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कांग्रेस की राष्ट्रिय अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने Covid-19 उन्मूलन को पहली प्राथमिकता देने का प्रयास कराती रही हैं | बंगाल के चुनावी दौरे को भी कांग्रेस ने रद्द कर दिया था | यह सोंचकर कि पहले जनता की जान की प्रवाह करेंगे फिर चुनावी दौरा किया जाएगा |
अब छतीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला लेकर देश की जनता के बीच एक अपनापन और स्वयं को करीब होने का भाव दर्शाते हुए नवा रायपुर में निर्माणाधीन राजभवन मुख्यमंत्री निवास और मंत्रीयों - अधिकारीयों के लिए आरंभ किये गए आवासीय परियोजनाओं का काम पर विराम लगा दिया | साथ हीं नई विधानसभा के निर्माण के लिए जारी टेंडर को भी निरस्त किया |
मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्देश जारी किया गया कि - लोक निर्माण विभाग में कार्य बंद कर दिए जायें , तो सारे ठेकदारों से काम बंद करवा दिया गया |
25 नवम्बर 2019 को हीं राष्ट्रिय अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की मौजूदगी में इस निर्माण का भूमि पूजन कर श्री गणेश किया गया और कार्य जोरों पर आगे बढ़ा | अगले विधानसभा के चुनाव से पूर्व यह भवन बनवाने की पुरजोर तैयारी थी | परन्तु कोरोना काल की इस माहामरी के दौरान कांग्रेस सरकार ने अपना रुख मोड़ लिया और 245 करोड़ 16 लाख और 118 करोड़ के अलग - अलग कार्यों के निविदाओं को निरस्त कर दिया |
विधानसभा निर्माण की बात की जाए तो यह 51 एकड़ में बनेगी , इस भवन में 90 विधायकों के बैठने की क्षमता निहित है |
14 एकड़ जमीन में राजभवन और 8 एकड़ जमीन में मुख्यमंत्री निवास का निर्माण होना है | मुख्यमंत्री आवास , मंत्रीगण व अफसरों के बंगला सहित 164 आवास भी बनाये जाने की तैयारी थी | 2 वर्ष में इस प्रक्रिया को पुरी करने की जिम्मेदारी पुणे कंपनी को दी गई थी | जिसमे 505 करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे |
14 एकड़ में राजभवन के प्रांगन में दरबार हॉल के साथ सचिवालय भवन , कर्मचारी फ्लैट | वही मुख्यमंत्री आवास में 6 बेडरूम , फैमिली व लिविंग रूम , प्राइवेट थियेटर , हेल्थ सेंटर और बड़ी लाइब्रेरी बनना तय है |
अब सभी कार्य पर कांग्रेस सरकार ने रोक लगा दी है | जब तक कोरोना महामारी के तांडव पर लगाम नहीं लग जाता तब तक इस प्रोजेक्ट को पुरी तरह स्थगित रखा जाएगा | माहौल को देखते हुए इस कार्य की गति आरंभ की जायेगी | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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