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पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से पहले लगभग 50 नेता बीजेपी में शामिल हो गए थे , जिसमे 33 नेता TMC के थे | उम्मीद थी कि इस बार पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी | इस लहर के बीच 50 नेता भी हाथ मिलाते हुए आगे बढ़ते चले गए | मगर उन्हें क्या पता था कि , ममता बनर्जी इस लहर के बीच भी भारी पड़ जायेगी और यही हुआ भी |
पश्चिम बंगाल में 294 सीटों में से TMC को 213 सीटें प्राप्त हुआ और बन गई TMC की सरकार | अब पार्टी बदलने वाले नेतागण TMC में वापस आना चाहते है | ये मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि वे अपने पुरानी पार्टी में वापस आने की इच्छा रखते है |
बीजेपी में शामिल हुए , TMC नेता के बीच अजीब उथल - पुथल होने लगी है | उन्हें पछतावा हुआ कि क्यूँ अपना घर छोड़कर बाहर वाले का हाथ थाम लिया ? मतलब जब वर्षों से एक साथ है , तो नतीजा चाहे जैसा भी हो , उस पार्टी पर हीं डटे रहकर मुकाबला करनी चाहिए | मगर पार्टी में ऐसा होता नहीं है , सभी लोग उगते हुए सूरज को हीं प्रणाम करते है , जहाँ कभी - कभी ग्रहण भी लग जाता है |
मुकुल रॉय सबसे बड़ा नाम है | बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रॉय , पश्चिम बंगाल का नतीजा आने के बाद से हीं खामोश है | मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय केंद्र सरकार को एक फेसबुक पोस्ट से घेर लिया है |
उन्होंने लिखा कि - जनता द्वारा चुनी गई सरकार की आलोचना करने से बेहतर है , आत्मनिरीक्षण करना | ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि अंदर हीं अन्दर मुकुल रॉय को एहसास हो रहा है और वे फिर से TMC वापसी की सोंच रख रहे है | जबकि बीजेपी प्रवक्ता समीक भट्टाचार्य ने इसे कोरी अफवाह करार दिया है |
अब ममता बनर्जी अपनी जीत के बाद कुछ नए तरीके से हीं सरकार चलाने की बात सोंच रही है ताकि भविष्य में भी कार्य की गहराई बनी रहे | अब अलग हुए नेतागण की वापसी में काफी मंथन करेंगी | इतना आसान नहीं है कि वे अलग हुते नेतागण को ऐसे हीं अपने टीम में शामिल कर ले |
TMC सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने इस बात पर माटिंग होने की बात कही है , साथ हीं अपना मंतव्य दिया कि अब किसी भी नेता को पुनः वापसी से पहले , यह जवाब देना होगा कि , उन्होंने TMC क्यूँ छोड़ी ? और अगर छोड़ दिया तो फिर BJP छोड़कर पुनः क्यूँ वापस आना चाहती है | सुखेंदु शेखर सहित TMC पार्टी को ऐसा भी लग रहा है कि कहीं बीजेपी वाले , हमारे पार्टी में शामिल होने के बाद पीठ पर वार न कर दें !
सरला मुनमुन को TMC से टिकट दिया गया था , बावजूद वे पार्टी छोड़ दी थी | अब वे पुनः TMC में वापसी करना चाहती है |
ऐसे हीं सोनाली गुहा और फुटबॉल से राजनेता बने दीपेंदु विश्वास ने स्पष्ट कहा है कि - हम TMC में दूबारा शामिल होना चाहते है | सुनाली गुहा जो TMC से चार बार विधायक रही | बीजेपी में जुड़ने के बाद अब पुनः पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनाने के बाद सोशल मीडिया पर उनसे माफ़ी मांगते हुए फिर से वापसी की गुहार लगाईं है |
पश्चिम बंगाल में विपक्ष का कोई अधिकार नहीं होता , वे जीती हुई पार्टी के सहमती के बिना कुछ नहीं कर सकते | तो ऐसे में सिर्फ नाम के नेता बने रहना भला किसे पसंद होगा , अब इसी वजह से वे पार्टी बदलना चाहते है | इसे कहते है उगते हुए सूरज की तरफ दौड़ना | किसी ने लिखा है - "आदमी को चाहिए , वक्त से डर कर रहे , क्या पता किस घड़ी वक्त का बदले मिजाज" | इसलिए नेतागण को अपनी पार्टी में हीं सशक्त बनकर अड़े रहना चाहिए | आज नहीं तो कल , जीत का झंडा तो गड़ेगा हीं | यहीं सोंचकर एक पार्टी में हीं जमे रहना चाहिए , मगर ऐसा होता नहीं | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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