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2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से हीं आरम्भ हो चूका है | पार्टी अपनी मजबूती में लगी है , जहाँ एक तरफ बीजेपी अपने नए मंत्रिमंडल का गठन व मुख्यमंत्री के पद पर नए चेहरे को बिठाकर अपनी मजबूती सुदृढ़ करने में लगी है | वहीं इस बार गाँधी परिवार भी कांग्रेस को मजबूती देने के लिए पूरी तैयारी से मैदान में उतरने की कोशिश में है |
सूचना के आधार पर हम आपको बता दे कि - संभवतया कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा जो उत्तरप्रदेश की प्रभारी भी है , इस बार रायबरेली या अमेठी सीट से चुनाव लड़ सकती है | गाँधी परिवार के लिए यह पहली बार होगा , जो विधानसभा सीट के लिए चुनाव लड़ेंगी | अभी तक गाँधी परिवार के सदस्यों ने लोकसभा सीट के लिए हीं चुनाव में खड़े हुए हैं |
2024 के लोकसभा चुनाव के लिए , उत्तरप्रदेश में चुनौती देने के लिए तैयारी की शुरुआत व फैसला किया जा रहा है | प्रियंका गाँधी अगर मैदान में उतरती है , तो वहां का माहौल हीं कुछ और हो जाएगा | उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को एक नई ताकत मिल सकती है | प्रशांत किशोर ने भी प्रियंका गाँधी को सुझाव दिया था कि -उन्हें स्वयं चुनाव के मैदान में उतरना चाहिए |
यह सभी जानते है कि - अमेठी से राहुल गाँधी की हार हुई थी , जिसमे स्मृति ईरानी ने उन्हें दबाते हुए अपनी जीत को उभारा था | हालाकि प्रियंका गाँधी की तरफ से अभी ऐसा कोई भी संकेत सामने नहीं आया है , फिर भी सूत्रों के अनुसार - प्रियंका गांधी ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है और रायबरेली , अमेठी की डेटा जुटाए जा रहे है | जिससे संभावना जाग रही है कि - प्रियंका गांधी इन दोनों जगहों पर कहीं से भी चुनाव लड़ सकती है | साथ हीं ये भी कहा जा सकता है कि - प्रियंका गाँधी की पहली पसंद अमेठी है |
अपने भाई के करारा हार को जीत में बदलने की तैयारी प्रियंका गाँधी अभी से कर रही हैं | आने वाले 2024 का लोकसभा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा ? यह तो कहना अभी मुश्किल है ! मगर ये कहा जा सकता है कि - जब प्रियंका गाँधी क्षेत्र में उतरेगी , तो लोकसभा प्रतिभागी के लिए यह बहुत हीं मजबूती का काम होगा | ऐसा इसलिए कि राहुल गाँधी के चुनाव हार जाने के बाद वहां गाँधी परिवार का दबदबा कम हुआ है और थोड़ी लोकप्रियता में गिरावट आई है |
कांग्रेस के चेयरपर्सन सोनिया गाँधी भी अपनी सेहत को लेकर रायबरेली में जनता से संपर्क कर पाने में थोड़ी अलग - थलग है और इसमे कमी आई है | प्रियंका गांधी को उतरने से जनता के साथ कांग्रेस का तालमेल मजबूती से बैठ सकता है | क्यूंकि रायबरेली और अमेठी , दोनों हीं गाँधी परिवार का गढ़ रहा है | प्रियंका गाँधी की यह सोंच है कि - वह इस गढ़ को कमजोर नहीं होने देने देंगी |
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्सिद ने औपचारिक रूप से प्रियंका गाँधी के विधासभा में उतरने की बातें भी कह दी है |
रायबरेली में 1952 लेकर 2019 तक में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार 3 बार हीं हुई है | रायबरेली से फिरोज गाँधी , इंदिरा गाँधी , शिला कौल , अरुण नेहरू और सतीश शर्मा , ये सभी लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे |
अमेठी में भी कांग्रेस को लगातार जीत होती रही | दो - तीन दफा हीं कांग्रेस की हार हुई है , जिसमे 1977 में इमरजेंसी के बाद कांग्रेस यहाँ से पहली बार हारी | इसके बाद 1980 में संजय गाँधी यहाँ से सांसद बने | संजय गाँधी की मृत्यु के बाद राजीव गाँधी का यह क्षेत्र बन गया | पति के बाद 1999 से सोनिया गाँधी ने इसका बाग़ डोर संभाला | 2004 , 2009 और 2014 में राहुल गांधी इस क्षेत्र से जीतते हीं रहे | परन्तु माहौल इस तरह करवट बदला की 2019 के चुनाव में जीत का सेहरा स्मृति ईरानी के सर पर बंधा और राहुल गाँधी वहां से हार गए |
अभी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ललु ने एक सर्कुलर जारी किया है | जिसमे 25 दिसंबर तक वे लोग पार्टी फंड में धन इकठ्ठा करने में लगे है , जिसमे प्रति सदस्य 11 हजार रुपये जमा करेंगे | यह उनके लिए , जिन्हें क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट चाहिए |
प्रियंका गाँधी लगातर अमेठी का दौरा कर रही है और जनसंपर्क में लगी है | 12 सितम्बर को भी जनता से मुलाक़ात कर मजबूती का जामा माहौल को पहनाती नजर आ रही हैं | इसबार राहुल गाँधी के हार का बदला एक नई ताकत को बनाते हुए मैदान में उतारने की तैयारी जोरों पर चल रही है | अब देखना है कि - प्रियंका गाँधी के चुनावी मैदान में उतरने का प्रभाव कितना रंग ला पाता है ! ....... ( राजनीति समाचार :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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