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गुजरात के सूरत शहर में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा ने सबके रौंगटे खड़े कर दिए , जब AC बस का कम्प्रेसर फटा और शॉट शर्किट से आग लग गई |
58 सकेंड में हीं लग्जरी बस जलकर ख़ाक हो गई | मगर इससे भी दर्दनाक स्थिति तब उत्पन्न हुई , जब आग लगी हुई बस के अन्दर से एक महिला की आवाज , जो खिड़की से अपना हाथ निकालकर लोगो से अपनी जिंदगी बचाने की गुहार लगा रही थी , मगर किसी ने आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया | इनके पति बस से उतर चुके थे , परन्तु महिला उतर न सकी और आग में झुलसकर उनकी मौत हो गई |
वहीं एक व्यक्ति के घायल होने की भी खबर है , जिन्हें सूरत के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है |
सूचना के आधार पर - मुख्य फायर ब्रिगेड सूरत के ऑफिसर बसंत पारिक ने बताया कि - आरंभिक जांच में पता चला है कि बस में आग शॉट शर्किट से लगा है | वियरिंग के जलते रहने से गर्मी बढ़ गया , जिससे AC कम्प्रेसर में विस्फोट हो गया और आग तेजी से फैला , जिससे 58 सकेंड में ही बस जलकर ख़ाक हो गया | आग की लपटे इतनी भयावह थी कि कोई बस के नजदीक जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका | इस जलती हुई बस का विडियो सामने आया है , जो दिल दहला देने वाला है |
लोगो ने बताया कि - बस कटारगाम इलाके से भावनगर के लिए यात्रा शुरू की थी , उस वक्त कम यात्री थे | बस जब हिराबाग सर्किल में यात्रियों के लिए पहुंची तो अचानक बस से चिंगारी भरका और विस्फोट हुआ | पहले बस के पिछले हिस्से में आग लगी , तभी दूसरे बस के ड्राईवर ने आग को देखकर आगे वाली बस के ड्राईवर को सचेत किया और जानकारी दी कि आपके बस में आग लग चुकी है |
ड्राईवर ने तुरंत बस रोका और यात्रियों को बस से उतरने के लिए कहा | यात्रीगण बस से उतरना आरम्भ किये , कुछ खिड़की से भी कूद पड़े | परन्तु अफ़सोस कि दो तीन मिनट में हीं पूरी बस आग की चपेट में पहुँच चूका था | वहीं एक महिला बस से उतर न सकी और वह पूरी तरह जलकर ख़ाक हो गई | जो दृश्य लोगो ने अपनी आँखों से देखा है , उनका तो बुरा हाल है | वहीं महिला के परिवार वालो पर इस वक्त क्या गुजर रहा होगा , महसूस करने की बात है | इसे शब्दों में लिखना कठिन व बेईमानी है | क्यूंकि इस दर्द का हाल लिखा नहीं जा सकता सिर्फ ....... !
एक बार फिर हम आपको बता दे कि - बस में करीब 15 लोग स्वर थे | इस हादसे को बस एक होनी का नाम दिया जा सकता है और उस महिला के लिए मौत एक कारण बन गया ,बस का शॉट शर्किट में आग लगना | इस हादसे को तमाम उम्र भुलाया नहीं जा सकता , जहाँ जिंदगी देखते हीं देखते तिल - तिल जलती रही और लोग देखते रहे खामोश | चाहकर भी मदद न कर पाना उनकी मज़बूरी थी | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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