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किसी शायर ने लिखा है - दोस्ती का नाम जिंदगी और जिंदगी का नाम दोस्ती | दोस्ती यानी मित्रता सौहार्द , यूं भी कह सकते हैं - "दो जिस्म एक जान" | दोस्त / दोस्ती शब्द हमारे लिए कोई नया शब्द नहीं है , सदियों से यह शब्द एक मिशाल के तौर पर हमारे इर्द-गिर्द घूमती रही हैं | हमारी जुंबा दोहराती है , हमारे में उत्सुकता भर्ती हैं |
दोस्त और दोस्ती का मिशाल भगवान श्री कन्हैया और उनके परम मित्र सुदामा से बढ़कर और भला क्या हो सकता है ? दोस्ती शब्द का मतलब पूजा है , दिल से दिल का समावेश , बिन कहे बिन सुने हाल-ए-दिल बयां | यह सब ईश्वर का दिया हुआ मीठा और प्यारा खुशबु से भरा रंगीन वरदान है | देखा जाए तो हर किसी को यह वरदान नहीं मिलता , नसीब वाले हीं इसका रसपान कर पाते हैं | जिनके जीवन में एक भी दोस्त ना हो उसका जीवन अधूरा होता है , जैसे शरीर में एक अंग का ना होना हमें अपाहिज बना देता है , वैसे हीं दोस्त के बिना जिंदगी भी परिपूर्ण नहीं होती |
दोस्त तो लोग बहुत बनाते हैं , लेकिन सभी एक जैसे मिशाल के तौर पर खड़े नहीं उतरते | सच्चे दोस्त का मतलब होता है - सुख दुख का साथी , गलतियों को सुधारने वाला , अच्छी राह पर ले जाने वाला सारथी | दोस्ती किसी से भी हो सकता है | यह न उम्र की सीमा देखती है न जाति का बंधन और न हीं अमीरी गरीबी , दोस्ती इससे कहीं ऊपर का नाम है |
लेकिन अफसोस ज्यादा लड़कियों की ही दोस्ती लंबा समय तक नहीं चल पाती | कारण उनकी शादी दूसरे शहर में हो जाना , दूसरे राज्य में या देश से बाहर और लड़कियां वहीं पर मजबूर हो जाती है और इस बंधन का इतिश्री यहीं पर लगने लग जाता है | जहां तक लगता है - उदाहरण अक्सर हम दोस्ती की मिशाल जेंसों को ही दर्शाते हैं , लेकिन महिलाएं मिशाल नहीं बन पाती | लड़के अपनी दोस्ती आखरी सांस तक निभाते हैं लेकिन लड़कियां अपनी दोस्ती शादी होने तक ही निभाती है | ऐसा क्यों ? अगर मन में चाहत हो तो लड़कियां भी बखूबी जिंदगी की आखिरी पड़ाव तक ईमानदारी पूर्वक दोस्ती निभा सकती है | लेकिन उनकी सोंच की - शादी के बाद उनके लिए सिर्फ ससुराल , पति , बच्चे की जिम्मेदारी हीं सब कुछ है और सारा वक्त उन पर हीं खर्च करना अपना फर्ज समझती है | पुरानी जिंदगी के रिश्ते पर धूल जमा होते छोड़ देती है और यह सब उनके लिए धुंधला पर एक दिन निशान तक मिटा जाता है |
इसे बदलना होगा , शब्द जोड़ने होंगे ! आज के इस आधुनिक युग में महिलाएं चाहे तो अपनी दोस्ती को एक मिशाल के तौर पर अमर बना सकती है | जहां - मोबाइल , व्हाट्सएप , फेसबुक , इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है , वहां हम हर देश में संपर्क कर सकते हैं , बातें कर सकते हैं, एक दूसरे को देख सकते हैं | यह सभी अपने दोस्तों के संग जीवन का सुख - दुख , आनंद बांटने का यह एक माध्यम है |
वैसे भी दोस्ती के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है | दोस्त भगवान का एक अनमोल तोहफा है , जिसे हम सब को संभाल कर रखना चाहिए | लड़कियां अपनी सहेलियों से तमाम उम्र दोस्ती निभाने का वादा तो कर ले , ठान ले | ठीक उसी तरह जिस तरह हम ईश्वर की , अल्लाह की , जीसस क्राइस्ट की या वाहे गुरु की अराधना करते है , उन्हें हम कभी भूलते नहीं , जिंदगी की आखरी सांसो पर भी उन्हीं का नाम होता है |
दोस्त का नाम भी चाह ले तो आखरी सांस पर हम सभी लिख सकते हैं | किसी ने लिखा है - दोस्ती नाम है सुख-दुख की कहानी का , दोस्ती नाम है सदा मुस्कुराने का | यह कोई पल भर की पहचान नहीं , दोस्ती नाम है उम्र भर साथ निभाने का | ........ ( फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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