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बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के गोबरसही इलाके में एक परिवार द्वारा अपने दमाद के खिलाफ सदर थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाने का मामला सामने आया है | पुलिस मनोवैज्ञानिक आधार पर इस मामले की छानबीन करने हेतु कदम बढ़ाने के लिए अग्रसर है | दमाद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर , घर वालों का कहना है कि - उन्होंने अपनी बेटी की शादी मधुबनी निवासी विनोद सहाय , जो उनके दमाद है के साथ की थी |
विनोद सहाय काफी समय से ससुराल में रहते थे | इनलोगों के साथ रहने के क्रम में वो अपनी साली से हंसी - मजाक करते थे | हालाकि घर वालों ने , किसी प्रकार का शक नहीं किया | क्यूंकि यह रिश्ता हीं कुछ ऐसा था , जिसमे थोड़ी - बहुत हंसी खेल के बिना रिश्ते नीरस लगेंगे | परन्तु इसका यह भी मतलब नहीं कि रिश्तों में हद को पार कर लिया जाए | माना गया है - साली छोटी बहन या बेटी की तरह होती है | वैसे हीं देवर भी छोटा भाई या बेटा की तरह माना जाता है | तो फिर , इन रिश्तों का चीरहरण क्यूँ ?
गोबरसही में रहते हुए विनोद सहाय अपने ससुराल में अजीबों - गरीब हरकत करते दिखे | अपनी बहन के साथ इस तरह की हरकत से बाज आकर बड़ी बहन ने अपनी पति का विरोध किया | किन्तु दोनों पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा | स्थिति अब गंभीर होती जा रही थी और हांथों से रिश्तों की डोर बौना जान पड़ने लगा , तो घर वाले व लड़की पक्ष के लोगों ने दमाद को हीं समझाने का काम किया | सोंचा किसी तरह स्थिति यहीं संभाल ली जाए , परन्तु डोर संभालने के क्रम में और भी ज्यादा ढीला पर गया | नाबालिग बहन को भी समझाने का प्रयास किया गया कि - बड़ी बहन की जिंदगी का सवाल है | लेकिन पति और बहन के पास रिश्तों के कोई मायने नहीं दिखे |
बड़ी लड़की अपनी पति के आसपास , छोटी बहन को जाने पर या दोस्ती पर रोक करने का पूरा विरोध करती | लेकिन जब डोर हीं हाथ से छूट जाए तो पतंग पर अंकुश कैसे लगाए जा सकता है ? घर का माहौल कुछ अजीबो - गरीब सा बनता जा रहा था | अब विनोद सहाय के ससुराल वालों ने अपने दमाद से सख्ती से पेश आये , जिसके बाद दोनों में विवाद गहराता गया और दमाद विनोद सहाय अपने घर मधुबनी लौट गए |
बीते 10 जून को नाबालिग 16 वर्षीय साली , अपनी दो सहेली के साथ कपड़ा खरीदने गोबरसही चौक गई थी | सारा दिन गुजर जाने के बाद जब वह वापस नहीं आयी तो उनके घर वाले अपने स्तर से खोजना शुरू किया | रिश्तेदार व उसके साहिलियों के बीच भी पड़ताल किया| जब कहीं पता नहीं चला तो घर वाले हैरान - परेशान अपने घर वापस आये |
फिर वे संदेह के घेरे में परे और सोंचा कि - कहीं यह मिली भगत तो नहीं ! की दमाद ने हीं तो बेटी को नहीं भगा के ले गए ? वे ढूंढने में निराश और नकाम होते हुए शक के आधार पर थाने में हीं सूचना दर्ज करवाई | जिसमे वे नाबालिग बेटी को फुसलाकर , गलत नियत से अपहरण करने का आरोप अपने दमाद पर लगाया |
सूचना के आधार पर - थानाध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि - यह संवेदनशील मामला है | प्राथमिकी दर्ज करने के बाद , आरोपी और उस नाबालिग के मोबाइल की CDR मंगवाई जा रही है | इसके आधार पर आगे की करवाई की जायेगी |
पुलिस तो इस शिकायत पर पूरी जोर लगाते हुए , विनोद सहाय को रिश्तों का खंडन और महत्व समझाने का प्रयास करेगी | लेकिन क्या विनोद सहाय या साली के बीच फिर पहले वाला रिश्ता बन पड़ेगा या फिर ये उसे स्वीकार करेंगे ? क्यूंकि यह परिवार का मामला है , जहाँ दो बेटी और दमाद के बीच बंधन का जुड़ाव व फांसला हो तो , यह कहा नहीं जा सकता कि मामला सुलझना इतना असान होगा !
आज की तारीख में लड़के हो या लड़की , उम्र में भले हीं 14/ 16 हो | परन्तु ये स्वयं को कभी नाबालिग नहीं मानते | काम तो ये व्यस्क वाले कर बैठते हैं | क्यूंकि इन सभी को तो फिल्म , टेलीविजन , शो या सोशल मीडिया आदि पर बढ़ती हुई रिश्तों का दुरूपयोग देखकर , अनुकरण करने की आदत पर जाती है | वह स्वयं की जिंदगी में भी वहीं उतारने लग जाते है |
बहुत सारी फ़िल्में बनती है सुधारने के लिए | लेकिन वहीं कुछ फ़िल्में ऐसी भी होती है , जिससे बच्चें बहक भी जाते है |
उदाहरण के लिए फिल्म "आखिर क्यों" को हीं लिया जाए | इस फिल्म में टीना मुनीम , छोटी बेटी / साली बनी है और जीजा बने है राकेश रौशन | पत्नी के रूप में स्मिता पाटिल है | अब जीजा साली का ड्रामा और बहन को अपने घर बुला लेना , अपने पाँव पर हीं कुल्हाड़ी मारने जैसा हुआ | पति फिसल गए हाथ से और बहन हीं बन गई सौतन और अपने हीं घर से बड़ी बहन को निकल जाना पड़ा |
तो ये तो थी फिल्म , लेकिन आज यहीं फिल्म निजी जिंदगी में हकीकत बनकर उतरती जा रही है | इसे नासमझी कहा जाए या फिर मिली भगत , सोंचना दोनों को होगा ! खासकर बेटी वालों को | यूँ हीं रिश्ते को ढीला मत छोरिये , जहाँ दूसरी बेटी घर में हो | वहीं एक पत्नी को भी अपने पति को बखूबी समझना होगा , चूकी इंसान के बहुत सारे रूप होते है | साली को किस दृष्टि से देखते है , इसे गंभीरता से लेना होगा | सहेली और साली से थोड़ा फांसला बनाकर भी रखना जरुरी है ताकि संबंधों में मखन लगा रहे |
ऐसे हीं एक फिल्म का जिक्र और कर ले तो "सिर्फ तुम" ऐसी फिल्म थी , जिसमे साली बनी प्रिया गिल को उनके जीजा अपनी छोटी बहन और बेटी के सामान हीं मानते रहे | फिल्म के अंत होने तक में जीजा का सम्मान काफी ज्यादा बढ़ गया | फिल्म ऐसी बनानी चाहिए , जिससे सीख मिले |
किसी भी जीजा को अपने ससुराल के प्रति गहरी संवेदना होनी चाहिए | दमाद होने का मतलब होता है , जिम्मेदारी | साला हो या साली , इज्जत दीजिये , वह छोटा हो या बड़ा | ससुराल के रिश्ते में दरार पड़ना सही नहीं , रिश्तों को खूबसूरती से निभाइए | तभी दोनों हाथों में रिश्तों की डोर बंधी रहेगी | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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