज्य बने | इसलिए शराब पीये हुए नशे की हालत में कोई भी सामने खड़ा हो , महिला नहीं सोंचने वाली कि उनसे उनका रिश्ता क्या है ? भले हीं वह उनके पति हीं क्यूँ न हो ! यह कानून महिला के सुखी जीवन का एक हथियार कहा जा सकता है , जिससे घर की शांति भंग नहीं होती और पैसे भी बर्बाद नहीं होते | ऐसी महिलाओं से मुख्यमंत्री के कार्य और फैसले को मजबूती भी मिलता है |
जेल जा चुके पति का नाम राजकुमार राय है और इनकी पत्नी का नाम आरती राय |
राजकुमार राय हाजीपुर कोर्ट में एक वकील के साथ मुंशी का काम करते है | पुलिस जब इन्हें गिरफ्तार कर ला रही थी , तो मीडिया ने इनसे पूछा - आपकी पत्नी ने पुलिस में क्यूँ शिकायत की है ? इसपर उनका कहना था - हम कुछ नहीं बोलना चाहते है और वे कन्नी काट गए | क्यूंकि वे अपने इस हड़कत से शर्मसार है |
वहां के SDPO राघव दयाल ने महिला की तारीफ़ करते हुए उन्हें साहसी बताया और उनके द्वारा उठाये गए इस कदम की सराहना की |
आज पति जेल में है | सजा कितने साल की मिली अभी विस्तार से बताना मुश्किल है | क्यूंकि कानून तोड़ने की धारा इनपर लागू की जाएगी | सोंचा जाए तो यह मामूली बात नहीं - कानून तोड़ना या पति को जेल भेजवाना दोनों अहम मुद्दा है और विचारणीय भी | किसको क्या मिला या मिलेगा यह सभी जानते है | जेल भेजना उचित था या अनुचित , उनकी जिंदगी के इस अहम फैसले पर अपनी कोई प्रतिक्रिया देना लाजमी नहीं | हाँ इतना जरुर है कि - सरकारी नियम का उलंघन किसी को भी जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाने से रुकेगा नहीं |
बिहार के लोग सतर्क हो जाए , अब महिला
सोलहवीं शताब्दी वाली नहीं रही जो मन बहलाने का कार्य करे | अब राज्य को
जागरूक बनाने में वे अपना कदम बढ़ा चुकी है | इस बीच एक बात और याद दिला दे -
बिहार देश का पहला राज्य बना जहाँ महिलाओं को 50% भागीदारी का हक़ प्राप्त
हुआ | इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि - जब आधी आबादी महिलाओं की है
तो आधी सत्ता पर भी हक़ महिलाओं का हीं है | ...... ( न्यूज़ / फीचर :-
आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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