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वर्षो पहले दहेज़ को लेकर बेटियों को जला देने की खबर सुनकर रुह काँप जाया करता था और लगता था कैसे परिवार में बेटियों का विवाह हो गया ? वहीं इनदिनों लड़को की जिंदगी में भी अकाल मृत्यु घर करता आ रहा है | खबरे सुनकर अपने भारतीय संस्कृति पर बहुत सारे सवाल खड़े हो रहे हैं | आखिर एक पति के मौत के पीछे पत्नी का हाथ और पत्नी के मौत के पीछे पति का हाथ जिसमे एक को जेल में कैद होना लाजमी है | आखिर ऐसा कब तक चलता रहेगा !
7 अप्रैल को भी कुछ ऐसा हीं हुआ जब एक पत्नी और उसके बॉय फ्रेंड ने मिलकर पति को जिंदगी से हटाने का काम किया | पति तो गुनाह के उस मौके पर हीं दम तोड़ दिया वहीं पत्नी और प्रेमी दोनों जेल के अन्दर कैद है |
मनीष सैनी जो रायबरेली के रहनेवाले थे और ये सरकारी सर्विस में थे | बीडीई से इन्होने रिटायर्मेंट लेकर अपना बिजनेस शुरू किया और बेहतर जिंदगी जी रहे थे | इनकी पत्नी रूबी जो एक गाँव से विलोंग करती है | इन दोनों के 3 बच्चे हैं जिसमे बड़े की उम्र 14 वर्ष है |
पत्नी रूबी का कई लोगो से संपर्क रहा यह बात न ससुराल वालो को पता था न मनीष सैनी को | क्यूंकि बच्चे होने के बाद पति पत्नी का दृष्टि एक दुसरे के प्रति संदेह के घेरे में नहीं होता | मनीष सैनी को जब अपनी पत्नी की हड़कत कुछ अजीब सा लगा और उनका मोबाइल अक्सर बीजी हुआ करता था तो उन्होंने पता लगाना शुरू किया कि आखिरकार पत्नी की बाते किससे होती रहती है ?
पहले तो उन्होंने रूबी को समझाना शुरू किया और पत्नी की पुरानी बाते वो भूल गए | वहीं रूबी की आदत नहीं बदली तो मनीष ने इनकी मायकेवाले से सुधरने की बाते कही | मनीष ने रूबी को 3 बच्चो की माँ होने का भी एहसास दिलाया | ऐसे में रूबी को थोड़ा सुधरा हुआ मनीष ने पाया मगर यह सुधार उसकी साजिश थी जिसे मनीष समझ नहीं सका और फिर रूबी की वैसे हीं आदते शुरू हुई |
रूबी को लगा कि पति रोका टोकी करते है इसलिए हमेशा स्वतंत्रता में खलल पड़ता है जबतक यह रहेगा मै ठीक से जी नहीं पाउंगी | मनीष के पास पैसो की कमी नहीं थी | रूबी ने सोंचा - मनीष को रास्ते से हटाकर हम स्वतंत्रत हो जायेंगे फिर अपनी मर्जी चलेगी | रूबी का शातिर दिमाग अपने अफेयर की सूची में से सबसे नजदीकी और विश्वासपात्र दो नाम चुने जिसमे एक पर उन्हें बहुत भरोषा था , नाम था सुनील गौरी |
सुनील गौरी अब तक का आखिरी बॉयफ्रेंड था और नई दोस्ती थी तो इनदोनो में लगाव भी कुछ ज्यादा था | सुनील को भी मनीष से परहेज था क्यूंकि मनीष ने कई दफा उसे रोकने की कोशिश की थी जब रूबी ने सुनील को मनीष को रास्ते से हटाने की बात कही तो सुनील तैयार हो गया |
रूबी ने 5 हजार रुपये सुनील को दिए , सुनील के पास 20 हजार रुपये पहले से था | सुनील बिहार के आरा जिले से एक पिस्टल खरीदकर अपने पास रख लिया | इस बीच रूबी अपने मायके गई और पति को भी यह कहकर बुला लिया कि वहां जागरण का कार्यक्रम किया जा रहा है और मैंने तुम्हारे लिए मन्नत रखी है |
मनीष यह जानकार खुश था कि उसकी पत्नी उसके लिए मन्नतें मानी है | 6 अप्रैल को वह अपने ससुराल पहुंचा तब भी रूबी का मोबाइल पर बात चालू था | मनीष का शक धुंधला नहीं पड़ा और वह फिर रूबी का मोबाइल सर्च करना शुरू किया तो किसी किसी नंबर पर घंटो बात हुआ करती थी |
6 अप्रैल को अचानक रूबी कमरे से बाहर निकली | उसे शौच जाना था और गाँव में ये सभी खेत में हीं शौच जाते है | तभी मनीष भी पीछे चलने लगा यह देखने कि रूबी कहाँ जा रही है ?
जब खेत में रूबी के साथ एक व्यक्ति को आपत्तिजनक स्थिति में देखा तो मनीष चकित होकर अपनी पत्नी से हाथापाई शुरू कर दिया | रूबी के साथ का व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि सुनील गौरी था | सुनील गौरी ने अपने पास से पिस्टल निकाला और उसपर गोली चलाना शुरू कर दिया | सुनील ने 32 बोर के पिस्टल से मनीष की हत्या की और फरार हो गया | इधर रूबी अपने घर आकर सो गई |
गाँव वालो की नजर जब मनीष पर पड़ी जो खून से लथपथ खेत में मृत पड़े थे तो गाँव में हलचल सा मचा | खेत में भीड़ लगी और पुलिस को इसकी सूचना दी गई | पुलिस जब मौके पर आई तो उन्हें पता हीं नहीं चला कि हत्या करने के पीछे का राज क्या है ?
रूबी ने कहा - हो सकता है मनीष के भाई ने हीं इनकी ह्त्या करवाई हो ! जबकि भाई का कहना था कि हत्या के पीछे हमारे भाई के ससुराल वालो का हाथ है |
पुलिस को कुछ समझ नहीं आया मगर रूबी का चेहरा देखकर ऐसा लगा जिसका पति मर गया हो उसकी पत्नी व्याकुल क्यूँ नहीं है ? पुलिस ने रूबी का मोबाइल खंगाला तो देखा कुछ नंबर पर उसकी देर तक बात हुई | 6 अप्रैल को भी जिस नंबर पर बात हुई उसमे सुनील गौरी का नंबर दर्ज था | पुलिस ने इस नंबर पर कॉल कर सुनील को बुलवाया | दोनों के मोबाइल को देखा गया तो मनीष के मर्डर के समय दोनों के मोबाइल का लोकेशन सेम था |
चुकी वहां CCTV कैमरा था नहीं जिससे पुलिस को परेशानी हुई | बावजूद पुलिस ने इस हत्या की गुत्थी 12 घंटे में हीं सुलझा लिया जिसे रूबी और प्रेमी सुनील दोनों ने स्वीकार किया |
7 अप्रैल को केस दर्ज किया गया था और 7 अप्रैल को हीं केस सुलझा लिए गए | रूबी और सुनील को पुलिस ने गिरफ्तार किया साथ में पिस्टल और खोखे भी बरामद किये |
अगर किसी से बने नहीं , साथ रहना एक बोझ बन जाए तो ऐसे में या तो अलग रहें या फिर तलाक ले लें | जीवन अनमोल है इसलिए ह्त्या जैसा कोई पाप नहीं , इस पाप से बचिए और बचाइये स्वयं को | एक पति को भी चाहिए अगर पत्नी शक के घेरे में है , समझाने से भी समझे न तो अलग रहिये कम से कम जान तो बचेगी | इस कलयुग में कुछ और सोंचने की जरुरत नहीं क्यूंकि सब अपनी मनमानी करेंगे | बेहतर है खुबसूरत उपदेश स्वयं पर लागू करके अच्छी जीवन जीए |
अब चलते चलते इतना कहना जरुरी है - उन तीन बच्चो का क्या कसूर जिन्हें इन दोनों ने मिलकर जन्म दिया था ! ............न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से
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