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उत्तरप्रदेश के बलिया जिले में दरवाजे पर आयी हुई बारात को दुल्हन ने बैरंग लौटा दिया |
अब मनमानी कहाँ चलने वाली है , ऐसे लड़को का , जिनके मन में उथल - पुथल होती है कि लड़का तो घी का लड्डू होता है , टेढ़ा भी भला | अपनी प्रतिक्रिया तो हम बाद में देंगे , फिलहाल बारात , दुल्हन लिए बिना क्यूँ लौटी ? यह जानना जरुरी है |
असल में लड़का बारात के समय हीं गुटखा चबा रहा था , इस बात का पता जैसे हीं लड़की को हुआ , कि वो शादी से इंकार कर दी | अब जब बारात तक लड़के को सब्र नहीं तो वे अपने घर में कितना नशा करता होगा !महसूस किया जा सकता है |
सूचना के आधार पर , मनियारी थाना के अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि - मिसरौली गाँव की रहने वाली लड़की की खेजुरी गाँव के युवक से 5 जून को विवाह होना तय हुआ था | शादी के पूर्व की सारे रित - रश्म पुरे हो चुके थे | लड़की दुल्हन बनी , बारात आने की प्रतीक्षा कर रही थी , घर के सारे लोग बारात के स्वागत में लगे हुए थे | दरवाजे पर बारात आयी , खुशियों का दौर चला , पटाखे फोड़े गए | इसी बीच लड़की को पता चला की लड़का गुटखा चबा रहा है | दुल्हन ने यह सुनकर , शादी से इंकार कर दिया | लड़की के इंकार करने के बाद , उसे घंटो मनाया गया | परन्तु लड़की जब नहीं मानी और जिद्द पर अड़ी रही , यह कहते हुए कि - उस शख्स के साथ शादी नहीं कर सकती , जो गुठखा खाता हो |
दुल्हन के इंकार करने के बाद , फिर शादी को रद्द करना पड़ा और परिवार वाले आपसी सहमति से लेनदेन के सभी उपहार को एक - दूसरे को लौटा देने को फैसला किया | सुना था छे फेरे के बाद सातवां फेरा रुक जाता है , तो शादी नहीं होती | परन्तु यहाँ तो बारात हीं लौटा दिया गया |
उत्तरप्रदेश में इसी हफ्ते एक और घटना , जो प्रतापगढ़ जिले कि है |
सूचना के आधार पर यहाँ भी , दुल्हन ने आयी हुई बारात को इसलिए लौटा दिया कि लड़का , लड़की को साथ में नाचने के लिए मजबूर कर रहा था | स्थिति पुलिस तक को बुलाने पर मजबूर हुई | पता चला लड़का नशे की हालत में ऐसा कर रहा था | पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शादी को रद्द कर दी गई | दुल्हे के परिवार ने शादी में दिए गए लड़की वालो के तरफ से उपहार स्वरुप सभी कुछ वापस कर देने पर अपनी सहमति व्यक्त की |
तो हम थे घी की लड्डू पर | तो लड़के ऐसा सोंचते है , हम जैसे भी है , हमें स्वीकार कर लिया जायेगा | लेकिन अब सोलहवीं सताब्दी तो रही नहीं इसलिए घी का लड्डू अब टेढ़ा नहीं चलेगा | आज की युग की लड़किया हर हाल में लड्डू घी का हो या रिफाइन का , उसमे भरपूर सुन्दरता देखना चाहती है | मतलब की लड़के की परवरिश , चूकि जिंदगी पैसों से ज्यादा सुन्दर व्यक्तित्व और शालीन प्रवृति से निखार लाती है | इसलिए खरीद - बेच तो बहुत पहले से होता रहा है | अधिकांशतः दूल्हा तो बिकता हीं आया है और बिकता हीं रहेगा |
लेकिन ! पहले के जमाने में कुछ भी बिक जाना आसान था | जैसे 12 वर्ष की लड़की और 45 वर्ष का लड़का | परिवार , समाज सभी मौन और लड़की की तो हिम्मत हीं नहीं चूं तक बोलने की और उम्र के अनुसार 12 वर्ष की बेटियां भला क्या बोले ! परन्तु आज दूल्हा वहीं है सिर्फ खरीदारी बदल गया | अब सिर्फ माँ - पिता की मर्जी नहीं चलती , अब मर्जी लड़की की भी चलती है , जिन्हें जीवन निभाना पड़ता है | वो शहर हो या गाँव | तो लड़के सतर्क हो जाए , अपने व्यवहार से , नहीं तो ऐसे हीं बारात लौटा दी जायेगी | जो परिवार के लिए , समाज और देश के लिए सुखद सन्देश नहीं | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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