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कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने 18 से 45 वर्ष के आयु के लोगों को मुफ्त टीका उपलब्ध नहीं कराने पर केंद्र से किया सीधा सवाल | उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि :- कीमतों पर नियत्रण किये बिना सरकार बिचौलियों को आने की स्वीकृति क्यूँ दे रही है ? इस टीका रणनीति को वे घोर विफलता करार दे रही है |
प्रियंका गाँधी ने कहा की बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार दूसरों पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकती , क्यूंकि इस समय में पण्डित जवाहरलाल नेहरू नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री है | भारतीय जनता की रक्षा के लिए उन्हें सुदृढ़ कदम आगे बढ़ाना चाहिए | उन्होंने इस कोरोना की महामारी के मर्म की गहराई पर दुख जताते हुए कहा कि :- वे ओछेपन में समय बर्बाद कर रहे हैं |
निःस्वार्थ सेवा , भावना से देश को प्रगति पर लाने वाले एक कर्मठ व स्वाभिमान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा मौजूदा प्रधानमंत्री को पत्र भेजा गया | जिसका जवाब उन्होंने अपने मंत्री हर्षवर्धन द्वारा दिलवाया |
आरोप - प्रत्यारोप में घिसटती भारत की बेकसूर जनता को झेलना पड़ रहा है कोरोना की मार |
प्रियंका गाँधी ने कहा कि , पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा भेजे गए पत्र के जवाब में आरोप लगाते हुए मंत्री हर्षवर्धन ने लिखा था कि :- कोरोना महामारी की दूसरी लहर कांग्रेस शासित राज्यों की वजह से आई है , क्यूंकि वे लोगों को टीका लगाये जाने पर संदेह जताया था | केंद्र सरकार अपनी घोर विफलता को दबाने के लिए एक दूसरी पार्टी पर आरोप - प्रत्यारोप करने की बजाये , बेहतर था कि इस संकट की घड़ी में केंद्र विपक्षी दलों की सुझाव पर रचनात्मक कार्य करती |
इस वक्त हमें , नाजुक स्थिति में राजनीति से कोसों दूर एक साथ खड़े होकर जिंदगी बचाने के लिए पुरजोड़ कोशिश व हल निकालना चाहिए | प्रियंका गाँधी का मानना है कि , प्रचार के लिए टीकों का निर्यात किया गया है | उन्होंने 70 साल आगे की सोंच रखने वाली अपनी पार्टी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि :- दूर दृष्टि और आगे की सोंच रखने वाली सरकार के कारण हीं दुनियां का सबसे बड़ा टीका निर्माता आज भारत में उपलब्ध है | बीते जनवरी से मार्च तक 6 करोड़ टीकों का निर्यात किया गया है | तस्वीरों के साथ खूब प्रचार / प्रसार भी किये गए | भारतीयों को तो सिर्फ तीन से चार करोड़ खुराक टीका मिला है , बाकी खुराक नेपाल , मोरिसस , गुयाना जैसे देशों में भेजा गया | सबसे पहले अपने देश को बचाना जरुरी था |
केंद्र सरकार ने पहला आर्डर जनवरी 2021 में दिया | जबकि विदेशी एजेंसियो ने भारतीय टीका कंपनियों को पहले आर्डर दिया था | केंद्र टीके की रणनीति करते हुए भेदभाव कर रही है |
मालूम हो की अब केंद्र सरकार ने टीका की निर्धारित उम्र सीमा 18 वर्ष से ऊपर कर दी है | सर्वप्रथम उम्र सीमा निर्धारित थी 60 वर्ष व उससे ऊपर फिर बीते 1 अप्रैल से 45 वर्ष से ऊपर के उम्र को निर्धारित किया गया | अब आनेवाली 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन लेने की घोषणा की गई है |
आरोप - प्रत्यारोप लगता रहेगा , देश का हाल ..... ! और लोगों का सफ़र यूँ हीं कटता रहेगा | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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