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इनदिनों सोने के जेवरात के वायरल रसीद पर सबकी नजर है | आखिर किसने बढ़ा दिए सोने पर इतने दाम ? आसमान को छूता महंगाई के इस दौर में लोगो का सोना पहनना तो दुश्वार हुआ , ऐसे में सोने का पानी चढ़वाकर पहने जाने वाले चांदी पर भी अब आम लोगो का जोर नहीं चलता |
इनदिनों सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ वायरल होता हीं रहा है ऐसे में सोने की कीमत का एक रसीद वायरल हुआ जिसे देखकर लोग चौंक गए | मगर आप चौंकिए नहीं क्यूंकि हमारे - आपके घर में भी इतने हीं दाम में जेवरात लाये गए होंगे | हाँ ये अलग बात है कि हर कोई रसीद सहेजकर नहीं रखता मगर यह सत्य है कि - अभी एक तोले सोने की कीमत 52 हजार रुपये है |
1960 के लगभग का आंकड़ा देखा जाए तो - उस समय 1 तोले सोने की कीमत 113 रुपये थी | 113 रुपये आज की तारीख में 50 हजार से ज्यादा कैसे बना ? यह सोंच का विषय है शायद ! शायद वही अच्छे दिन थे और अच्छा वक्त भी जब इतना शोर शराबा , लूटपाट व तबाही नहीं थी | आज की भागमभाग की जिंदगी में लोग हैरान व परेशान है | कई स्टेट ऐसा है जहाँ दहेज़ अपना मुंह फाड़कर बोलता है वहां बेटी वाले की स्थिति कंगाल होती नजर आती है , ऐसे में न मांगने वाले चुप होंगे न देने वाले रुकेंगे खैर .......... |
यह वायरल रसीद 1959 का है यानी की 64 साल पुराना | उस वक्त 1 तोले सोने की कीमत 113 रुपये थी | वायरल रसीद महाराष्ट्र के निंबाजी अष्टेकर दूकान का है | खरीदने वाले का नाम शिवलिंग आत्माराम है |
इससे पहले कुछ ही दिन हुए बुलेट की कीमत का भी रसीद वायरल हुआ था | उससे पूर्व गेंहू का और उससे पूर्व भी कुछ न कुछ ..... ऐसे में आये दिन कुछ न कुछ चौंकाने वाली बातें हमारी आँखों से गुजर जाती है |
अगर हम 3 दशक पूर्व का पन्ना पलटे तो आज हर इंसान व्याकुल होकर ढूंढ रहा , शांति कहाँ खो गई ? जब आदमी , आदमी की खैरियत जानने एक दूसरे के घर जाया करते थे | वह भी एक दौर था आज भी एक दौर है जब बातें / मुलाकातें विडियो कॉलिंग के जरिये हो जाती है |
वायरल की बातों पर कह दें तो कुछ दिन पूर्व एक बहन ने अपने भाई को डिवाइस पर हीं राखी भेज दी थी तो भाई ने भी उपहार डिवाइस पर हीं भेज दिया |
यह सत्य है कि आज पुराने कीमत वापस नहीं आ सकते मगर हम उन पन्नो को पलटकर मुस्कुरा तो जरुर सकते हैं | क्यूंकि महंगाई ने आमलोगों का मुस्कुराना छीन लिया है ऐसे में पुरानी यादें हम सभी से कोई नही छीन सकता | हंसी आती है महंगाई पर , महंगाई पर रोना भी बहुत आता है और जिंदगी तेज रफ़्तार से बढ़ती हीं जाती है , बैलेंस कहीं भी नजर नहीं आता खैर ....... |
वायरल होती इस रसीद पर एक नजर डालिए और मुस्कुरा दीजिये | पुराने दिन नहीं आयेंगे क्यूंकि यह सत्य है जाने वाले कभी लौटकर नहीं आते | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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