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लाल सलाम मिशन 2.0 क्या है ? आइये जानते हैं |
पन्नालाल साहू जी , आपका शुभचिंतक बोल रहा हूँ | मै आपके बारे में सब जनता हूँ | आप प्रतिदिन लाखो के माल का नेपाल में स्मगलिंग करते हैं तो आप 5 लाख का इंतजाम कर लीजिये | जगह और समय का मैसेज आपको मिल जाएगा | हिम्मत से काम नहीं लीजियेगा तो आपका काम ठप हो जाएगा , यह आपके रोजी रोटी का सवाल है ....... "लाल सलाम" |
यह मैसेज 1 अप्रैल को मोतिहारी के घोड़ासहन के 3 दुकानदारों के पास आई है जिसमे पन्नालाल साह रेडीमेड के थोक विक्रेता है वहीं कपड़ा विक्रेता रामबाबू साह व मेन रोड स्थित हिन्द किराना स्टोर के संचालक इंतखाब इन सभी से 5 लाख रुपये फिरौती मांगकर उन्हें धमकाया गया |
हर शातिर दिमाग के पीछे निगरानी में चलनेवाला कोई न कोई वफादार साथी होता है जिसे हम "समय" नाम देते हैं जो ऐसे लोगो को पकड़वाने में साथ देता है | तभी कहा गया है - समय बड़ा बलवान होता है , इसके आगे किसी की भी नहीं चलती |
फिरौती माँगनेवाले का नाम साहेब आलम है और ये एक सरकारी शिक्षक है | ये अपने भाई के साथ फिरौती की कारोबार में लगने की सोंच रहे थे ताकि एक साथ लाखों की संख्या में पैसे बटोर लिए जाए | इसलिए 30 मार्च को एक नया सिमकार्ड निकाला और उसी नंबर से 1 अप्रैल को इन तीनो व्यवसायियों के पास 5 - 5 लाख रुपये रंगदारी का मैसेज भेजा | मैसेज पाकर व्यापारीगण परेशान हो गए और उन्होंने थाना में अपनी वेदना दर्ज कराई |
थानाध्यक्ष ने पता लगवाया तो यह नंबर घोड़ासहन के मध्यविद्यालय भगवानपुर कोटवा के शिक्षक साहेब आलम के नाम पर दर्ज था | साहेब आलम और उनके भाई को हिरासत में लेते हुए पुलिस गहरी पूछताछ में जुटी है | पुलिस ने उनका मोबाइल फ़ोन भी बरामद किया जिससे उन्होंने रंगदारी का मैसेज भेजा था |
शिक्षक के खिलाफ पर्याप्त सबूत है मगर जानकारी के आधार पर आपको बता दे कि अभी तक शिक्षा विभाग की तरफ से इनके लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है | बहुत अफ़सोस की बात है कि एक शिक्षक द्वारा रंगदारी की मांग शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करता है | ऐसे व्यक्ति बच्चो को क्या शिक्षा देंगे ! आनेवाले समय में शिक्षा कहाँ गुम होनेवाला है , कहना मुश्किल है | आदमी इतना ज्यादा तंग है कि सरकारी सर्विस पाकर भी पेट भरता नहीं उनका ! बिजनेस करनेवाले रातदिन मेहनत करके पैसे कमाने में लगे है और इन्हें एक आदमी से 5 लाख रुपये चाहिए जैसे कि कोई बच्चा कलम के लिए 5 रुपया मांग रहा हो |
अब जेल के अन्दर उन्हें क्या मिलेगा सोंचने वाली बात है !
ऎसी करनी किस काम का जहाँ जग के सामने आप मुंह दिखाने के काबिल भी न रहे इसलिए ये मत सोंचो कितना मिला , सोंचो बहुत मिला जितना हमें मिला | तभी खुशियाँ पास रह पाएगी और आप लालच से दूर जिंदगी जी पायेंगे |
तो रंगदारी न देने के अंजाम से पहले रंगदारी मांगना एक शिक्षक को कितना भारी पड़ा , महसूस करके देखिये तो रूह काँप जाएगा इसलिए मेहनत करना जरुरी है और यहीं फल मीठा है | ............. ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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