Breaking News
यूँ तो सभी जानते है कि , आम को फलों का राजा कहा जाता है , वहीं मल्लिका के रूप में सेब अपनी पहचान बना चुकी है | सिर्फ सेहत की नजर से नहीं , सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में भी | खैर ..... चाहे कुछ भी हो , सेब का क्या कहना ? जो सदाबहार फल है | हर मौसम में मिलने वाली , हर जगहों पर पाए जाने वाली , रूप में खुबसूरत , रंगों में मनमोहक , जो दूर से हीं देखकर मन में हलचल मचा दे , खाने को |
सेब सिर्फ खाने में मीठा व पेट भरने जैसा नहीं है , इसके साथ हीं सेब में कई गुण भी पाए गए है | बहुत कम लोग जानते है कि, इसके लागातार सेवन से बहुत सारी बीमारियों का जड़ से सफाया होता है | मधुमय , हृदयरोग जैसे कई रोग से यह निजात दिलाती है | वहीं सेब में एंटी ऑक्सीडेंटस भी है , जो कैंसर से हर किसी की सुरक्षा करती है | विज्ञान में इसे मसूसडोमेस्टिका कहते हैं | ऐसा तो इसकी उत्पति कहाँ और किस जगह हुई कहना मुश्किल है ! लोग पूर्णरूपेण नहीं जानते | इसलिए की यह हजारों साल पुरानी बातें है , लेकिन इसका मुख्य स्थान मध्य एशिया है | इसके अलावा यूरोप में भी इसके पेड़ लगाए जाने लगे | हजारों सालों से यह एशिया और यूरोप में लागाकर अत्यधिक संख्या में इसे उत्तरी अमेरिका में बेचा जाता रहा है | इसका ग्रीक और यूरोप में धार्मिक महत्व है |
सेब के इतिहास की जानकारी का श्रेय सिकन्दर महान को दिया जाता है | वह मध्य एशिया में जब आये , तब इस फल के बारे में जाना और उन्हीं के कारण नॉर्स , इंग्लैण्ड के लोगों ने इस फल को देवताओं द्वारा दिया गया उपहार माना | वहीं इंग्लैण्ड में जर्मन लोगों के शुरूआती दौर में कब्र में पाया गया , जो एक प्रतिक के रूप में बनाया जाता है |
लोगों में यह चर्चा का सवाल है कि - मोटे व्यक्ति को सेब नहीं खानी चाहिए | लेकिन मोटे व्यक्ति में हीं हृदयरोग अधिकतर पाया गया है | सेब में हृदय मजबूत करने जैसे सभी गुण मौजूद है | इसलिए सुनी सुनाई बातों को नजरअंदाज कर , हमेशा डॉक्टर से सही सलाह लेकर हीं हर फल का सही रूप में सेवन करना चाहिए | फिर भी जिन्हें यकीन न हो और मोटापा बढ़ जाने का डर हो , तो वे लोग जान लें कि सेब में 0% कैलोरी है | सेब का ज्यूस आसानी से सेवन किया जा सकता है | लेकिन किसी भी फल का ज्यूस पिने से पूर्व , इस बात का ख्याल रखे कि उसमे कम से कम 20% शुद्ध जल की मात्रा जरुर मिला लें और रस को थोड़ी - थोड़ी पीये | जल्दीबाजी में अधिकांशतः लोग ज्यूस खरीदते है और गटक जाते है | कार्य की अधिकता के कारण अक्सर ऐसा देखा जाता है , जो गलत है |
कहा गया है - अपनी पाचन शक्ति ठीक और संतुलित रखनी हो तो , खाना को इतना चबा - चबा कर खाइए की वह पानी बन जाए और पानी को खाने की तरह , थोड़ी - थोड़ी घूंट लेकर -पीजिये , जिससे आपका हाजमा व स्वास्थ बना रहेगा |
सेब में पोटेशियम , कैल्शियम , फास्फोरस , मैग्नेशियम , आयरन , कॉपर और जिंक की मात्रा होने की वजह से यह आपकी त्वचा के दाग - धब्बे को दूर कर चेहरे की रंगत भी निखारती है | इसका जेली लगाने से चेहरा सुन्दर व मुलायम होता है , जिन्हें दिमाग की बिमारी हो तो उन्हें भी नियमित रूप से सेब खानी चाहिए | पार्किसन और अल्जाइमर आदि में आराम मिलता है |
कश्मीर को भारत का जन्नत कहा गया है और फलों की मल्लिका सेब का घर हीं कश्मीर में है | यह कहना - शायद ! अतिश्योक्ति न होगा की हर भारतीय का मन कश्मीर और सेब दोनों नाम सुनते हीं तरोताजा हो जाता है | तो सोचा जा सकता है कि , जब नाम में इतनी शक्ति व गुण है तो फिर ..... |
उपरोक्त सभी बातें सेब के गुण के बारे में बताती है | मगर यहाँ हम सेब में पाई जाने वाली अवगुण की भी चर्चा करने वाले है , जो समझना बेहद जरुरी है :-
तो हम आपको बता दे कि - सेब में पाए जाने वाले बीज , इतने जहरीले होते है कि भूल से भी पेट के अन्दर चला जाये , तो वो धीरे - धीरे सड़ने के बाद जहर का रूप ले लेता है | अगर ज्यादा संख्या में इसका सेवन किया जाए , तो इंसान की जान पर खतरा भी मंडरा सकता है | इसलिए कि सेब के बीज में अमिगडलिन नामक तत्व पाया जाता है और जब यह तत्व इंसान के पाचन संबंधी एंजाइम के संपर्क में आता है तो यह सायनाइड रिलीज करता है और आप सायनाइड के विषय में जानते होंगे की यह कितना खतरनाक होता है | हालाकि , सायनाइड पर विस्तृत रूप से , हम फीचर , दूसरे फेज में प्रस्तुत करेंगे , जिससे आप प्रयाप्त जानकारी ले सकते है |
फिलहाल सेब हर तरह से गुणकारी है | बीज निकाल कर खाइए और बीज निकालकर ज्यूस बनाइये | बाजार के ज्यूस में बीज निकाल देने के गारंटी नहीं मिलेगी कि उसमे बीज न हो | इसलिए अधिकांशतः सेब का ज्यूस घर में हीं बनाए , निगरानी के साथ | बाकी सेब तो बच्चे , बूढ़े और जवान सबके लिए लाभकारी है | ........ ( स्वास्थ्य / सौन्दर्य फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
रिपोर्टर