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भारतीय मूल के अनिल मेनन बहुत जल्द चाँद पर दस्तक देने पहुँच रहे हैं | इसलिए कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी "नासा" मूल मिशन हेतु 10 ट्रेनिंग एस्ट्रोनॉट का चुनाव किया है |
नासा ने 2030 से पहले बिजली के उत्पादन के लिए परमाणु उर्जा प्रणाली को लगाने का एलान किया है | नासा के अनुसार यह रिएक्टर टिकाऊ और उर्जा शक्ति वाला होगा |दुनियांभर की कंपनी और इंजीनियरों से न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के पोर्टेबल मोडल की मांग की है | इस शर्त के साथ कि - 12 फूट लम्बे , 18 फूट चौड़े रैकेट में चन्द्रमा तक ले जाने में सक्षम होना चाहिए |
अनिल मेनन की उम्र 45 वर्ष है और यह नासा के द्वारा चाँद पर जाने हेतु मिशन का हिस्सा बनने वाले है , साथ हीं भारतीय मूल के पहले व्यक्ति होने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे | चन्द्रमा पर अब तक भारत का कोई भी अन्तरिक्ष यात्री नहीं पहुंचा है , परन्तु अब तक भारत के चार लोग अन्तरिक्ष में जा चुके है , जिसमे राकेश शर्मा भारत के पहले अन्तरिक्ष यात्री बने , जिनका नाम एक इतिहास रच गया | कल्पना चावला भी भारतीय महिला थी , जिनके नाम से सभी परिचित है | सुनीता विलियम्स और राजा चारी ये चारो अन्तरिक्ष यात्रा कर चुके है |
50 साल बाद चाँद पर इंसान का दस्तक की तैयारी में नासा अपने प्रोजेक्ट पर काम कर रही है , जिसमे अनिल मेनन का चुनाव किया गया | 2021 में यह हिस्सेदारी लेने वाले है | फिलहाल ये अमेरिका के एयरफोर्स में लेफ्टिनेंट कर्नल के पोस्ट पर कार्यरत है | साथ ही ये स्पेस एक्स में ये फ्लाइट सर्जन भी रहे | ये अमेरिका के मिनेसोटा में पले बढ़े | 1999 में हार्वर्ड युनिवर्सिटी से न्यूरो बायोलॉजी से ग्रेजुएशन किया , फिर कैलीफोर्निया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद मेडिकल स्कूल से डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की |
मेनन के माता - पिता भारतीय और युकेनियन थे | अनिल मेनन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर नासा के कई अभियान के लिए क्रू फ्लाइट सर्जन की भूमिका भी निभाई |
नासा की तैयारी में अभी दो साल की ट्रेनिंग आरम्भ की जानी है | सूचना के आधार पर हम आपको बता दे कि - इस मिशन में 12 हजार लोगों का आवेदन पाया गया , जिसमे सिर्फ 10 लोगो का चुनाव किया गया है | ये लोग अगले वर्ष जनवरी में टेक्सोस के जॉनसन स्पेस सेंटर पर अपनी हिस्सेदारी दर्ज करेंगे , जिसके बाद इन सभी को दो वर्ष की ट्रेनिंग के लिए स्वयं को तैयार करना है |
प्रशिक्षण पूरी होने के बाद ये नासा की आर्टेमिस जेनरेशन प्रोग्राम का हिस्सा बनेंगे | 2025 में पहली महिला और पुरुष चाँद पर पहुंचेंगे | आपको बता दे कि - अभी तक महिलाओं ने चाँद पर दस्तक नहीं दिया है | मगर इस बार महिलाओं का नाम भी अंकित है , जिससे वे चाँद पर पहुंचकर धरती का अनुभव करेंगी | अभी तक धरती से चाँद को देखने का अनुभव करती रही हैं |
इन 10 प्रतिभागी में अनिल मेनन के साथ यूएस एयरफोर्स के मेजर निकोल एयर्स , मार्कोस बेरियोसो , US नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर जेसिका विटनर और लेफ्टिनेंट डेनिज बर्न हेम , US की मरीन कॉफर्स , पूर्व मेजर ल्युक डेलाने , US नेवी कमांडर जैक हैथवे , क्रिस्टोफर विलियम्स , क्रिस्टीना बिर्चो और आंद्रे डागलस नाम शामिल है |
अनिल मेनन को पोलियो की स्टडी और सपोर्ट के लिए भारत में एक साल के लिए भेजा गया था | 2018 में ये एलन मस्क की स्पेसएक्स ज्वाइन कर पहली ह्युमन फ्लाइट में अपना योगदान दिया है | योगदान के लिए इनकी बहुत लम्बी सूची है जिसमे उन्होंने अपने अनुभव के तौर पर विश्व को ऊपर ले जाने में सक्षम रहे | साथ हीं स्टारशिप के निर्माण एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम लॉन्च में अपना सहयोग दिया |
अभी तक चाँद पर बारह लोग जा चुके है , जिसमे प्रथम व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग थे | जिन्होंने 20 जुलाई 1969 को पहली बार चाँद पर कदम रखा था | ये नेवल एविएटर टेस्ट पायलट और यूनिवर्सिटी प्रोफ़ेसर थे | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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