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जम्मू कश्मीर की 23 वर्षीय बेटी माव्या सूदन जो इंडियन एयरफोर्स में महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव हासिल करते हुए भारत का नाम रौशन किया है | माव्या सूदन जम्मू कश्मीर की पहली और देश की 12 वीं महिला फाइटर पायलट बनी है |
फोटो :- दैनिक भास्कर के सौजन्य से
ये राजौरी के लम्बेड़ी गाँव की रहने वाली है | इनकी शिक्षा जम्मू के कार्मल कान्वेंट स्कूल से हुई है , उसके बाद माव्या चंडीगढ़ में DAV से राजनीति शास्त्र में स्नातक कर , पिछले साल हीं वायुसेना की प्रवेश परीक्षा पास की थी | यह गर्व की बात है कि शनिवार को हैदराबाद की डुंडीगल अकादमी में हुए पासिंग आउट परेड में माव्या जम्मू कश्मीर की इकलौती महिला फाइटर के रूप में शामिल हुई और एक इतिहास रच दिया |
वायुसेना प्रमुख आर० के० एस० भदौरिया की मौजूदगी में माव्या को वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर नियुक्ति मिली है | पायलट पोशाक में माव्या का व्यक्तित्व काफी निखर रहा है | देश सेवा के प्रति इनका पहला कदम बढ़ा , जिन्हें देखकर आज की बेटियों में माव्या जैसी बनने और स्वयं को सवांरने का जज्बा पैदा हुआ | अब वो भी प्रयास करेंगी कि उनका भी कदम आगे बढ़े |
फोटो :- दैनिक भास्कर के सौजन्य से
यह पूरा श्रेय माव्या के माता - पिता को जाता है | माता - पिता व परिवार एक ऐसे माली होते है , जो अपने बच्चों को ढंग से सींचकर अगर आगे बढाये तो ऐसा हीं व्यक्तित्व पैदा होता है | ये तो आज की बेटियां बारी - बारी से अपनी सोंच व लम्बाई का दर्शन देती रही है | माव्या के पिता विनोद सूदन और माँ सुष्मा सूदन अपनी बेटी की उपलब्धि पर फूलें नहीं समां रही है | उन्होंने बहुत खुश होते हुए कहा - अब वो सिर्फ हमारी नहीं , इस देश की भी बेटी है | साथ हीं आज एक पिता के लिए गर्व का क्षण है | माँ ने कहा कि - मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया है , आज मै बहुत खुश हूँ | उसे अपनी मेहनत का फल मिला है परन्तु उसने हमारा मान बढ़ाया |
माव्या की बहन पुष्पा देवी ने कहा कि - माव्या की यह खबर सुनकर पूरा गाँव ख़ुशी से झूम रहा है | ये स्कूल के दिनों से हीं , एयरफोर्स में जाने को इच्छुक थी और हमेशा फाइटर पायलट बनकर प्लेन उड़ाने की बातें किया करती थी | पुष्पा देवी ने खुश होते हुए कहा - आज उसे हर कोई अपनी बेटी की तरह हीं प्यार कर रहा है | माव्या की एक बहन , जिनका नाम मान्यता सूदन है , ये श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड में जेई के पद पर कार्यरत है , ने कहा - अभी तो उसे और भी सफलता हासिल करना है | वो आज हर किसी की प्रेरणा बन गई है |
फोटो :- जागरण के सौजन्य से
वैसे तो बेटियां सदियों सदी से दिमागी परिपूर्ण और सक्षम है | साथ हीं इन्हें शक्ति की देवी भी कहा गया है | बस रफ़्तार में थोड़ी कमी आ गई | घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी संभालती हुई अपनी उड़ाने भरकर भारत को गौरवान्वित कर रही है , बहुत सारी उलझनों के बीच | वैसे आज भी बेटियों को उतनी स्वतंत्रता या सुविधा नहीं मिल पाती है , नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब हर घर से बेटियां सफलता हासिल करेगी |
अभी माव्या के घर पर बधाई देने वालों का ताँता लगा है | .... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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