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बीते सप्ताह इंदौर के LIG चौराहे पर एक 25 वर्षीय युवक भीख मांग रहा था | ट्रैफिक पुलिस की नजर उसपर पड़ी , तो उन्हें तरस आ गया और वे भावविहल हो गए | उन्होंने सोंचा - इतने कम उम्र में लड़के का एक हाथ नहीं है और आज विज्ञान का ज़माना है , तो उसका नकली हाथ बनवाकर ठीक कर देंगे |
जब ट्रैफिक पुलिस उसके पास पहुंची और उसका हाथ देखना चाहा , तो वह युवक झपटा मारकर भाग निकला | पुलिस उसके पीछे दौड़ पड़ी और उसे अपनी लम्बी हाथों से पकड़ लिया | पकड़ने के बाद पुलिस की आँखें आश्चर्य से उस युवक को देखती चली गई , यह क्या ? उसके तो दोनों हीं हाथ थे | वह 25 वर्षीय युवक ने अपना एक हाथ कुर्ते में इस कदर छुपाया था कि देखने वाले को वह दिव्यांग लगे | कटे हाथ का स्ट्रकचर भी उसने तैयार कर रखा था |
भिखारी का विडियो देखने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करे :-
पकड़े जाने पर उसने स्वीकार किया कि - उसका एक गैंग है और दिल्ली पुलिस ने उसे ट्रेस कर वहां से भगाई थी | इसके बाद वह इंदौर सहित कई जिले में जम गए | ट्रैफिक पुलिस के जवान जिनका नाम सुमंत सिंह है , उस अपाहिज बने व्यक्ति को MIG थाने ले गई |
दिल्ली पुलिस ने एक अभियान शुरू किया था - जिसमे झूठ बोलकर / दिव्यांग बन भीख माँगने वालो के खिलाफ एक अभियान चलाया था | उस दौरान कितने लोगों को जेल के अन्दर भी डाला गया और कितने लोगों को दिल्ली से भगा दिया गया | डरकर लोग इधर - उधर भागना शुरू कर दिए जिससे की उन्हें किसी राज्य / जिला में रहने का आसरा मिल जाए |
आसरा तो इन्हें मिल गया , परन्तु आदत इनकी छुटी नहीं | इंदौर में अभी भी दूसरी गैंग चल रही है , जो एक्सीडेंट का झूठ बोलकर छिना - झपटी का काम कर रही है | ऐसे हीं एक गैंग को इंदौर पुलिस ने पकड़ा भी था | पूर्व के दिनों में तो भिखारियों के नई चाल का नजारा सिर्फ बॉलीवुड फिल्मों में हीं देखने को मिलता था , जिसमे उनके लीडर भी हुआ करते थे | अब तो यह ला - इलाज बिमारी उभरकर देश के राज्य सहित छोटे - छोटे कस्बों में भी महामारी की तरह फैलता जा रहा है | समय रहते इन्हें नहीं रोका गया , तो भारत का दृश्य कुछ अलग हीं दिखाई पड़ने वाला है |
फिलहाल भिखारियों की नई चाल देखकर लोग आश्चर्य में है | ईश्वर ने इन्हें स्वस्थ बनाकर धरती पर भेजा है , पर इन्हें कबूल नहीं | इनपर दिव्यांग बनने का भूत सवार है | काश ! अपने स्वस्थ शरीर को स्वयं और लोगों को आगे बढ़ने - बढ़ाने में लगाते | मगर नहीं , ये सभी को बैठकर मलाई खाना बढ़िया लगता है | काश ! की यह जान पाते दिव्यांग का दर्द , तो ये कभी दिव्यांग बनने की कोशिश नहीं करते |
यह विडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है | अपाहिज भिखारी बनने का इनका ढोंग कबतक और कहाँ तक चल पायेगा ? जबकि अब इंदौर में भिखारियों की धड़ - पकड़ अभियान तेज हो रही है | फिर भी लोगों को सचेत रहने की जरुरत है ,, कभी भी , कुछ भी हो सकता है | क्यूंकि ऐसे लोग शातिर दिमाग के होते हैं - अच्छाई की तरफ कम भागते हैं , बुराई की भीड़ में गुम होना इन्हें पसंद है |
दिल्ली
से भगाए गए तो इंदौर जैसे कई शहर में आ पहुंचे | अब इंदौर में पकड़े गए ,
तो अब कहाँ जायेंगे आसरा लेने ! जिंदगी क्या है ? ऐसे लोगों ने अबतक नहीं
जाना और न हीं हमारे देश के महान लोग इन्हें जानने का मौका हीं दिया |
अच्छा होता कि इन्हें 5 / 10 रुपये नहीं देते हुए एक छोटे से स्टॉल मुहैया
करा देते | अपने भारत में लोग भीख मांगते है , अच्छा नहीं लगता | ऐसे देश
के लिए जहाँ की सोंच आज चाँद तक पहुंचती है और सिर्फ पहुंचती हीं नहीं ,
वहां तक अपने कदमों को भी डाल चुकी है | ऐसे देश में भिखारियों की स्थिति
देखकर क्या ऐसा नहीं लगता कि विकास अभी बहुत बाकी है ! ........ ( न्यूज़ /
फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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