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सात फेरे से पहले , बारातियों के स्वागत के बाद , अगर लड़की यह कह दे कि - लड़का सुन्दर नहीं है और शादी करने से इंकार कर दे , तो लड़के के दिल पर क्या गुजरेगा ? महसूस किया जा सकता है !
दसक पूर्व भी बारात लौटती थी | परन्तु दहेज़ न मिलने के कारण या फिर मनमानी तौहफा न मिलने की वजह से | अगर बारात की बात को छोड़ भी दे तो ! विवाह के बाद भी लड़की को मायके में हीं छोड़कर , लड़के वाले सिर्फ अपने बेटे को लेकर लौटते रहे हैं | सिर्फ इसलिए कि लड़की वालों ने उनकी मनमानी के अनुसार प्रयाप्त दहेज़ नहीं दिया |
मगर लॉकडाउन के दौरान अक्सर देखा जा रहा है कि - ज्यादातर लड़कियों ने हीं शादी करने से इंकार कर दिया है और कर रही है | इसके पीछे का कारण क्या है , यह तो कहना मुश्किल है ? परन्तु यह आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक अच्छा सन्देश नहीं है |
दरवाजे पर बारात लग चुकी हो , वरमाला पहनाने की रस्म , अदाएगी और बारातियों के खाना खिलाये जाने के बाद , अगर लड़की स्वयं यह कह दे कि - लड़का सुन्दर नहीं , विवाह नहीं करेंगे , तो यह आठवां अजूबा जरुर होगा | क्यूंकि अभी तक लड़के की सूरत नहीं सीरत देखी जाती रही है | सूरत तो सिर्फ लड़कियों का हीं देखा जाता रहा है | लड़का कामकाजी हो , तो लोग उसे घी का लड्डू कहते है , वह टेढ़ा भी भला | बात सिर्फ पैसों पर अटकती है , कि लड़का कितना पैसा कमाता है ? मगर अब कलयुग में यह बात रही नही ! अब यहाँ मर्जी दोनों का हीं चलता है |
बीते मंगलवार को ऐसा हीं हुआ | जनपत कन्नौज थाना गुरसहायगंज का गाँव रसूलपुर से बारात आयी थी , सरपारपुर में | जहाँ वरमाला के बाद स्वयं लड़की ने शादी करने से इसलिए इंकार कर दिया , क्यूंकि उसकी नजर में लड़का सुन्दर नहीं था | लड़के के पिता ने इस बात की शिकायत थाने में दर्ज करवाया | पुलिस पहुंची , मगर उनके लाख प्रयास के बाद भी बात नहीं बनी | इसलिए कि ऐसे अवसर पर जहाँ व्यक्तिगत मामला हो , वहां पुलिस का काम है समझाना , न कि दबाव देना | सो पुलिस ने प्रयास किया , मगर लड़की नहीं मानी और अपनी जिद्द पर अड़ी रही |
शादी से इंकार के बाद बारातियों के बीच हफरा - तफरी मच गई | लड़का व लड़की पक्ष के रिश्तेदारों के बीच जब बातें हुई तो यह भी स्पष्ट हुआ कि - लड़की वालो के मन में ऐसा शक पैदा हुआ कि , लड़के के पक्ष वालों ने लड़की के लिए जेवर व कपड़ा भी साथ नहीं लाये हैं , तो वह शादी नहीं करेंगे | इस निर्णय के बाद अधिकांशतः बाराती वापस चले गए | वहीं लड़के पक्ष से परिवार व कुछ मुख्य रिश्तेदार रुके रहे और बातों का तीर चलता रहा , चुभता रहा दोनों परिवार वालों को और मन को छलनी करता चला गया | जहाँ एक परिवार बनना था वहीं दोनों में और भी दूरियां बढ़ती चली गई |
( फोटो :- अमर उज्जला के सौजन्य से )
दुल्हे के पिता ने थाने में शिकायत दर्ज की थी , क्यूंकि उनकी प्रतिष्ठा पर बनी और उनके बेटे के दिल पर आघात पहुंचा | लड़के के पिता ने सोंचा पुलिस के द्वारा बात बन जायेगी | मगर बीते बुधवार को पुलिस लड़की वालो के घर पहुंची और समझाने के प्रयास भी किया | परन्तु लड़की वालों ने जब शादी करने से साफ़ इंकार कर दिया , तो दोनों पक्ष को थाना लाया गया | तभी लड़की पक्ष के महिलायें भी ट्रेक्टर पर सवार होकर थाने पहुँच गई | पुलिस ने महिलाओं को समझाकर वापस भेज दिया |
( फोटो : अमर उज्जला के सौजन्य से )
लड़के के पिता ने कहा कि - बारात से पहले गोद भराई की रस्म थी , उसमे लड़की ने लडके को देखा था | तो उसी वक्त शादी से इंकार कर देती | लड़की के लिए कपड़े और जेवर न लाने के बात पर भी , लड़के के पिता ने कहा कि - वे जेवर और कपड़ें लेकर आये हैं | वरमाला के बाद हीं विवाद आरम्भ हो गया , तो वह कपड़ा और जेवर किसे देते ? वह अभी पास में हीं है | पुलिस ने शाम तक समझाने का प्रयास किया कि - लड़की वाले मान जाए और विवाह संपन्न हो जाए , परन्तु ऐसा नहीं हो सका | सूचना के आधार पर संभवतया लड़की को भी थाने में बुलाया गया था और थाने में भी लड़की ने विवाह करने से इंकार कर दिया | इसके बाद दोनों पक्ष के लोग अपने - अपने घर वापस चले गए |
( फोटो :- अमर उज्जला के सौजन्य से )
बारात आयी थी धूमधाम से , मगर बैरंग लौट गई | लड़का भी मायुस , परिवार भी परेशान , मगर लड़की वालों पर कोई असर / प्रभाव न पड़ा | इसका वजह सिर्फ नासमझी कहा जा सकता है | किसी के भी प्रतिष्ठा से खिलवाड़ करना उचित नहीं | शादी दो परिवारों के मेल से एक बड़ा परिवार बनने का नाम है , न कि छोटी - छोटी गलतियों से एक दूसरे को नीचा दिखाना |
आज के आधुनिक परिवेश में जहाँ टीवी घर - घर पहुँच चूका है | ऐसे में शादी से पूर्व लड़के या लड़की एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं , फिर शादी फिक्स होता है | माँ - पिता अपनी पसंद से बेटे या बेटी की शादी तय करते है , तो आज के दौर में तो ऐसा हीं होगा | जहाँ पिता , होने वाले दामाद की सीरत को पसंद करेंगे , तो बेटी होने वाले पति की सूरत | अब जिसे संग रहना है , उनकी पसंद हीं अहमियत रखी जानी चाहिए | अब पहले का जमाना रहा नहीं , जहाँ अपनी पसंद बच्चों पर थोपे जाए | इसलिए समझदारी इसी में है कि , बच्चों की भविष्य की बातें बच्चों से हीं की जाए |
सूरत और सीरत दूर से दिखाई देने की चीज है | परन्तु वहीं सूरत से ज्यादा सीरत टिकाऊ होता है | यह लड़की और लड़के दोनों के लिए है , तो शादी जैसे बंधन को गंभीरता से ले न कि चेहरे की सुन्दरता से | खास कर रिश्ते तय हो जाने के बाद | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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