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हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज को दिल्ली AIMS में भर्ती कराया गया है , उन्हें साँस लेने में तकलीफ थी | कुछ दिन पहले ये कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे | इसके बाद से हीं उनकी तबियत ठीक नहीं रह रही है |
सोमवार को अचानक उनकी तबियत खराब हो गई , जिससे की उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा | अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIMS ) के चिकित्सकों के अनुसार उनकी जाँच की जा रही है , मर्ज सामने आने के बाद हीं चिकित्सक कुछ स्थिति की गहराई बता पाएंगे |
अनिल विज का आज से पूर्व भी अगस्त माह में ऑक्सीजन लेवल गिर गया था , जिससे की विधानसभा के मानसून सत्र में शामिल नहीं हो पाए | क्यूंकि उस वक्त उन्हें PGI चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था | पिछले साल दिसंबर में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के परिक्षण के दौरान एक खुराक लेने के तुरंत बाद कोरोना संक्रमण से ग्रसित हो गए थे | उस वक्त उन्हें गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था |
लगातार 3 सप्ताह के बाद वे स्वस्थ हो सके थे और अस्पताल से छुट्टी मिली | भारत बायोटेक द्वारा विकसित तीसरे चरण के परिक्षण में इन्होने पहला स्वयं सेवक बनने की पेशकश भी की थी | अनिल विज को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज दिए जा चुके है | लगातार ऑक्सीजन गिरावट के कारण उनके सेहत पर भी असर दिखाई पड़ रहा है | यहीं कारण है कि - सोमवार की देर शाम उन्हें AIMS में भर्ती कराया गया है |
गृहमंत्री अनिल विज के दफ्तर से अभी कुछ हीं दिन पहले सात - आठ विभागों के कई अहम दस्तावेज लीक होने का संदेह सामने आया , जिससे कि पुरे सचिवालय में खलबली मच गई थी | शुक्रवार की शाम सूचनाएं लीक करने वाले आरोपी को सचिवालय से पकड़ लिया गया | अनिल विज ने स्वयं लगभग डेढ़ घंटे तक आरोपी का मोबाइल खंगाला | मोबाइल से करीबन 100 से अधिक दस्तावेजों के फोटो मिले थे | अभी आरोपी पुलिस की हिरासरत में है और सहायक का मोबाइल भी जब्त कर लिया गया है | जिसे CFSL से जाँच कराई जायेगी |
अनिल विज का जन्म 15 मार्च 1953 को अंबाला में हुआ था | इनके पिता रेलवे में अधिकारी थे | इनकी पढ़ाई बनारसी दास स्कूल से हुआ | इन्होने उच्च शिक्षा अंबाला कैंट से प्राप्त की | पढ़ाई के दौरान ये अखिल भारत विद्यार्थी परिषद् से भी जुड़े रहे | 1974 में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में सर्विस की | 16 साल तक उन्होंने अपना महत्वपूर्ण समय बैंक सेवा में दिया |
1990 में जब सुषमा स्वराज राज्यसभा की सदस्या चुनी गई , तो अंबाला कैंट विधानसभा का सीट रिक्त हो गया | ऐसे में अनिल विज ने वहां से चुनाव लड़ने की पेशकश की , जिसके लिए उन्हें SBI की नौकरी छोड़नी पड़ी | किस्मत की घड़ी ने साथ दिया और पहली बार में हीं चुनाव जीत विधायक बनकर हरियाणा विधानसभा पहुंचे |
अनिल विज एक वरिष्ठ नेता है और इन्हें राजनीति के उतार - चढ़ाव का बड़ा हीं अनोखा अनुभव रहा है | जिसके बाद 26 अक्टूबर 2014 को अनिल विज को सरकार में एक कैबिनेट मंत्री के रुप मे शामिल किया गया | अंबाला कैंट सीट से छठी बार जीतकर 2019 में हरियाणा के गृहमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए | अनिल विज बीजेपी के बहुत हीं भरोसेमंद मंत्री रहे है , इसलिए उनके कद को बढ़ाते हुए स्वास्थ्य व गृहमंत्रालय के साथ हीं कई मंत्रालय इन्हें दिए गए |
फिलहाल अभी उनके स्वास्थ्य पर देखरेख की
निहायत जरुरी है | डॉक्टर ने अभी तक उनके सन्दर्भ में कुछ विशेष बातें
सामने नहीं रखी है | पूरी चेकअप और संतुष्ट होने के बाद हीं चिकित्सक उनके
विषय में जानकारी देंगे | फिलहाल इस समय वे AIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया की निगरानी में है | ....... न्यूज़ :- ( भव्याश्री डेस्क )
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